अफगानिस्तान में 11 महीने बाद भारत की राजनयिक मौजूदगी, काबुल में तैनात की टेक्निकल टीम
नई दिल्ली, जून 23। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से अधिकतर देशों ने वहां अपने दूतावास को बंद कर दिया था और अपने-अपने राजनयिकों और दूतावास में काम करने वाले अधिकारियों को वापस बुला लिया था। इसमें भारत भी शामिल था, लेकिन अब करीब साल भर के बाद भारत अफगानिस्तान के साथ अपने राजनयिक संबंधों को फिर से शुरू करने जा रहा है। भारत ने अफगानिस्तान में अपने एक राजनयिक की उपस्थित दर्ज करा दी है और एक टेक्निकल टीम को भी तैनात कर दिया है।

कई औपचारिक बैठकों के बाद लिया गया यह फैसला
आपको बता दें कि हेरात, कंधार, जलालाबाद और मजार-ए-शरीफ में भारतीय वाणिज्य दूतावासों के बंद होने के बाद भारत ने बड़े पैमाने पर सुरक्षा चिंताओं के कारण अपने सभी अधिकारियों को वापस बुला लिया था। अफगानिस्तान में अशरफ गनी की सरकार के पतन के बाद हालात काफी खराब हो गए थे, लेकिन साल भर के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की कई औपचारिक बैठकों और सुरक्षा चिंताओं के आश्वासन के बाद भारत सरकार ने राजनयिक संबंधों को फिर से शुरू करने का फैसला किया है।
बीते दिनों अफगानिस्तान गई थी भारतीय विदेश मंत्रालय की टीम
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि एक तकनीकी टीम गुरुवार को काबुल पहुंची है, जो दूतावास में "मानवीय सहायता के प्रभावी वितरण और अफगान लोगों के साथ हमारे जुड़ाव को जारी रखने के लिए विभिन्न हितधारकों के प्रयासों की बारीकी से निगरानी और समन्वय" करने की दिशा में काम करेगी। इस टीम के सफल कार्य के बाद ही काबुल में फिर भारतीय दूतावास को भी खोल दिया जाएगा। आपको बता दें कि बीते दिनों विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर अधिकारी की अगुवाई में एक टीम अफगानिस्तान दौरे पर गई थी, जहां टीम की मुलाकात तालिबान सरकार के विदेश मंत्री मुत्ताकी से हुई थी।
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