अमेरिका से नहीं डरेगा भारत, जारी रहेगा ईरान से तेल का आयात
न्यूयॉर्क। भारत, अमेरिका की धमकियों के बाद भी ईरान से तेल खरीदना जारी रखेगा। साथ ही ईरान और भारत के बीच आर्थिक सहयोग भी जारी रहेगा। ईरानी विदेश मंत्री जो इस समय न्यूयॉर्क में यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (उंगा) के सत्र में शिरकत कर रहे हैं, उनकी तरफ से यह बयान दिया गया है। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जारीफ और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बीच गुरुवार को मुलाकात हुई है। इसी मुलाकात के बाद जारीफ की ओर से यह बयान आया है। जारीफ का बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका की ओर से उन देशों पर प्रतिबंध की धमकी दी जा चुकी है जो चार नवंबर के बाद भी ईरान से तेल आयात या फिर किसी तरह का आर्थिक संबंध जारी रखेंगे।
डोनाल्ड ट्रंप लगातार दे रहे हैं धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अपने देश को बाहर कर लिया है। इसके बाद वह ईरान पर नए सिरे से प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर चुके हैं। ईरान ऑर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज यानी ओपेक में तेल उत्पादन करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। अमेरिका अपने साथी देशों पर दबाव डाल रहा है कि चार नवंबर तक वह ईरान से तेल आयात को जीरो करें। मोहम्मद जारीफ ने सुषमा से उंगा से इतर मुलाकात की थी। मीटिंग के बाद उन्होंने कहा, 'हमारे भारतीय दोस्त हमेशा से ही अपने आर्थिक सहयोग और ईरान से तेल आयात के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं और मैंने अपनी भारतीय समकक्ष से भी इस बाबत ऐसा ही बयान सुना है।'
चीन के बाद भारत का नंबर
भारत, ईरान के लिए दूसरा ऐसा देश है जो सबसे ज्यादा तेल खरीदता है। भारत से पहले चीन का नंबर है और चीन ने पहले ही ईरान से तेल आयात में कमी कर दी है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि चीन पूरी तरह से तेल का आयात बंद करेगा या नहीं। जारीफ का कहना था कि ईरान और भारत के बीच एक विस्तृत आर्थिक सहयोग है जिसमें ऊर्जा सहयोग भी शामिल है। उनका कहना था कि ईरान हमेशा से ऊर्जा सहयोग के मामले में भारत के लिए सबसे भरोसेमंद स्त्रोत रहा है। ईरान, तीसरा देश है जहां से भारत सबसे ज्यादा तेल खरीदता है। ईरान की तरफ से भारत को फ्री शिपिंग और बढ़े ही क्रेडिट पीरियड पर तेल देने की पेशकश की जा चुकी है। ऐसे में भारत ने भी ईरान से तेल का आयात बढ़ाने की योजना बनाई थी। ईरान पर लगे पूर्व प्रतिबंधों के तहत भी भारत कुछ ऐसे देशों में शामिल था जिन्होंने ईरान से तेल खरीदना जारी रखा था। जारीफ का कहना था कि ईरान, भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाना चाहता है।