निकी हेली बोलीं- भारत एकमात्र पार्टनर, जो कर सकता है ये काम
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रहीं निकी हेली ने भारत की ज़ोरदार वकालत करते हुए कहा है कि भारत के बिना अमेरिका चीन को नहीं रोक सकता है, इसलिए बाइडन प्रशासन को भारत के साथ साझेदारी बढ़ानी चाहिए.
डोनल्ड ट्रंप ने निकी हेली को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत बनाया था. इसके अलावा निकी हेली अमेरिकी राज्य दक्षिणी कैरोलाइना की 116वीं गवर्नर थीं. निकी हेली रिपब्लिकन पार्टी से हैं और उनका संबंध भारत से भी है. निकी हेली के माता-पिता अमृतसर के थे.
निकी हेली ने अमेरिकी पत्रिका 'फॉरन पॉलिसी' में रिपब्लिकन सांसद माइक वॉल्ट्ज़ के साथ एक लेख लिखा है. इस लेख में निकी हेली ने कहा है कि चीन मध्य और दक्षिण एशिया में और पाँव पसारे, उससे पहले भारत-अमेरिका को साथ मिलकर उसे रोक देना चाहिए.
https://twitter.com/NikkiHaley/status/1452993542142500871
निकी हेली और माइक वॉल्ट्ज़ ने अपने लेख की शुरुआत में ही बाइडन प्रशासन पर हमला बोलते हुए लिखा है, "फ़रवरी महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की थी कि विदेशी नीति के केंद्र में डिप्लोमैसी की वापसी हो गई है और अमेरिका के सहयोगी देशों के साथ रिश्तों को फिर से पटरी पर लाया जाएगा. बाइडन के राष्ट्रपति बने नौ महीने हो गए हैं लेकिन हुआ बिल्कुल उलट है और कई चीज़ें हमारे ख़िलाफ़ जा रही हैं."
इस लेख में निकी हेली ने कहा है, "अफ़ग़ानिस्तान से विनाशकारी वापसी के बाद हमने देखा कि ब्रिटिश संसद में वहाँ के मंत्रियों ने बाइडन की खुलकर आलोचना की. फ़्रांस ने असाधारण क़दम उठाते हुए अपने राजदूतों को बुला लिया. हमने रूस के नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन निर्माण के मामले में जर्मनी के सामने घुटने टेक अपने पूर्वी यूरोपीय सहयोगियों को अलग कर दिया."
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"अफ़ग़ानिस्तान से सेना की वापसी के बाद हमारे ख़िलाफ़ कई चीज़ें गई हैं. हमास, ईरान से लेकर तालिबान तक आतंकवाद की धुरी बन रहे हैं. पाकिस्तान ने ईरान के साथ संबंधों को बढ़ाना शुरू कर दिया है. चीन ने ताइवान में अपने लड़ाकू विमानों के ज़रिए वहाँ के हवाई क्षेत्र का हाल के दिनों में खूब अतिक्रमण किया है. रूस का बेलारूस में प्रभाव बढ़ा है और यूक्रेन के लिए ख़तरा बना हुआ है."
निकी हेली ने पूछा है कि क्या यही बाइडन प्रशासन की अच्छी डिप्लोमैसी है? हेली कहती हैं, "ज़ाहिर है कि नहीं है. अपने दोस्तों को अपमानित करने और दुश्मनों को नज़रअंदाज़ करने के बजाय अमेरिका को उन रिश्तों को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिनसे दुनिया भर में हमारी स्थिति मज़बूत हो."
निकी हेली कहती हैं, "इसकी शुरुआत भारत से होनी चाहिए. अब समय आ गया है कि हम एक गठबंधन बनाया जाए. 10 लाख सैनिक, परमाणु शक्ति संपन्न, नौ सेना की बढ़ती ताक़त, अंतरिक्ष कार्यक्रम में अव्वल और अमेरिका के साथ आर्थिक और सैन्य संबंधों के आज़माए हुए अतीत के साथ भारत एक मज़बूत सहयोगी बन सकता है. भारत के साथ सहयोग से दोनों देशों को वैश्विक ताक़त बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया को साथ लाकर अमेरिका अफ़ग़ानिस्तान में आतंकी ख़तरा और चीन का काउंटर कर सकता है."
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निकी हेली ने लिखा है, "बाइडन प्रशासन ने अफ़ग़ानिस्तान से बिना शर्त के हमारी सेना को वापस बुलाकर मध्य एशिया में हमारे विरोधियों को बड़ी शक्ति सौंप दी है. बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिकों को इस बात से राहत मिली होगी कि अमेरिका ने एक लंबी लड़ाई को ख़त्म कर दिया है लेकिन आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई अभी ख़त्म नहीं हुई है. जिन आतंवादियों ने 20 साल पहले हम पर हमला किया था, वे आज भी हम पर हमले का इरादा रखते हैं."
निकी हेली ने लिखा है, "अफ़ग़ानिस्तान में सेना की वापसी से पहले बाइडन प्रशासन ने अफ़ग़ानिस्तान के उत्तरी हिस्सों के देशों से कोई भी समझौता करने में नाकाम रहा. यहाँ हमारे सैन्य ठिकाने होने चाहिए थे ताकि आतंकवाद के ख़िलाफ़ अभियान को जारी रखा जा सके. यहाँ तक कि बाइडन प्रशासन ने बगराम एयरफील्ड को भी छोड़ दिया जो एक मात्र एयरफील्ड था, जहाँ से चीन की सीमा लगती है."
https://twitter.com/michaelgwaltz/status/1452999032125657107
निकी हेली ने लिखा है, "इस इलाक़े में अब कोई अमेरिकी सैन्य ठिकाना नहीं होने से चीन, ईरान, रूस और यहाँ तक कि पाकिस्तान इन आतंकवादी समूहों के भविष्य को प्रभावित करेंगे. अब हमारे पास केवल एक पार्टनर है जो अफ़ग़ानिस्तान पर प्रभावी तरीक़े से नज़र रख सकता है. यही पार्टनर चीन के दक्षिणी हिस्से पर भी नज़र रख सकता है. और वो है- भारत. ताजिकिस्तान में भारत फ़ारखोर एयरबेस चलाता है. यह एकमात्र क़रीब का एयरबेस है, जहाँ से अफ़ग़ानिस्तान में आतंकवादी विरोधी अभियान चलाया जा सकता है. भारत के साथ गठबंधन करने से हमें इस एयरबेस तक पहुँच मिलेगी और हम अफ़ग़ानिस्तान में अपने हितों की रक्षा कर सकते हैं."
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निकी हेली ने लिखा है, "अमेरिका-भारत के साथ आने से हमें चीन के मामले में भी बढ़त मिलेगी. अमेरिका की तरह भारत भी मानता है कि चीनी ख़तरा तेज़ी से बढ़ रहा है. न केवल अफ़ग़ानिस्तान से हमारी वापसी का फ़ायदा उठाने में चीन लगा है बल्कि भारत से लगी सीमा पर भी दबाव बढ़ा रहा है. यह भारत और अमेरिका दोनों के हित में नहीं है. पिछले साल लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक और चीन के सरकार के मुताबिक़ उसके चार सैनिकों की मौत हुई थी. चीन से लगी सीमा पर भारत ने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है और कुल दो लाख सैनिकों का जमावड़ा है. हाल के दिनों में चीन ने भारत से लगी सीमा पर सैनिकों की मौजूदगी 100 लॉन्ग रेंज के रॉकेट लॉन्चर के साथ बढ़ा दी है."
निकी हेली ने कहा, "अमेरिका और भारत साथ मिलकर चीन को मध्य और दक्षिण एशिया में और पैर पसारने से पहले रोक सकते हैं. हम एक ठोस स्थिति बना सकते हैं. इसी महीने अमेरिकी सेना ने सैकड़ों भारतीय सैनिकों के साथ अलास्का में सैन्य अभ्यास किया. यहाँ का मौसम चीन-भारत सीमा पर की तरह ही है."
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