भारत के कुछ हिस्से को अपना दिखाने वाला विवादित नक्शा नेपाल की संसद में पास
नई दिल्ली। नेपाल की संसद ने शनिवार को संविधान संशोधन मंजूरी दी है। संशोधन को मंजूरी मिलते ही नेपाल के नए इस नक्शे को भी संवैधानिक तौर पर वैधता मिल गई है। इस नक्शे में भारत के तीन इलाके लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया है। हाल के दिनों में नेपाल की ओर से ये नया नक्शा जारी किए जाने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव है।
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नेपाल की संसद ने शनिवार दोपहर को संविधान संशोधन बिल पर वोटिंग की और इसे पास कर दिया गया। सदन में 275 सदस्यों में से 258 सदस्य मौजूद थे और सभी ने नए नक्शे के पक्ष में वोट डाला। भारतीय सीमा से लगे लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्र अब संवैधानिक तौर पर में देश के नक्शे में शामिल हो गए हैं। शनिवार को नेपाल में संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था। जिसमें विवादित नक्शे को संशोधित करने से संबंधित संवैधानिक संशोधन विधेयक पास हो गया।
काठमांडू में प्रदर्शन
नेपाल की संसद ने नौ जून को आम सहमति से इस विधेयक के प्रस्ताव पर विचार करने पर सहमति जताई थी जिससे नए नक्शे को मंजूर किये जाने का रास्ता साफ हो गया था। नेपाल में नए नक्शे के प्रस्ताव पर नेपाली संसद में वोटिंग से पहले काठमांडू की इसके खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने शुक्रवार रात इसको लेकर कहा, हम अपनी जमीन को वापस नक्शे में शामिल कर एक मिसाल कायम करने जा रहे हैं। सभी राजनीतिक दलों ने भी इसका समर्थन किया है। आम लोगों भी सरकार का साथ देते हुए नक्शा पास होने की खुशी मनाएं।
कहां से शुरू हुआ विवाद
भारत की ओर से 8 मई को उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था। इसको लेकर नेपाल ने कड़ी आपत्ति जताई थी और नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था। जिसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है। जिसके बाद ये मामला बढ़ता ही जा रहा है और अब इस नक्शे को संसद से भी पास कर दिया गया है।
'पहले
राइफल
से
मारा,
फिर
झूठ
बोलने
के
लिए
डाला
दबाव',
नेपाल
की
हिरासत
से
छूटे
शख्स
ने
सुनाई
आपबीती