कश्मीर से ऊबा हाफिज सईद अब इजरायल में आतंक फैलाने की तैयारी!
इस्लामाबाद। लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख, मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड और भारत में आतंकियों का मददगार हाफिज सईद अब गाजा तक अपनी पहुंच बनाने में कामयाब हो गया है।
गाजा में शुरू किया चैरिटी का नाटक
इस बात की पक्की रिपोर्ट हैं कि हाफिज सईद का एक और संगठन फलाह-ए-इंसानियत की ओर से फिलिस्तीन के गाजा में चैरिटी से जुड़े कामों को अंजाम दिया जा रहा है। गाजा में सईद की मौजूदगी से इजरायल के कान खड़े हो गए हैं।
इजरायल 26/11 के बाद से ही हाफिज सईद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के इंतजार में बैठा है। मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार लश्कर के उस हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे जिसमें नारीमन हाउस में रहने वाले कई इजरायली नागरिक भी शामिल थे।
गाजा में सईद की पकड़ मजबूत
इजरायल की इंटेलीजेंस एजेंसियों की ओर से इस बात की पुष्टि की गई है। एजेंसियों की मानें तो गाजा में सईद अपना एक मजबूत नेटवर्क स्थापित कर चुका है। उन्होंने भारतीय एजेंसियों को भी इस बात से अवगत करा दिया है।
भारत की इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारियों की ओर से वनइंडिया को जानकारी दी गई है कि इस बात की पूरी उम्मीद थी कि सईद इस तरह का कदम उठाएगा। आईएसआईए के इशारे पर लश्कर ने फैसला कर लिया है कि वह गाजा और कश्मीर मुद्दे को दुनिया के सामने उठाकर रहेगा।
कश्मीर से बड़ा मुद्दा गाजा
गाजा में सईद अपने सिर्फ एक मकसद और एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस कदर सक्रिय हो गया है। उसका कदम बहुत सोच समझकर उठाया गया कदम है। आईएसआई की ओर से उसे इस काम के लिए पूरा समर्थन हासिल है।
आईएसआई मानती है कि अगर वह ऐसा करने में कामयाब रहती है तो वह मुसलमानों की एक बड़ी संख्या को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हो पाएगी।
यह बात जगजाहिर है कि कश्मीर की तुलना में पूरी दुनिया में रहने वाले मुसलमान गाजा के लिए अपनी संवेदनाएं बड़े स्तर पर और समय-समय पर जाहिर करते रहते हैं। गाजा में अपनी मौजूदगी के जरिए लश्कर दुनिया पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है और ऐसा करने से उसे बड़ी मात्रा में अनुदान भी मिलेगा।
कश्मीर से बाहर निकलने की तैयारी
सईद इस बात से वाकिफ है कि उसका नेटवर्क इस कदम से और मजबूत होगा और उसकी पहुंच ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच बन सकेगी। लश्कर हमेशा से चाहता था कि वह कश्मीर की छाया से बाहर निकले।
सिर्फ इस एक मुद्दे की बजाय वह अपने ग्लोबल आउटफिट के मकसद को सफल बनाने के मकसद से काम कर रहा है। गाजा उसके लिए एक ऐसी जगह है जो उसके इस मकसद को पूरा कर सकेगा।
सईद और आईएसआई की रणनीति
लश्कर और सईद की रणनीति के तहत वह इस देश में दाखिल तो होंगे लेकिन एक साल तक किसी भी तरह के युद्ध में खुद को शामिल नहीं करेंगे। इस एक साल के दौरान वह कैंपों की स्थापना करेंगे, मेडिकल सहायता देंगे और साथ ही साथ चैरिटी के कामों को भी अंजाम देंगे।
वहीं सईद के चैरिटी के काम काफी सेलेक्टिव हें और वह सिर्फ उन लोगों या देशों के लिए ही हैं जो भारत और इजरायल के विरोधी हैं। इजरायल की इंटलीजेंस एजेंसियों की मानें तो गाजा में वह इसी मकसद से आया है।
सईद और आईएसआई ने अपने इस मकसद से के लिए अल कायदा को भी किनारे कर दिया है ताकि दुनिया में उसकी पहचान और मजबूत हो। अलकायदा वह आतंकी संगठन है जिसने कभी भी आईएसआई के आदेशों को नहीं माना।