मालदीव चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति को इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने हराया, भारत के लिए अच्छे संकेत
नई दिल्ली। मालदीव में हुए आम चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने चुनाव में जीत दर्ज की है। रविवार को घोषित हुए चुनाव परिणाम में उन्होंने मौजदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन का हरा दिया है। मालदीव के चुनाव के नतीजों को भारत के लिए परिपेक्ष्य से भी बेहतर माना जा रहा है क्योंकि अब्दुल्ला यामीन चीन की ओर झुकाव रखते थे, ऐसे में उनकी हार से भारत को राहत जरूर मिलेगी। सोलिह को कुल 92 फीसदी वोट में से 58.3 फीसदी वोट हासिल हुए हैं। जीत के बाद सोलिह ने कहा कि यह खुशी उम्मीद और इतिहास का पल है, मैं अपील करता हूं कि सत्ता का हस्तांतरण शांतिपर्वक हो।
गौरतलब है कि मालदीव में पिछले कुछ समय से लगातार सियासी उठापटक चल रही थी, ऐसे में माना जा रहा था कि राष्ट्रपति यामीन अब्दुल चुनाव में गड़बड़ी कर सकते हैं, लेकिन चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद सत्ता हस्तांतरण सुनिश्चित हो गया है। चुनाव से पहले यामीन ने विपक्षी दलों, कोर्ट और मीडिया के खिलाफ काफी सख्त कदम उठाए थे। यही नहीं फरवरी माह में यहां आपातकाल भी लागू कर दिया गया था और संविधान को निलंबित कर दिया गया कर दिया गया था। यही नहीं विपक्षी दल राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन राष्ट्रपति ने सेना को भेजकर सांसदों को रोक दिया था, जिसके चलते अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मालदीव के इस कदम की आलोचना हो रही थी।
मालदीव में कई विपक्षी दलों के नेताओं और वरिष्ठ जजों को जेल में डाल दिया गया था। राष्ट्रपति यामीन को पहले ही इस बात का अंदाजा हो गया था कि वह चुनाव में हार सकते हैं, जिसके चलते उन्होंने विपक्षी दलों के चुनाव प्रचार मुख्यालय में छापे तक मरवाएं। यही वजह थी जिसके बाद अंदाजा लगाया जा रहा था कि वह चुनाव में गड़बड़ी कर सकते हैं। आपको बता दें कि इससे पहले लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव में जीत दर्ज करने वाले मालदीव के पहले राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह इस चुनाव नतीजे को स्वीकार ना करें।