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इंसानी हृदय में सूअर का दिल लगाकर रचा था इतिहास, मुख्य मुस्लिम डॉक्टर को घर में ही मिली 'दुत्कार'

पाकिस्तान मूल के मुस्लिम डॉक्टर, डॉक्टर मुहम्मद मोहिउद्दीन के मुताबिक, पूरी दुनिया में उनके काम की तारीफ की गई है, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक इंसान के शरीर में किसी दूसरे जानवर का दिल सफलतापूर्वक लगाया गया है।

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वॉशिंगटन, जनवरी 23: इंसानी हृदय में हार्ट ट्रांसप्लांट कर सूअर का दिल लगाने वाले मुस्लिम डॉक्टर की पूरी दुनिया में तो तारीफ हो रही है, लेकिन अपने घर में ही उनका विरोध किया जा रहा है। मेडिकल साइंस की दुनिया में इतिहास बनाने वाले पाकिस्तान मूल के मुस्लिम डॉक्टर डॉक्टर मुहम्मद मोहिउद्दीन को अपने घर में इंसानी शरीर में सूअर का दिल लगाने की वजह से भारी विरोध का सामना करना पड़ा है और डॉक्टर मोहिउद्दीन ने कहा कि, एक तरह से उनके घर में उनके साथ धक्का-मुक्की भी की गई।

मेडिकल साइंस में भी मजहब?

मेडिकल साइंस में भी मजहब?

पाकिस्तान मूल के मुस्लिम डॉक्टर डॉक्टर मुहम्मद मोहिउद्दीन के मुताबिक, पूरी दुनिया में उनके काम की तारीफ की गई है, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक इंसान के शरीर में किसी दूसरे जानवर का दिल सफलतापूर्वक लगाया गया है, लेकिन उनकी उपलब्धि का उनके घर में भारी विरोध किया गया है, क्योंकि जिस जानवर का दिल निकाला गया, वो एक सूअर था। मुस्लिम डॉक्टर डॉक्टर मुहम्मद मोहिउद्दीन ने कहा कि, चूंकी सूअर को इस्लाम में एक 'निषिद्ध' जानवर माना जाता है, इसीलिए उनके घर के अंदर उनका काफी विरोध हुआ है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल सेंटर में कार्डियक एक्सनोट्रांसप्लांटेशन के निदेशक डॉ मुहम्मद मोहिउद्दीन ने 'वाइस' को बताया कि, 'मुझे अपने परिवार से काफी सख्त प्रतिक्रिया मिली।'' उन्होने कहा कि, "घर में मुझे कहा गया कि, आप इस जानवर का उपयोग क्यों कर रहे हैं?" मेरे पिता हमेशा मुझसे पूछते थे, "क्या आप कम से कम दूसरे जानवर का उपयोग करने की कोशिश कर सकते हैं?''

लोग बताते हैं ऐतिहासिक सफलता

लोग बताते हैं ऐतिहासिक सफलता

डॉ मुहम्मद मोहिउद्दीन ने कहा कि, हर तरफ मेरी तारीफ की जा रही है और लोग मेरी इस उपलब्धि को ऐतिहासिक सफलता मान रहे हैं और सर्जरी की तारीफ कर रहे हैं। डॉ मुहम्मद मोहिउद्दीन ने कहा कि, इस कामयाबी के बाद अब हजारों ऐसे मरीजों की जान बच सकती है, जिन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत है। लेकिन, परिवार पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि, ''मुस्लिम आस्था के कारण सूअरों के उपयोग पर मेरे परिवार में विरोध की गई है और घर के लोगों ने कहा कि, क्या सूअर के जगह पर किसी और जानवर का दिल आप इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं?

इस्लाम में हराम है सूअर

इस्लाम में हराम है सूअर

आपको बता दें कि, सूअर के मांस का सेवन इस्लामी कानून द्वारा प्रतिबंधित है और कुछ पाकिस्तानी मुस्लिम हलकों में जानवर के साथ किसी भी तरह के इंसानी संबंध को हराम बताया गया है। पाकिस्तान के कराची में पले-बढ़े डॉक्टर ने बताया कि, कैसे उनके घर में 'सुअर' शब्द वर्जित है और उन्हें सूअर शब्द का नाम लेने पर भी उनके घर में कोहराम मच जाएगा। उन्होंने कहा कि, 'मेरी मां अकसर गरारे करती थीं, लेकिन गरारे करने पर भी काफी हो-हल्ला मच जाता था''। उन्होंने कहा कि, सूअर के अंग का इस्तेमाल करना मेरे लिए काफी मुश्किल था और इंसानी शरीर में सूअर के अंग का ट्रांसप्लाट करने से पहले उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी।

कैसे किया सूअर के अंग का इस्तेमाल?

कैसे किया सूअर के अंग का इस्तेमाल?

डॉ मुहम्मद मोहिउद्दीन ने इंटव्यू के दौरान बताया कि, ''चूंकी मेरी आस्था भी इस्लाम में है, लिहाजा मैं हमेशा अपने मन में सोचता था कि, आखिर मैं कैसे एक सूअर के अंग का इस्तेमाल हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए करूं, इसीलिए मैं जानवरों के विकल्प के बारे में हमेशा सोचता रहता हूं''। डॉ मुहम्मद मोहिउद्दीन ने कहा कि, 'चूंकि मैं ऐसे देश में रहता हूं जहां सूअर का मांस नियमित रूप से खाया जाता है, और पश्चिमी दुनिया में सूअर का मांस खाना कोई नैतिक मुद्दा नहीं है। और यहां यह काफी आसान है। लिहाजा प्रक्रिया में आगे बढ़ने से पहले मैने कई इस्लामिक जानकारों से इस मुद्दे पर बात की''। डॉक्टर ने कहा कि, ''इस्लामिक जानकारों से बातचीत करने के बाद हम अंतिम तौर पर इस फैसले पर पहुंचे कि, ईश्वर की नजर में इंसान के जीवन को बचाने से बड़ा कुछ नहीं है।''

कुछ और जानवरों पर रिसर्च

कुछ और जानवरों पर रिसर्च

हालांकि मोहिउद्दीन की टीम ने अपनी शोध प्रक्रिया के दौरान वैकल्पिक पशु अंगों की जांच की, लेकिन उनका दावा है कि सुअर के दिल के अनुवांशिक घटक प्रक्रिया के लिए सबसे आदर्श साबित हुए हैं। ' उन्होने कहा कि, ''हमने इन सूअरों के जीन में इस तरह से हेरफेर किया है कि यह इम्यूनोलॉजी के मामले में इंसानों के थोड़ा करीब हो जाता है। हमने इसे मानव में नहीं बदला, लेकिन हमने जीन को इस तरह से बदल दिया कि इंसानी शरीर में इसने काम करना शुरू कर दिया''। डॉ मुहम्मद मोहिउद्दीन ने समझाते हुए कहा कि, 'हमें 48 घंटों से लगातार विफलता मिल रही थी और फिर हमने सूअर के दिल का इस्तेमाल किया और फिर हमने देखा कि, सूअर का दिल काफी अच्छे से इंसानी हृदय में फिट हो गया।'

अंग दान की समस्या से राहत?

अंग दान की समस्या से राहत?

पूरी दुनिया में प्रत्यारोपण के लिए दान दिए गये मानव अंगों की भारी कमी है और वैज्ञानिक पिछले कई दशक से ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, कि क्या इंसानों के शरीर में जानवर के अंग लगाए जा सकते हैं और इंसानों के शरीर में जानवरों के अंगों का प्रयोग किस तरह से किया जा सकता है। यूनाइटेड नेटवर्क फॉर ऑर्गन शेयरिंग के अनुसार, पिछले साल, यू.एस. में सिर्फ 3,800 से अधिकहार्ट ट्रांसप्लांट हुए हैं, जो एक रिकॉर्ड संख्या है। विश्वविद्यालय के पशु-से-मानव प्रत्यारोपण कार्यक्रम के वैज्ञानिक निदेशक डॉ मुहम्मद मोहिउद्दीन ने कहा कि, "यदि यह काम करता है, तो पीड़ित मरीजों के लिए इन अंगों की अंतहीन आपूर्ति होगी।"

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English summary
The Muslim doctor who had transplanted a pig's heart into a human heart had to face turmoil in his own home.
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