UK के चुनावों में मुद्दा बने कश्मीर, पंजाब और जलियांवाला बाग कांड, भारतीयों के वोट हासिल करने की कोशिश
लंदन। जम्मू कश्मीर और पंजाब, भारत में अगर चुनावों के दौरान किसी पार्टी के लिए मुद्दा बने तो समझ में आता है, मगर इन दोनों का जिक्र यूनाइटेड किंगडम (यूके) के चुनावों में हो रहा है। यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की अगुवाई वाली कंजर्वेटिव पार्टी की तरफ से घोषणा पत्र जारी किया गया है। इस घोषणा पत्र में कश्मीर और पंजाब को प्रमुखता से जगह दी गई है। जॉनसन ने अपनी पार्टी के मैनिफेस्टो के साथ ही भारत और बाकी साथी कॉमनवेल्थ देशों के साथ मजबूत संबंधों की बात कही है। यूके में 12 दिसंबर को चुनाव होने हैं। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर से यह जानकारी दी गई है।
पीएम जॉनसन बोले संबंधों को मजबूत करना
पीएम बोरिसन जॉनसन ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के मकसद से और यूके में बसे भारतीयों को लुभाने के लक्ष्य के तहत पार्टी का घोषणा पत्र को रिलीज किया। यूके में तीन बड़ी पार्टी के घोषणा पत्रों में कश्मीर और पंजाब के अलावा जाति पर ध्यान केंद्रित किया गया है। कंजर्वेटिव पार्टी ने विपक्षी लेबर और लिबरल डेमोक्रेट्स से अलग रुख अपना रुख अख्तियार किया है। इसके बाद उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बिजनेस बढ़ाने के लिए उभरते हुए बाजारों के साथ एक्सपोर्ट फाइनेंस का प्रयोग करेगी।
यूके में 1.5 मिलियन भारतीय
साल 2017 में पार्टी का जो घोषणा पत्र आया था , उसमें भारत का जरा भी जिक्र नहीं था। लेकिन साल 2019 के इस मैनिफेस्टो के बारे में पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा, 'हम कॉमनवेल्थ देशों के साथ संबंधों को मजबूत करेंगे जिसमें तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था जैसे भारत शामिल है जिसके साथ हमारे पहले से ही एतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं।' यूके में बसे भारतीयों की संख्या करीब 1.5 मिलियन है। वहीं, लिबरल डेमोक्रेट्स जो चुनावों में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आ रही है, उसकी तरफ से मतदाताओं को ब्रेग्जिट रोकने का वादा किया गया है। भारत का जिक्र इस पार्टी के मैनिफेस्टो में नहीं किया गया है।
जलियांवाला बाग के लिए मांगेंगे माफी
एक और पार्टी, लेबर पार्टी का जो घोषणा पत्र आया है उसमें चुने जाने के बाद सन् 1919 में हुए जलियांवाला बाग कांड के लिए पूरी तरह से माफी मांगने का वादा किया गया है। इतना ही नहीं पार्टी की तरफ से सन् 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लूस्टार में ब्रिटेन के रोल का रिव्यू करने की बात भी कही गई है जिसका जिक्र साल 2014 रिलीज कुछ डॉक्यूमेंट्स में किया गया है। लेबर पार्टी की तरफ से मानवाधिकार मुद्दों का जिक्र करते हुए कंजर्वेटिव पार्टी पर हमला बोला गया है।
इस बार कोई भारतीय उम्मीदवार नहीं
पार्टी ने कहा, 'कंजर्वेटिव्स दुनिया में बड़े पैमाने पर जारी मानवाधिकार संकट का समाधान करने में असफल रहे हैं जिसमें कश्मीर, यमन और म्यांमार शामिल हैं और ईरान के साथ तनाव बढ़ने में भी इस पार्टी का अहम रोल है।' लेबर पार्टी ने भारत सरकार के उस फैसले की आलोचना की थी जिसमें आर्टिकल 370 को जम्मू कश्मीर से हटा कर इसे दो संघ शासित प्रदेशों में बांट दिए जाने का फैसला लिया गया था। पार्टी ने चुनावों के लिए इस बार भारतीय मूल का कोई भी उम्मीदवार मैदान में खड़ा नहीं किया है। लिसेस्टर से पार्टी के भारतीय मूल के सांसद कीथ वाइज की वजह से पार्टी को काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है।