न्यूजीलैंड दूतावास ने कांग्रेसी नेता से मांगी ऑक्सीजन तो मचा बवाल, ट्विटर पर भिड़े जयशंकर-जयराम
न्यूजीलैंड दूतावास के ऑक्सीजन सिलेंडर वाले ट्वीट के बाद भारत में राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस ने भारतीय विदेश मंत्री पर निशाना साधा तो विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस पर सस्ती राजनीति करने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली, अप्रैल 02: न्यूजीलैंड एंबेसी ने कांग्रेसी नेता से ट्विट कर ऑक्सीजन की मदद क्या मांगी, भारत में राजनीति काफी तेज हो गई है। विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है, वहीं सरकार की तरफ से भी विपक्षी नेताओं को जबाव दिया जा रहा है। ट्विटर पर कांग्रेसी नेता जयराम रमेश और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की खूब बहस भी हुई है। जयराम रमेश ने जहां कांग्रेस के प्रयासों की सराहनी की वहीं सरकार पर निशाना साधा है। न्यूजीलैंड से पहले फिलिपिंस दूतावास में भी यूथ कांग्रेस ने ही ऑक्सीजन पहुंचाया था। हालांकि भारतीय विदेश मंत्री ने कांग्रेस पर सस्ती राजनीति करने का आरोप लगाया है।
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ट्विटर पर भिड़े जयराम और जयशंकर
कांग्रेसी नेता बीवी श्रीनिवास ने न्यूजीलैंड हाई कमीशन में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर दी है लेकिन इस पर नेताओं के बीच ट्विटर पर लड़ाई छिड़ गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भारतीय विदेश मंत्री पर निशाना साधा तो भारतीय विदेश मंत्री ने भी उन्हें जमकर सुनाई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विट कर कहा कि 'एक इंडियन सिटिजन होने के नाते मैं कांग्रेस के प्रयासों की सराहना करता हूं लेकिन मैं हैरान हूं कि विपक्षी पार्टी विदेशी दूतावासों को ऑक्सीजन सप्लाई करवा कर रही है, क्या भारतीय विदेश मंत्रालय सो रहा है?'
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जयशंकर का जवाब
जयराम रमेश के ट्वीट के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी उन्हें जबाव दिया है। भारत के विदेश मंत्री ने ट्टीट कर इस सस्ती राजनीति करार दिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि 'भारतीय विदेश मंत्रालय ने फिलिपिंस दूतावास में जांच की, लेकिन हमें पता चला कि वहां कोरोना के मामले हैं ही नहीं और वहां पर कई ऑक्सीजन सिलेंडरों की सप्लाई की गई है। ऐसे में साफ दिखाई दे रहा है कि कौन सस्ती राजनीति कर रहा है'। इसके साथ ही भारतीय विदेश मंत्री ने जयराम रमेश को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि 'ऐसे वक्त में जब लोगों को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है, ऐसे में बेवजह कहीं ऑक्सीजन सिलेंडर बांटना भयावह है'
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'भारत को शर्मिंदा कर रही है कांग्रेस'
वहीं बीजेपी नेता और लोकसभा सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी कांग्रेस पर बेवजह सिलेंडर बांटने के आरोप लगाए हैं। तेजस्वी सूर्या ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'कांग्रेस का विदेश दूतावासों में ऑक्सीजन पहुंचाने के स्टंट में दो बातें पता चल रही हैं। पहली बात ये कि जो क्रिटिकल मेडिकल सामान अस्पतालों में होना चाहिए वो इंडियन यूथ कांग्रेस के पास है और दूसरी बात ये कि भारत की घरेलू राजनीति को साधने के लिए यूथ कांग्रेस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को शर्मिंदा करने की कोशिश कर रही है'।
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फिलिपिंस एंबेसी को नहीं थी जरूरत
वहीं, इंडिया टूडे की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फिलिपिंस एंबेसी की तरफ से किसी भी अधिकारी ने ना ही भारतीय विदेश मंत्रालय को ऑक्सीजन के लिए अनुरोध किया गया था और ना ही यूथ कांग्रेस या फिर किसी और संगठन को। इंडिया टूडे ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 'यूथ कांग्रेस जब फिलिपिंस दूतावास तक ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंची तो वहां के अधिकारियों को भी ऑक्सीजन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और ना ही फिलिपिंस एंबेसी को ऑक्सीजन की जरूरत थी'। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि फिलिपिंस दूतावास से संपर्क किया गया है और पता चला है कि वहां ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत नहीं थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वो हर देश के दूतावास के लगातार संपर्क में है और अगर कहीं मेडिकल सामानों की जरूरत होती है तो भारतीय दूतावास किसी भी वक्त मदद करने के लिए तैयार है।
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विवाद की वजह
न्यूजीलैंड एंबेसी ने आज सुबह 9 बजकर मिनट पर एक ट्वीट किया, जिसमें श्रीनिवास बीवी को टैग किया गया है। इस ट्वीट में न्यूजीलैंड एंबेसी ने कहा है कि 'क्या आप इमरजेंसी में न्यूजीलैंड एंबेसी में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर सकते हैं'। न्यूजीलैंड एंबेसी के ट्वीट के बाद भारत में विवाद बढ़ गया और लोगों ने सवाल पूछना शुरू कर दिया कि आखिर न्यूजीलैंड एंबेसी ने भारतीय विदेश मंत्रालय से मदद मांगने के बजाए किसी राजनीतिक दल से मदद क्यों मांगी। ट्वीट पर बवाल बढ़ता देख न्यूजीलैंड एंबेसी ने कुछ देर बाद ही ट्वीट डिलीट कर दिया और फिर नया ट्वीट करते हुए माफी मांगी है। न्यूजीलैंड एंबेसी ने दूसरे ट्वीट में कहा कि 'हम हर सोर्स के जरिए ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं और हमारी अपील को दुर्भाग्यवश गलत तरीके से पेश किया गया है'। हालांकि, न्यूजीलैंड एंबेसी की तरफ से अभी तक साफ नहीं किया गया है कि उन्हें किसके लिए ऑक्सीजन सिलेंडर चाहिए था और कौन कोरोना वायरस से बीमार है।
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