ईरान में तीन और प्रदर्शनकारियों को सुनाई गई फांसी की सजा, इस्लामिक सरकार की क्रूरता जारी
ईरान सरकार के मुताबिक, अभी तक 17 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है, लेकिन अलग अलग संगठनों का कहना है, कि 100 से ज्यादा लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है।
Iran Anti-Hijab Protests: ईरान की इस्लामिक सरकार लगातार हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों को अपनी बर्बरता का शिकार बना रही है और इसी कड़ी में 3 और लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है। ईरान की एक अदालत ने देश भर में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बीच सुरक्षा बलों के तीन सदस्यों की हत्या के आरोप में तीन लोगों को मौत की सजा सुनाई है। पिछले साल सितंबर में महसा अमिनी की मौत के बाद से ईरान में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं। महसा अमिनी को देश की मोरल पुलिस ने कथित तौर पर ईरान के सख्त ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार किया था और बाद में महसा अमीनी की संदिग्ध मौत हो गई थी।
अभी तक 17 को फांसी की सजा
ईरान में इस्लामिक सरकार के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों में 18 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं अभी तक 17 लोगों को मौत की सजा दी गई है। मौत की सजा जिन्हें दी जाती है, उन्हें कुछ ही घंटों के अंदर फांसी भी दे दी जाती है। एक दिन पहले ही ईरानी सरकार ने एक कराटे चैंम्पियन और एक कोच को फांसी की है, जिसकी पूरी दुनिया में आलोचना की गई है। एएफपी ने बताया कि दोषी ठहराए गए लोगों में से चार को फांसी दे दी गई है और दो अन्य को जल्द ही फांसी पर लटकाया जाना है। समाचार एजेंसी एएफपी ने न्यायपालिका की मिजान ऑनलाइन समाचार वेबसाइट के हवाले से बताया है कि, सालेह मिरहशेमी, माजिद काज़ेमी और सईद याघौबी को "खुदा के खिलाफ युद्ध" छेड़ने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है। ईरान की इस्लामिक सरकार का मानना है, कि सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना अल्लाह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन है।
कराटे चैंपियन को दी गई फांसी
सीएनएन के मुताबिक, ईरान में अभी तक चार प्रदर्शनकारियों को फांसी दी गई है और ईरान के सरकार से संबंधित न्यूज चैनल फार्स न्यूज ने बताया कि, मोहम्मद मेहदी करमी और सैयद मोहम्मद हुसैनी को शनिवार सुबह फांसी दे दी गई। ईरान की न्यायपालिका को कवर करने वाली समाचार एजेंसी मिजान के मुताबिक, पिछले साल शासन-विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने वाले इस दोनों खिलाड़ी और कोच को 3 नवंबर को कारज में देश के बसीज अर्धसैनिक बल के सदस्य सैयद रूहोल्लाह अजामियन की हत्या का दोषी ठहराया गया था। वहीं, करामी की वकालत करने वाले वकील मोहम्मद हुसैन अघासी ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा कि, करमी को फांसी पर चढ़ाने से पहले उन्हें अपने परिवार से भी बात करने का अंतिम अधिकार नहीं दिया गया।
अयातुल्ला अली खमेनेई के खिलाफ गुस्सा
रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण पू्र्वी ईरान में प्रदर्शनकारी हिंसक हो गये हैं। मानवाधिकार समूहों के मुताबिक, कम से कम 100 प्रदर्शनकारियों को मौत की सजा सुनाई गई है। आपको बता दें कि, ईरान में मध्य सितंबर में 22 साल की कुर्द लड़की महसा अमीनी की मोरल पुलिस ने 'सही तरीके से हिजाब नहीं पहनने' की वजह से हिरासत में ले लिया था और पुलिस हिरासत में ही उसकी संदिग्ध मौत हो गई। जिसके बाद ही ईरानी लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और लाखों लोग सड़कों पर हैं। वहीं, इस प्रदर्शन को छात्रों का समर्थन मिल गया है, लिहाजा इसकी आग बुझने का नाम ही नहीं ले रही है। ईरान सरकार ने मोरल पुलिस को भंग करने की भी घोषणा जरूर की है, लेकिन महिलाओं की मांग अब सिर्फ हिजाब की अनिवार्यता खत्म करने की नहीं रही है, बल्कि अब उनकी मांग इस्लामिक शासन को ही खत्म करने की है, जिसमें महिलाओं के लिए पूर्ण और लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग की गई है।
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