अमेरिका की इस दिग्गज कंपनी को खरीदेगी मुकेश अंबानी की रिलायंस, मैंडरिन होटल के बाद बड़ा सौदा
इससे पहले एशिया के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में विशालकाय लग्जरी होटल खरीदा था, जो हॉलीवुड का पसंदीदा ठिकाना है।
नई दिल्ली/वॉशिंगटन, जून 17: भारत के टॉप कारोबारियों में से एक मुकेश अंबानी की रिलायंस कंपनी अमेरिका की रेवलॉन इंक को खरीद सकती है, जिसने कुछ दिन पहले ही दिवालिएपन के लिए याचिका दायर की है। ईटी नाउ ने शुक्रवार को सूत्रों के हवाले से बड़ा दावा किया है और अगर ये सौदा किया जाता है, तो अंबानी की रिलायंस कंपनी न्यूयॉर्क में मैंडरिन ओरिएंटल होटल के बाद एक और बड़ा सौदा होगा।
रेवलॉन इंक को खरीद सकती है रिलायंस
ईटी नॉउ की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज संयुक्त राज्य अमेरिका में रेवलॉन इंक को खरीद सकती है, जिसके कुछ दिनों बाद कॉस्मेटिक्स दिग्गज ने दिवालिएपन के लिए दायर किया, है। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाला इंडियन ऑयल टू रिटेव ग्रुप अब कॉस्मेटिक निर्माता कंपनी रेनलॉन के लिए बोली लगाने पर विचार कर रहा है, जिसने संयुक्त राज्य में अध्याय 11 दिवालियापन संरक्षण के लिए दायर किया है।
रेवलॉन इंक कॉस्मेटिक कंपनी को जानिए
रेवलॉन इंक कंपनी 90 साल पहले न्यूयॉर्क शहर में अपनी स्थापना के बाद से अमेरिका के घरों में विख्यात ब्रांड बन गया और रेवलॉन इंक के कॉस्मेटिक उत्पाद अमेरिका में काफी प्रसिद्ध हो गये। लेकिन, 1990 के बाद से कंपनी ने मॉडर्न जेनरेशन की बदलती मांगो के साथ तालमेल बिठाना कम कर दिया। हालांकि, उसके बाद भी रेवलॉन इंक का लाल लिपिस्टिक अमेरिका में काफी ज्यादा प्रसिद्ध रहा, लेकिन कंपनी का ब्रांड नाम बरकरार रहा, लेकिन प्रोडेक्ट्स कि बिक्री कम होने लगी। प्रॉक्टर एंड गैंबल जैसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों के आने के बाद रेवलॉन इंक ने तेजी से बाजार में अपनी हिस्सेदारी खोनी शुरू कर दी और काइली जेनर और अन्य हस्तियों की नवागंतुक कॉस्मेटिक लाइनों ने उत्पादों को सामने रखने वाले प्रसिद्ध चेहरों के बाद बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया पर सफलतापूर्वक पूंजीकरण किया।
कोविड से कंपनी की स्थिति और बिगड़ी
पहले से ही बढ़ते कर्ज से परेशान रेवलॉन की समस्याएं कोविड महामारी के साथ तेज हो गईं और महामारी की वजह से कंपनी को भारी नुकसान हुआ, क्योंकि लिपस्टिक ने फैशन में एक नए युग का मार्ग प्रशस्त किया। कोविड महामारी की वजह से साल 2020 में रेवलॉन कंपनी की बिक्री में 21 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई। हालांकि, बाद में कंपनी ने 9.2 प्रतिशत की बिक्री बढ़ोतरी के साथ वापसी की और मार्च में समाप्त हुई नवीनतम तिमाही में, रेवलॉन की बिक्री लगभग 8% बढ़ी, लेकिन अभी भी एक वर्ष में 2.4 अरब डॉलर से अधिक की महामारी के पहले स्तर से पीछे है। वहीं, ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित होने के बाद हाल के महीनों में विश्व की सैकड़ों कंपनियां परेशान रही हैं और रेवलॉन पर इसका काफी बुरा असर पड़ा, जिसकी वजह से 2020 के अंत में कंपनी दिलालिएपन की स्थिति तक पहुंच गई।
रेवलॉन कंपनी ने क्या कहा?
यूक्रेन युद्घ और ग्लोबल सप्लाई चेन में रूकावट की वजह से अभी भी आशंका है कि, कंज्यूमर प्रोडक्ट सेक्टर में कॉरपोरेट री-स्ट्रक्चरिंग हो सकते हैं और इसके पीछे की वजह उत्पादन क्षेत्र में मंदी और बढ़ती लागत है। वहीं, रेवलॉन ने कहा कि अदालत की मंजूरी के बाद उसे उम्मीद है कि, उधारदाताओं से उसे मौजूदा वक्त में 575 मिलियन डॉलर का वित्तपोषण होगा, जिससे वो अपने दिन-प्रतिदिन के संचालन को चालू रख पाएगा। 2018 में रेवलॉन के अध्यक्ष और सीईओ नामित डेबरा पेरेलमैन ने कहा था कि, 'फाइलिंग रेवलॉन को हमारे उपभोक्ताओं को दशकों से हमारे द्वारा वितरित किए गए प्रतिष्ठित उत्पादों की पेशकश करने की अनुमति देगी, जबकि हमारे भविष्य के विकास के लिए एक स्पष्ट मार्ग प्रदान करेगी।" उसके पिता, अरबपति कारोबारी रॉन पेरेलमैन, मैकएंड्रयूज़ और फोर्ब्स के माध्यम से कंपनी का समर्थन करते हैं, जिसने 1985 में शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण के माध्यम से व्यवसाय का अधिग्रहण किया। रेवलॉन 1996 में सार्वजनिक हुआ था।
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जनवरी में मैंडरिन होटल का सौदा
इससे पहले एशिया के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में विशालकाय लग्जरी होटल खरीदा था, जो हॉलीवुड का पसंदीदा ठिकाना है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया के सबसे बड़े अरबपति मुकेश अंबानी ने न्यूयॉर्क शहर में मैंडरिन ओरिएंटल को खरीदा था और अब अंबानी की कंपनी ने रेवलॉन को खरीदा है। 248 कमरों वाला ये विशालकाय होटल काफी ज्यादा महंगा और इसके एक कमरे की कीमत लाखों में है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, मुकेश अंबानी के समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मैंडरिन ओरिएंटल को 98 मिलियन डॉलर यानि करीब 9.81 करोड़ डॉलर यानि करीब 728 करोड़ रुपये में ये सौदा किया था।