मार्क्स आज के दौर के महान चिंतक, हमें मार्क्सवाद को नहीं भुलना चाहिए जिसने चीन की कायापलट दी: शी जिनपिंग
बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जर्मन फिलॉसफर कार्ल मार्क्स की 200वीं सालगिरह मौके पर शुक्रवार को कहा कि उनके मुल्क में मार्क्सवाद 'बिल्कुल सही' रास्ते पर चल रहा है। चीन संविधान में संशोधन कर आजीवान काल के लिए राष्ट्रपति बने शी जिनपिंग ने कहा पार्टी को अपने समाजवाज के मूल्यों को नहीं भूलना चाहिए, जिससे चीनी राष्ट्र का महान कायाकल्प हुआ है। माओ जेडांग के बाद कम्युनिस्ट राष्ट्र चीन के सबसे लोकप्रिय और शक्तिशाली राष्ट्रपति बनकर उभरे शी जिनपिंग ने मार्क्स को आधुनिक वक्त का महान चिंतक बताया।
बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में जिनपिंग ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के झंडे पर मार्क्सवाद लिखना बिल्कुल सही था और मार्क्सवाद की सार्थकता और आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना पूरी तरह से सही है। शी जिनपिंग ने अपनी पार्टी को संबोधित करते हुए कहा, 'आज हम मानव इतिहास के सबसे महान चिंतक को श्रद्धांजली दे रहे हैं और साथ ही हम मार्क्सवाद के वैज्ञानिक सच्चाई में दृढ़ विश्वास की भी घोषणा करते हैं।'
जिनपिंग ने आगे कहा, 'हमें फायदों, पहल और भविष्य को जीतना होगा। हमें मार्क्सवाद का व्यावहारिक समस्याओं का विश्लेषण और हल करने के लिए लगातार उपयोग करने की क्षमता में सुधार करना चाहिए।' जिनपिंग ने अपने पार्टी के सदस्यों को कहा कि मार्क्सवाद के काम को स्वीकार करने और मार्क्सवाद के 'जीवन जीने तरीका' व 'आध्यत्मिक तलाश' को समझना चाहिए।
कार्ल मार्क्स का काम समाजवाद के लिए एक प्रेरणा के रूप में था। इस दार्शनिक की विचारधारा का उद्देश्य उत्पादन के साधनों और सामाजिक वर्गों की अनुपस्थिति को साझा करना है। चीन ने आज से तीन दशक पहले बाजार सुधार को लागू किया है, लेकिन पार्टी ने सत्ता को हमेशा अपने पास ही रखा।
आज चीन खुद को दुनिया का सबसे बड़ा समाजवादी देश बताता है, लेकिन सच्चाई यह है कि इस आधुनिक पूंजीवादी समाज वाले मुल्क में शहरी अभिजात वर्ग और ग्रामीण गरीबों के बीच एक गहरी खाई है। चीन में आज पार्टी के वक्तव्य और उपस्थिति के बीच स्पष्ट विरोधाभास को देखते हुए कई विश्लेषकों ने कहा कि पार्टी अब मार्क्सवाद द्वारा प्रेरित नहीं है, बल्कि व्यावहारिक और आर्थिक चिंताओं को अन्य सभी से ऊपर देखती है।