पुनर्जन्म के बिना बुढ़ापे में मिलेगा युवा शरीर ! लगेगा एक दिन, जानिए Sergio Canavero के दावे का आधार
न्यूरो सर्जन सर्जियो कैनवेरो के दावे से चिकित्सा क्षेत्र के बड़े- बड़े दिग्गज हैरान हैं। ब्रेन ट्रांसप्लांट को लेकर उन्होंने एक कदम और आगे बढ़कर नया दावा किया।
Brain transplant : ब्रेन ट्रांसप्लांट (Brain Transplant) को लेकर न्यूरो सर्जन सर्जियो कैनवेरो के दावे से पूरे चिकित्सा जगत दिग्गज हैरान हैं। इसके लिए कैनवेरो को ट्रोल भी किया गया। दरअसल, अब कैनवेरो ने अब एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा है कि कि ब्रेन ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया एक दिन में पूरी करना संभव है। अगर ऐसा होता है तो बूढ़े लोग एक युवा शरीर में रह रह सकेंगे।
विवादास्पद न्यूरोसर्जन का दावा
इटली के न्यूरो सर्जन सर्जियो कैनवेरो ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। जिसमें उन्हों ह्यूम ब्रेन ट्रांसप्लांट का दाव किया। अब उन्होंने कहा है मस्तिष्क प्रत्यारोपण की प्रक्रिया एक दिन में करना संभव हो सकेगा। सर्जियो कैनावेरो के अनुसार डॉक्टर भविष्य में हेड ट्रांसप्लांट करने में सक्षम हो सकते हैं।
हेड ट्रांसप्लांट पर कैनवेरो का ध्यान
न्यूरो
सर्जन
सर्जियो
कैनवेरो
का
कहना
है
कि
वो
अपने
लंबे
समय
से
अटके
हुए
सपने
को
साकार
करने
के
करीब
हैं।
उन्होंने
अपने
नए
प्रयोग
को
लेकर
कहा,
"नई
प्रौद्योगिकि
वृद्ध
शरीर
को
फिर
से
जीवंत
कर
सकती
है,
इसके
लिए
विकल्पों
को
खोजने
का
समय
है।"
मेडिकल
साइंस
को
लेकर
कैनावेरो
के
इन
असामान्य
सिद्धांतों
ने
उन्हें
वैज्ञानिक
दुनिया
में
एक
विवादास्पद
सर्जन
बना
दिया
है।
अगर
सर्जियो
कैनवेरो
का
दावा
सच
साबित
होता
है
तो
ब्रेन
ट्रांसप्लांट
से
एक
दिन
इंसानों
को
बिल्कुल
नए
शरीर
में
देखा
जा
सकता
है।
एक
मीडिया
रिपोर्ट
के
मुताबिक
उन्होंने
कहा
है
कि
फिलहाल
ब्रेन
ट्रांसप्लांट
की
बात
अजीब
लगती
है
लेकिन
भविष्य
में
ये
संभव
होगा।
कैनवेरो
सर्जियो
हेड
ट्रांसप्लांट
पर
ध्यान
केंद्रित
कर
रहे
हैं।
ब्रेन ट्रांस्प्लांट के दावे का आधार
कैनवेरो ने जनवरी 2016 में एक बंदर पर सफलतापूर्वक एक हेड ट्रांसप्लांट करने का दावा किया। बाद में ये बंदर बिना किसी न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम के 20 घंटे तक जीवित रहा। सर्जियो ने की बंदर ट्रांसप्लांट के बाद बेहोश था और रीढ़ की हड्डी को दोबारा नहीं जुड़ पाई थी। साल 2017 में कैनावेरो और उनके सहयोगियों ने चीन में हार्बिन मेडिकल यूनिवर्सिटी में दो शवों पर मानव सिर प्रत्यारोपण का अभ्यास किया। जिसके बाद कैनवेरो ने हेड ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया को सफल बताया। सर्जन सर्गिया ने अपने इन दावों के पक्ष में कोई मजबूत सबूत पेश नहीं किया है। जिसकी वजह है कि पूरा चिकित्सा विज्ञान जगत ऐसी सर्जरी से डरी हुई है।
2015 में सुर्खियों में आए कैनवेरो
सर्जियो कैनवेरो ने साल 2015 में के हेड ट्रांसप्लांट का विचार किया। इसके लिए उन्होंने एक वालंटियर को तैयार भी कर लिया था। इस वालंटियर का नाम वालेरी स्पिरिडोनोव था, जो कि एक रूसी कंप्यूटर प्रोग्रामर। उसे स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी थी। एक एक प्रकार की मांसपेशियों को खत्म करने वाली बीमारी है। लेकिन बाद में स्पिरिडोनोव ने 2019 में अपना नाम वापस ले लिया था। उस वक्त सर्जियो कैनवेरो के विवादास्पद दावे सुर्खियों में आए थे।
चूहे पर हुआ था पहला टेस्ट
सर्गियो ने एक शव के सिर को ट्रांसप्लांट किया। अब वे वे एक जीवित इंसान पर ये प्रयोग करेंगे। सर्गियो का दावा है कि उन्होंने हेड ट्रांसप्लांट को लेकर उन्होंने जितने भी टेस्ट किये सभी सफल हुए हैं। अपने पहले हेड ट्रांसप्लांट को लेकर विवादित दावे के बाद डॉ सर्गियो कैनवैरो को ट्रोल भी किया गया। हालांकिडॉ सर्गियो का कहना है कि इंसान के शव पर पहला हेड ट्रांसप्लांट किया जा चुका है। अब एक ब्रेड डेड डोनर पर इस तरह का हेड ट्रांसप्लांट करना अगला कदम होगा। सर्गियो उनका पहला टेस्ट एक चूहा और फिर बंदर पर हुआ था।
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