किम जोंग उन का शक्ति प्रदर्शन, फिर दागी बैलिस्टिक मिसाइल
प्योंगयांग, 12 मई : उत्तर कोरिया जब भी बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करता है अमेरिका की भौंहे तन जाती हैं। जानकारी के मुताबिक तानाशाह किम जोंग उन ने एक बार फिर से अज्ञात बैलिस्टिक मिसाइल जापान सागर की ओर दागी है। बता दें कि किम जोंग उन की तानाशाही से जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया हमेशा से परेशान रहे हैं। वह कब कहां मिसाइल दाग देगा इसकी गारंटी कोई नहीं ले सकता है।

अमेरिका दे चुका है चेतावनी
अमेरिका ने कई बार किम जोंग उन की इन हरकतों के लिए चेतावनी दे चुका है मगर तानाशाह को इन सब बातों का कोई फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि, समय-समय पर अमेरिका उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी देता आ रहा है। इससे पहले भी उत्तर कोरिया ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर चुका है। किम जोंग उन को कई बार यह कहते हुए सुना गया है कि उनका देश अमेरिका की ओर से किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए तैयार रहता है, और मिसाइलों का परीक्षण उन तैयारियों में से एक है।

उत्तर कोरिया का तानाशाह सेना को करेगा और मजबूत
किम जोंग उन जब भी बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करते हैं, वे मुस्कराते नजर आते हैं। उत्तर कोरिया के तानाशाह ने अपनी सेना को तमाम तकनीक से लैस बनाने का संकल्प लिया है. किम चाहते हैं कि उनकी सेना किसी भी खतरे, धमकी से न डरे। बता दें कि,अमेरिका के साथ लंबे समय से चले आ रहे टकराव का सामना करने के लिए उत्तर कोरिया खुद को पूरी तरह से तैयार करने में जुटा हुआ है।

किम जोंग उन की तानाशाही
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन जिसकी सनक के किस्से पूरी दुनिया में मशहूर है। उसकी क्रूरता के कई किस्से मशहूर हैं। आखिर क्यों उसका खौफ उत्तर कोरिया के लोगों के दिलों में बसा है। किम जोंग उन ने साल 2013 में अपने ही फूफा को बेरहमी से मरवा दिया था। बताया जाता है कि इससे पहले उत्तर कोरिया में ऐसी खौफनाक सजा किसी को भी नहीं दी गई थी।

खुद को मजबूत कर रहा नॉर्थ कोरिया
खबरों के मुताबिक उत्तर कोरिया अपने शस्त्र भंडार को आधुनिक बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। बता दें कि उत्तर कोरिया, 2017 में तीन आईसीबीएम (ICBM) उड़ान परीक्षणों के साथ अमेरिका से टक्कर लेने के लिए अपना कदम आगे बढ़ता जा रहा है।

दुनिया को चल गया पता
विशेषज्ञों का मानना था कि सबसे बड़ी मिसाइल ह्वासोंग-17 विकसित करने का उत्तर कोरिया का मकसद, रक्षा प्रणालियों को मजबूत करना और सुरक्षा तंत्र को चुस्त और दुरुस्त करना है। ह्वासोंग-17 मिसाइल के बारे में सबसे पहले अक्टूबर 2020 में पूरी दुनिया को पता चला था।