चीन के खिलाफ भारत के मजबूत रुख ने दूसरे देशों को भी दी ताकत- US Official
वॉशिंगटन। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की अधिकारी लीजा कर्टिस ने चीन के खिलाफ मजबूत रुख दिखाने के लिए भारत की तारीफ की है। कर्टिस ने कहा है कि भारत ने जिस तेजी से सीमा विवाद के दौरान चीन को प्रतिक्रिया दी है, उससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मौजूद दूसरे देशों को ताकत मिली है। वह भारत के रुख से प्रोत्साहित हुए हैं और हालातों पर सावधानी से नजरें जमाए हुए हैं।
यह भी पढ़ें-चीन बॉर्डर पर तैनात किए 35,000 अतिरिक्त जवान
Recommended Video
भारत ने चीन पर डाला दबाव
कर्टिस ने यह बात ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन के बुधवार को आयोजित वेबीनार के दौरान कही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि चीन लगातार क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत जिस तरह से चीनी एप्स को बैन करके और चीनी निवेश को रोककर इकोनॉमिक कार्ड खेला है, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है। उन्होंने कहा, 'शुक्र है कि हमें अब सेनाओं का डिसइंगेजमेंट देखने को मिल रहा है और आने वाले दिनों में यह जारी रहेगा।' कर्टिस के मुताबिक भारत ने चीन पर दबाव डाला है और इसका असर लंबे समय तक देखने को मिलेगा। भारत का रुख आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच समीकरणों को बदल देगा। कर्टिस को दक्षिण एशिया के मामलों का जानकार माना जाता है और वह भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में अमेरिकी सरकार के साथ काम कर चुकी हैं।
माना चीन को समाना खतरा
कर्टिस ने कहा कि कुछ देश अब चीन के दुष्प्रभाव से परिचित हो गए हैं। कर्टिस ने कहा कि लद्दाख में चीन जो आक्रामकता दिखा रहा है, वह दुनिया के दूसरे हिस्सों में जारी चीनी आक्रामकता का ही एक स्वरूप है। पिछले दिनों विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो से फोन पर बात की थी। दोनों नेताओं की बातचीत ऐसे समय में हुई है जब पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के वेस्टर्न सेक्टर में चीन के साथ टकराव को एक माह होने वाले हैं। पोंपेयो और जयशंकर के बीच जून के तीसरे हफ्ते में पहली फोन कॉल हुई थी और यह दोनों नेताओं के बीच एक और हाई लेवल फोन वार्ता थी। जयशंकर और पोंपेयो के बीच इस वार्ता में चीन को लेकर बात हुई तो सैन्य सहयोग पर भी चर्चा हुई।