भारत-रूस विदेश मंत्रियों की बैठक, सालों पुरानी दोस्ती जारी रखने का संकल्प, डिफेंस-स्पेस मदद देता रहेगा रूस
भारत और रूसी विदेशमंत्रियों के बीच नई दिल्ली में बैठक हुई है, जिसमें डिफेंस, न्यूक्लियर, स्पेस सेक्टर में रूस ने मदद जारी रखने की बात कही है।
नई दिल्ली: रूस के विदेशमंत्री सर्गेई लावरोव भारत दौरे पर हैं और इस दौरान दोनों देशों के बीच पुरानी दोस्ती को नए सिरे से नया रूप देने की कोशिश की जा रही है। इसी साल अंत में रूसे के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी भारत के दौरे पर आने वाले हैं साथ ही पिछले कुछ सालों में वैश्विक राजनीति और वैश्विक परिस्थितियों में काफी बदलाव आ गया है, लिहाजा रूस और भारत के बीच की ये बातचीत काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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Much of our discussions today cover the preparations for President Putin's visit for the annual summit later this year. Our bilateral cooperation remains energetic & forward-looking. We talked about longstanding partnership in nuclear space & defence sectors: EAM S Jaishankar pic.twitter.com/dnNDKrtMBs
— ANI (@ANI) April 6, 2021
बैठक में रूस ने क्या कहा
नई दिल्ली में रूसी विदेशमंत्री और अधिकारियों की भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारतीय अधिकारियों के साथ लंबी बैठक हुई है। जिसमें दोनों देशों ने भारत-रूस की पुरानी और मजबूत दोस्ती को और ज्यादा मजबूत करने की बात कही है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बैठक में कहा कि 'भारत और रूस काफी पुराने रणनीतिक साझेदार हैं और दोनों देशों के बीच काफी पुरानी दोस्ती की बुनियाद पर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक और द्विपक्षीय अपने उच्चतम स्तर पर है और ये उस वक्त भी जारी है, जब पूरी दुनिया कोविड-19 के चलते समस्याओं से घिरी हुई है'।
भारत-रूस विदेशमंत्रियों की बैठक
मंत्री सर्गेई लावरोव ने रहा कि भारत और रूस दिल से जुड़े हुए देश हैं और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी है। दोनों देशों के दिल काफी पुरानी दोस्ती की वजह से एक साथ मिले हुए हैं। और दुनिया के मुद्दों पर भी दोनों देशों के बीच में मित्रता ही है। वहीं, भारतीय विदेश मंत्री ने रूसी राजनयिकों के साथ बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 'भारतीय और रूसी राजनयितकों के बीच हुई बैठक का केन्द्र बिंदू रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का इस साल होने वाला भारत दौरा है। भारत और रूस के बीच का द्विपक्षीय संबंध पहले की तरह की ऊर्जा से भरपूर होगी और हम भविष्य में भी एक साथ आगे बढ़ने के हक में हैं।' इसके साथ ही भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि 'भारत और रूस के बीच पुरानी दोस्ती को और मजबूत करने के अलावा न्यूक्लियर, स्पेस और डिफेंस सेक्टर को लेकर बात की गई है'
भारत ने क्या कहा?
रूसी राजनयिकों के साथ बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि 'दोनों देशों के बीच आर्थिक समझौते को मजबूती से और आगे ले जाने पर बात की गई है और भारत रूस में व्यापारिक अवसरों को तलाशेगा।' इसके अलावा भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि 'भारत और रूस के बीच इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर और चेन्नई-व्लादिवोस्तोक मेरीटाइम कॉरिडोर को जोड़ने को लेकर बात की है। बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि 'दोनों देशों ने एक दूसरे के देश में और ज्यादा निवेश करने की बात पर सहमति जताई है। इसके अलावा भारत ने इसरो के बेहद महत्वपूर्ण गगनयान प्रोग्राम में रूसी मदद के लिए रूस की प्रशंसा की है। इसके अलावा भारत ने अपने रक्षा प्रोग्राम को लेकर भी रूस के साथ बातचीत की है'।
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