विदेशी निवेशकों के लिए भारत बना सबसे पसंदीदा जगह, क्या इंडस्ट्री सेक्टर के अच्छे दिन आने वाले हैं?
सऊदी गजट की रिपोर्ट में कहा गया है कि, हालिया सालों में भारत में सरकार की तरफ से कई ऐसे कदम उठाए गये हैं, जिनसे भारत को लेकर निवेशक आकर्षित हुए हैं।
नई दिल्ली, जून 26: विदेशी निवेशकों के लिए भारत सबसे पसंसीदा डेस्टिनेशन बनता जा रहा है और भारत की मोदी सरकार ने पिछले आठ सालों के दौरान निवेश बढ़ाने के लिए जो कदम उठाए हैं, उसका फल मिलना अब शुरू हो चुका हौ और भारत एफडीआई प्रवाह की लगातार बढ़ती मात्रा से नए रिकॉर्ड स्थापित करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और माना जा रहा है, कि बहुत जल्द इंडस्ट्री सेक्टर के अच्छे दिन आने वाले हैं।
भारत में रिकॉर्ड एफडीआई
भारत में एफडीआई फ्लो 2020-21 में 81.97 अरब अमरीकी डालर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। भारत सरकार की तरफ से संसद में यह जानकारी दी गई है। सऊदी गजट की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक निवेशकों के बीच भारत सरकार ने कहा कि, भारत के एफडीआई में ये रुझान एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में अपनी स्थिति का समर्थन है। भारत सरकार निरंतर आधार पर एफडीआई नीति की समीक्षा करती है और यह सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर महत्वपूर्ण बदलाव करती है, कि भारत एक आकर्षक और निवेशक-अनुकूल गंतव्य बना रहे। सऊदी गजट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की एफडीआई नीति उदार और पारदर्शी है और अधिकांश क्षेत्र स्वचालित मार्ग के तहत एफडीआई के लिए खुले हैं।
भारत में व्यापार हुआ आसान
सऊदी गजट की रिपोर्ट में कहा गया है कि, हालिया सालों में भारत में सरकार की तरफ से कई ऐसे कदम उठाए गये हैं, जिनसे भारत को लेकर निवेशक आकर्षित हुए हैं और भारत सरकार ने निवेश आकर्षित करने के लिए एफडीआई नीति को और अधिक उदार और सरल बनाने के लिए, कोयला खनन, अनुबंध निर्माण, डिजिटल मीडिया, एकल ब्रांड खुदरा व्यापार, नागरिक उड्डयन, रक्षा, बीमा और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में हाल ही में सुधार किए हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी दी है, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार में देश का एफडीआई फ्लो उच्चतम स्तर पर है। केन्द्रीय राज्य मंत्री ने ये जवाब सीपीआई (एम) के सांसद जॉन ब्रिटास और लोकतांत्रिक जनता दल के सांसद एम वी श्रेयम्स कुमार द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया था। केरल के इन सांसदों ने देश में वैश्विक कारोबार लाने के लिए उठाए गए कदमों पर सरकार से सवाल किया था।
निवेश को आकर्षित करने के लिए योजनाएं
MoS प्रकाश ने एक लिखित बयान में कहा कि, 'भारत में विकास को बढ़ावा देने और निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न पहल / योजनाएं शुरू की गई हैं'। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि, इन पहलों के कारण भारत विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (डीबीआर) 2020 के अनुसार 2014 में 142वें स्थान से 63वें स्थान पर पहुंच गया है। मंत्री ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापक सुधार अभ्यास शुरू करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि ये सुधार उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के बीच राज्य सरकारों के साथ व्यापार सुधार कार्य योजना (BRAP) के तहत परामर्श के बाद शुरू किए गए हैं।
भारत सरकार के उठाए गये कदम
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदमों पर बोलते हुए, प्रकाश राजभर ने सचिवों के एक अधिकार प्राप्त समूह को सूचीबद्ध किया, जिसका गठन देश में निवेश में तेजी लाने के लिए किया गया था। उन्होंने निवेशकों को संभालने और क्षेत्रीय और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए परियोजना विकास प्रकोष्ठों (पीडीसी) के गठन पर भी जोर दिया है। निवेशकों को निवेश के लिए अपने पसंदीदा स्थान की पहचान करने में मदद करने के लिए एक जीआईएस-सक्षम इंडिया इंडस्ट्रिलय लैंड बैंक शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए मंजूरी की सुविधा के लिए सितंबर 2021 में राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (NSWS) को भी लॉन्च किया गया है।
एफडीआई निवेश में आगे आया इंडिया
इस वक्त भी पूरी दुनिया जब कोविड संकट से उभर नहीं पाई है, उस वक्त भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 83.57 अरब डॉलर के उच्चतम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की रिपोर्ट दी है और मंत्रालय ने कहा है कि, वित्तीय वर्ष 2003 के मुकाबले साल 2022 में एफडीआई में 20 गुना का इजाफा हुआ है। भारत में साल 2003 में सिर्फ 4.3 अरब डॉलर का ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया था, लिहाजा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ये एक शानदार खबर है और आने वाले कुछ सालों में भारतीय बाजारों पर इसका असर दिखना शुरू हो जाएगा
किन क्षत्रों में भारी निवेश
सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर क्षेत्र में कर्नाटक (53 फीसदी) और दिल्ली और महाराष्ट्र को (17 फीसदी प्रत्येक) एफडीआई प्राप्त हुए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान रिपोर्ट किए गए कुल एफडीआई इक्विटी फ्लो में 38% हिस्सेदारी के साथ कर्नाटक शीर्ष पर था, जिसके बाद महाराष्ट्र (26%) और दिल्ली (14%) का स्थान है। वहीं, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 'कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर' (35%), ऑटोमोबाइल उद्योग (20%) और 'शिक्षा' (12%) क्षेत्रों में कर्नाटक के अधिकांश इक्विटी प्रवाह की रिपोर्ट भारत सरकार की तरफ से दी गई थी।