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'मां के धर्म की वजह से मैं बर्बाद हो गया', शिंजो आबे के हत्यारे से अचानक जापान में क्यों उमड़ी सहानुभूति?

आरोपी यामागामी को लेकर अलग अलग तरह के जांच किए जा रहे हैं और नवंबर महीने तक उसकी मानसिक स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा और उस वक्त तक आरोपी को हिरासत में ही रखा जाएगा।

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टोक्यो, अगस्त 26: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हाथ से बनी बंदूक से निर्मम हत्या ने एक ऐसे देश को झकझोर कर रख दिया जो हाई-प्रोफाइल राजनीतिक हिंसा का आदी नहीं रहा है। लेकिन हत्या के बाद के हफ्तों बाद एक और हैरान करने वाला खुलासा हुआ हत्यारे को लेकर, क्योंकि आरोपी के बारे में जो बातें निकलकर सामने आ रही हैं, वो सनसनीखेज हैं और जो खुलासे हो रहे हैं, उसकी वजह से जापान में अचानकर हत्यारे को लेकर लोगों की सहानुभूति उमड़ने लगी है। हत्यारे ने कहा है, कि वो अपने मां की धर्म की वजह से बर्बाद हो गया है।

हत्यारे पर सनसनीखेज खुलासे

हत्यारे पर सनसनीखेज खुलासे

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या करने वाले हत्यारे को लेकर खुलासा हुआ है, कि वो अपनी मां की अत्यधिक दान करने की आदत की वजह से बर्बाद हो गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, उसकी मां विवादास्पद यूनिफिकेशन चर्च को काफी विशालकाय दान दे चुकी थी, जिसकी वजह से उसकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी और इस वजह से वो अपने समाज में उपेक्षित हो गया था और वो क्रोध से भरा रहता था। कातिल की कहानी सामने आने के बाद कई जापानियों में अब उसको लेकर सहानुभूति उमड़ने लगी है, खासकर उसकी उम्र वर्ग के लोगों में काफी सहानुभूति जताई है। आरोपी की उम्र 41 साल है और उसकी उम्र के लोग पिछले तीन दशकों की आर्थिक अस्वस्थता और सामाजिक उथल-पुथल के दौरान आरोपी की स्थिति से खुद को जोड़ रहे हैं और उसकी पीड़ा को महसूस कर रहे हैं।

आरोपी के लिए पैकेज

आरोपी के लिए पैकेज

जापान में सोशल मीडिया पर कई ऐसे पोस्ट देखे जा रहे हैं, जिसमें आरोपी तेत्सुया यामागामी के लिए डिटेंशन सेंटर में कई तरह के पैकेज भेजे जाने की बात कही गई है, ताकि वो खुश हो सके और करीब 7 हजार जापानी लोगों ने आरोपी तेत्सुया यामागामी के साथ रहम बरतने के लिए एक याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं। आरोपी तेत्सुया यामागामी ने पुलिस के सामने जो बयान दिए हैं, उसमें उसने कहा है कि, उसने जापान के सबसे शक्तिशाली और विभाजनकारी राजनेताओं में से एक, शिंजो अबे को मार डाला, क्योंकि वह एक अनाम धार्मिक समूह के साथ संबंधित थे और उनका व्यापक संबंध यूनिफिकेशन चर्च के साथ था, जिन्हें दान देकर उसकी मां ने घर के सारे पैसे उड़ा दिए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले ने चर्च के अनुयायियों के हजारों अन्य बच्चों की दुर्दशा को भी उजागर किया है, जिन्हें दुर्व्यवहार और उपेक्षा का सामना करना पड़ा है।

जापान में सैकड़ों है चर्च से पीड़ित

जापान में सैकड़ों है चर्च से पीड़ित

रिशो विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान के प्रोफेसर और पंथ अध्ययन के विशेषज्ञ किमियाकी निशिदा ने कहा कि, अगर आरोपी तेत्सुया यामागामी ने पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या नहीं की होती और अगर उसकी कहानी किसी और तरीके से सामने आती, तो शायद उसके लिए पूरे जापान से सहानुभूति उमड़ पड़ती, क्योंकि जापान में ऐसे कई लोग हैं, जो चर्च की वजह से पीड़ित हैं। जापान की गवर्निंग पार्टी के लिए भी गंभीर राजनीतिक स्वार्थ रहे हैं, जिसने विवादों और कानूनी विवादों के बावजूद चर्च के साथ मधुर संबंध बनाए रखा है। लेकिन, अब शिंजो आबे की हत्या के बाद मौजूदा प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की लोकप्रियता बुरी तरह से गिर गई है, और उन्होंने धार्मिक समूह के सदस्यों को शुद्ध करने के लिए अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया है। वहीं, राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के प्रमुख ने शिंजो आबे की सुरक्षा करने में असफल रहने की अपनी जिम्मेदारी लेकर अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

आरोपी की चल रही है अलग अलग जांच

आरोपी की चल रही है अलग अलग जांच

रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी यामागामी को लेकर अलग अलग तरह के जांच किए जा रहे हैं और नवंबर महीने तक उसकी मानसिक स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा और उस वक्त तक आरोपी को हिरासत में ही रखा जाएगा। आरोपी ने वारदात को अंजाम देने से पहले सोशल मीडिया पर यूनिफिकेशन चर्च के प्रति घृणा व्यक्त की थी, जिसे 1954 में दक्षिण कोरिया में स्थापित किया गया था और 1980 के दशक के बाद से, कुटिल भर्ती प्रथाओं और ब्रेनवॉशिंग के आरोपों का सामना करना पड़ा। इस चर्च के अनुयायी भारी दान करते हैं और वो चर्च की वजह से अपने घर परिवार को भी परेशानी में छोड़ देते हैं, इसीलिए सैकड़ों लोग इस चर्च की वजह से परेशान रहते हैं। ये चर्च ब्रेनवॉशिंग के लिए काफी कुख्यात रहा है।

'चर्च की वजह से परिवार और जीवन नष्ट'

'चर्च की वजह से परिवार और जीवन नष्ट'

द एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूज एजेंसी ने उस चिट्ठी को देखा है, जिसे आरोपी ने लिखा है। इस चिट्ठी में आरोपी यामागामी ने कहा है कि, उसकी मां के विशाल दान के कारण चर्च द्वारा उनके परिवार और जीवन को नष्ट कर दिया गया था। पुलिस ने पुष्टि की है, कि यामागामी के पत्र का एक मसौदा उसके एक कमरे के अपार्टमेंट से जब्त किए गए कंप्यूटर में मिला है। इस चिट्ठी में लिखा है कि, ''मेरी मां के चर्च में शामिल होने के बाद (1990 के दशक में), मेरी पूरी किशोरावस्था गरीबी, उपेक्षा और अकेलेपन में बर्बाद हो गई और इस दौरान करीब 100 मिलियन येन (735,000 डॉलर) चर्च को दान में दिए गये।" आरोपी ने टाइप किए गए पत्र में अपने जीवन के बूारे में ये खुलासे किए हैं, जो उसने वारदात को अंजाम देने से एक दिन पहले पश्चिमी जापान में एक ब्लॉगर को भेजा था। उसने 8 जुलाई को पश्चिमी जापानी शहर नारा में एक अभियान भाषण के दौरान शिंजे आबे की हत्या कर दी थी, क्योंकि शिंजो आबे भी चर्च के साथ जुड़े हुए थे और शिंजो आबे की वजह से कई और लोग प्रभावित होकर चर्च से जुड़ रहे थे। आरोपी ने लिखा है कि, "यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं है, कि किशोरावस्ता के दौरान मैंने जो अनुभव किए हैं, उसने मेरे पूरे जीवन में घृणा भर दिया है।"

पिता ने कर ली थी आत्महत्या

पिता ने कर ली थी आत्महत्या

रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी यामागामी जब सिर्फ चार साल का था, तब उसके पिता ने आत्महत्या कर ली थी, जो उस कंपनी के प्रमुख थे, जिसकी स्थापना उसके दादा ने की थी। पिता की मौत के बाद उनकी मां यूनिफिकेशन चर्च की सदस्य बन गई और फिर उसकी मां ने चर्च को भारी दान देना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से पूरा परिवार दिवालिया हो गया और आरोपी यामागामी की कॉलेज जाने की उम्मीद को चकनाचूर कर दिया। उसके भाई ने बाद में आत्महत्या कर ली। वहीं, जवान होने के बाद आरोपी यायागामी ने जापानी नौसेना में तीन साल तक काम किया और फिर वो एक फैक्ट्री में काम करने लगा था। मीडिया इंटरव्यू में यामागामी के चाचा ने कहा कि, यामागामी की मां ने चर्च में शामिल होने के महीनों के भीतर 60 मिलियन येन ($440,000) का दान दिया। जब 1990 के दशक के अंत में उनके पिता की मृत्यु हुई, तो उन्होंने कंपनी की 40 मिलियन येन (293,000 डॉलर) की संपत्ति बेच दी और फिर साल 2002 में परिवार पूरी तरह से दिवालिया हो गया। आरोपी के चाचा ने कहा कि, यायागामी और दूसरे बच्चों को स्कूल जाने से इसलिए रोक दिया गया था, क्योंकि उनकी मां ने पैसों को चर्च को देने के लिए कहा था, बच्चों पर खर्च करने के लिए नहीं।

आरोपी ने की थी आत्महत्या की कोशिश

आरोपी ने की थी आत्महत्या की कोशिश

जब आरोपी यामागामी ने साल 2005 में आत्महत्या की कोशिश की थी, तो भी उसकी मां दक्षिण कोरिया से वापस नहीं लौटी, क्योंकि वहां पर भी चर्च की स्थापना की गई थी। आरोपी के चाचा ने कहा कि, यामागामी की मां ने कथित तौर पर अभियोजकों से कहा कि, उन्हें अपने बेटे के कथित अपराध पर चर्च को परेशान करने के लिए खेद है। उसके चाचा ने कहा कि, वह बर्बाद हो गई थी लेकिन चर्च की अनुयायी बनी रही। अधिकारियों और स्थानीय बार एसोसिएशन ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। एसोसिएय प्रेस के मुताबिक, आरोपी यामागामी, उसकी मां और उनके वकीलों से संपर्क करने के बार-बार प्रयास असफल रहे।

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English summary
Thousands of people have written a letter expressing their sympathy after hearing the life story of Tetsuya Yamagami, the accuse of former Japanese PM Shinzo Abe.
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