'यहूदी भी कश्मीर जैसे आतंक से गुजर चुके हैं', इजरायल के काउंसलर जनरल बोले, 'मैं रो पड़ा था'
डायरेक्टर नदव लापिड IFFI के इंटरनेशनल कंपिटिशिन सेक्शन के जूरी अध्यक्ष थे। वो एक लेखक और निर्देशक हैं, जिनकी फिल्म 'पर्यायवाची' ने 2019 में 69वें बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में गोल्डन बियर पुरस्कार जीता था।
The Kashmir Files row: द कश्मीर फाइल्स को लेकर इजरायली फिल्म मेकर नदव लापिड के प्रोपेगेंडा वाले बयान पर इजरायल बैकफुट पर है और इजरायल के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने फिल्म मेकर को फटकार लगाई है और इजराइल के महावाणिज्यदूत कोब्बी शोशानी ने IFFI जूरी के प्रमुख नदव लापिड की 'द कश्मीर फाइल्स' पर विवादास्पद टिप्पणी को एक "बड़ी गलती" बताया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, इजराइली फिल्म निर्माता द्वारा की गई टिप्पणियां फिल्म पर देश की स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं।
फिल्म मेकर के खिलाफ इजरायल
कोब्बी शोशानी ने फिल्म मेकर नदव लापिड की सख्त आलोचना करते हुए कहा कि, "नदव लापिड की टिप्पणी को हम स्वीकार नहीं करते हैं और मैं व्यक्तिगत तौर पर तो इसे तभी स्वीकार नहीं करता। इजरायल के राजदूत, जो कल रात गोवा में मेरे साथ थे, वो भी इस विचार को स्वीकार नहीं करते हैं। यह उनकी निजी राय है, वो यह कह सकते हैं, कि ये ज्यूरी की राय है, लेकिन इसका इजरायल से कोई लेना-देना नहीं है।" वहीं, भारत में इजराइल के राजदूत नौर गिलॉन ने भारत के 53वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में 'द कश्मीर फाइल्स' को 'प्रोपेगेंडा' और 'अश्लील' कहने के लिए अपने हमवतन और फिल्म निर्माता पर तीखा हमला किया है। गिलोन ने कहा कि, लैपिड, जो आईएफएफआई 2022 में जूरी प्रमुख थे, उन्हें कश्मीर फाइल्स पर की गई अपनी टिप्पणी के लिए शर्म आनी चाहिए और किसी भी ऐतिहासिक घटना पर टिप्पणी करने से पहले उस घटना के बारे में गहराई से अध्ययन करना चाहिए।
बयान पर इजरायल की सख्ती
कोब्बी शोशानी ने कहा कि, "मैंने भाषण के बाद उनसे (इजरायली राजदूत) कहा कि, उन्होंने (फिल्म मेकर) एक बड़ी गलती की है, जो उचित नहीं था। राजदूत और मैंने टिप्पणियों और ट्वीट्स को इस तरह से रोल आउट किया, कि हम 'प्रोपेगेंडा' जैसे शब्दों का उपयोग करने के बारे में क्या सोचते हैं, हम इसे स्वीकार नहीं करते हैं और उनका बयान इजरायल सरकार का और इजरायल का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।" वहीं, फिल्म "द कश्मीर फाइल्स" के साथ अपने अनुभवों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, जब उन्होंने फिल्म देखी तो उनकी आंखों से आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि, "इस फिल्म को देखना आसान नहीं था। मुझे लगता है कि यह इजराइल में भी दिखाया गया था। हम यहूदी हैं जो भयानक चीजों से पीड़ित हैं और मुझे लगता है कि हमें दूसरों के दुखों को साझा करना होगा।" उन्होंने कहा कि, "मेरे दृष्टिकोण से, मैं किसी को माफी मांगने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। यदि आप व्यक्तिगत रूप से पूछते हैं, तो हां, मुझे लगता है कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने भारत में एक राजनीतिक विवाद में प्रवेश किया है और यह ऐसा कुछ नहीं है जो उन्हें करना चाहिए था।"
कौन हैं फिल्म मेकर नदाव लपिड
नदाव लपिड एक इजराइली फिल्म मेकर और स्क्रीन राइटर हैं। नादव लापिड को सिनोनिम्स (2019), द किंडरगार्टन टीचर (2014) और पुलिसमैन (2011) जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है। इसमें से किंडरगार्टन टीचर और पुलिसमैन के लिए नदाव लपिड को गोल्डन बीयर और कान जूरी प्राइज भी मिल चुका है। नदाव लपिड 2015 के लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लेपर्ड जूरी के सदस्य थे। 2016 के कान फिल्म फेस्टिवल में इंटरनेशनल क्रिटिक्स वीक जूरी के सदस्य भी रह चुके हैं। वहीं 71वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म में 'आधिकारिक प्रतियोगिता' जूरी के सदस्य रहे थे। 47 वर्षीय नदाव लपिड हमेशा अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। लैपिड ने अपने एक इंटरव्यू में अपनी फिल्म 'सिनोनिम्स' के बारे में बात करते हुए कहा था कि इजराइल के ज्यादातर लोगों ने अपनी आत्मा को बेच दिया है, वो 'सिक सोल' हो गए हैं।