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इन्फ्रास्ट्रक्चर, चांद-मंगल की सैर, अंधाधुंध विकास, सब हो जाएंगे बर्बाद! बर्फ और समंदर पर बड़ी चेतावनी

अंटार्कटिक में जिस रफ्तार से बर्फ पिघल रही है, उसी रफ्तार से अगर पिघलती रही तो इस सदी के अंत तक समुन्द्र का जलस्तर 20 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।

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नई दिल्ली, मई 03: अपनी पेट में सबसे ज्यादा बर्फ रखने वाला अंटार्कटिक पर ग्लोबल वार्मिंग की वजह से गंभीर खतरा मंडरा रहा है और वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द ग्लोबल वार्मिंग पर कंट्रोल कर अंटार्कटिक के बर्फ को पिघलने से नहीं रोका गया तो वो दिन दूर नहीं होगा जब समंदर पूरी दुनिया में तबाही मचा देगा। वैज्ञानिकों ने बेहद गंभीर चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अंटार्कटिक का बर्फ काफी तेजी से पिघल रहा है, जिसकी वजह से समंदर में पानी का स्तर 20 प्रतिशत तब बढ़ सकता है, जो इस धरती को डूबोने के लिए काफी है। वैज्ञानिकों ने स्टडी में कहा है कि इस सदी के खत्म होने होने तक मानव जीवन पर सबसे बड़ी त्रासदी आने वाली है और इस त्रासदी को बस ग्लोबल वार्मिंग खत्म करके ही रोका जा सकता है।

इस सदी का सबसे बड़ा खतरा

इस सदी का सबसे बड़ा खतरा

इससे पहले भी कई मौकों पर वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिक में बर्फ के तेजी से पिघलने को लेकर चेतावनी जारी कर चुके हैं, लेकिन विकास की अंधी लड़ाई में भाग रही दुनिया रूकने को तैयार नहीं है। वैज्ञानिकों ने अब कहा है कि समंदर में अगर पानी का स्तर बढ़ता है तो शहर के शहर, राज्य के राज्य और देश के देश हमेशा के लिए डूब जाएंगे और उन्हें बचाने वाला कोई नहीं होगा। वैज्ञानिकों ने कहा है वेस्ट अंटार्कटिक में बर्फ ने इतनी तेजी से पिघलना शुरू कर दिया है, जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया गया था, जिसकी वजह से समंदर में पानी का लेवल 20 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ जाएगा, जो यकीनन पृथ्वी पर आपदा लाने के लिए काफी है।

समुन्द्र का जलस्तर बढ़ेगा

समुन्द्र का जलस्तर बढ़ेगा

स्टडी में पाया गया है कि ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से बर्फ का परत ऊपर बढ़ने लगता है, जिसकी वजह से वर्फ का वजन कम होने लगता है। बर्फ की इन परतों से ग्लेशियर के महासागरों में मिलकर समुन्द्र में जलस्तर को बढ़ने से रोकने का काम करती हैं, लेकिन गर्मी की वजह से बर्फ जब पिघलकर टूटती हैं तो फिर इसका पूरा पानी डायरेक्ट समंदर में आता है, जिसका असर दुनिया के हर हिस्से में तटीय इलाकों में देखा जाएगा। लेकिन, दिक्कत ये है कि अगर समंदर का जलस्तर 20 फीसदी बढ़ गया तो दुनिया के पास समंदर को रोकने की शक्ति नहीं होगी।

जल्द संभल जाए दुनिया

जल्द संभल जाए दुनिया

स्टडी में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि तापमान बढ़ने का स्तर दुनिया पर डायरेक्ट पड़ने वाला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गर्मी के दिनों में जब बर्फ पानी बनकर नीचे से बहती हैं तो वो बर्फ की बड़ी बड़ी चट्टानों के दरारों से बहती जाती हैं लेकिन सर्दी के साथ ही वो पानी फिर से बर्फ बन जाता है और वो दरारें भर जाती हैं। ये साइकिल अंटार्कटिक में हमेशा चलती रहती है और एक निश्चित मात्रा में ही पानी समुन्द्र में पहुंचता है लेकिन अगर ज्यादा गर्मी पड़ने लगी तो दरारों को भरने में समय लगेगा, जिससे बर्फ की बड़ी बड़ी चट्टानें की जड़ कमजोर हो जाएंगी और ग्लेशियर के टूटने का खतरा बन जाएगा। गर्मी की वजह से पानी को बर्फ बनने में ज्यादा समय लगेगा और ये दुनिया के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। लिहाजा दुनिया को जल्द से जल्द ग्लोबल वॉर्मिंग रोकने के लिए काम करना चाहिए। नहीं तो इंसान विकास के अंधे दौड़ में पूरी दुनिया को ही बर्बाद कर लेगा।

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English summary
If the ice in the Antarctic continues to melt at the same rate as the melting point, by the end of this century the water level of the sea will increase by 20 percent.
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