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मई में ही सऊदी अरब की दादागिरी पर भारत करेगा वार, मोदी सरकार का प्लान तैयार

मई महीने में भारत ने सऊदी अरब से तेल आयात और कम करने का फैसला किया है। रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब से भारत 36 फीसदी कम तेल खरीदेगा।

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नई दिल्ली: भारत और सऊदी अरब के बीच का रार बढ़ता जा रहा है और सऊदी अरब की दादागिरी खत्म करने के लिए भारत ने पूरी तैयारी कर ली है। भारत ने साफ कर दिया है कि ये नया इंडिया है जो किसी के सामने नहीं झुकता है और जो दोस्ती में यकीन करता है दादागिरी में नहीं। मोदी कार्यकाल में भारत और सऊदी अरब की दोस्ती काफी अच्छी रही है लेकिन तेल को लेकर दोनों देशों में रार बढ़ती जा रही है। जिसको लेकर भारत ने सऊदी अरब को सबक सिखाने की प्लानिंग करनी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि मई में भारत सऊदी अरब को बड़ा झटका देने जा रहा है।

सऊदी अरब की बदमाशी

सऊदी अरब की बदमाशी

भारत दुनिया का वो तीसरा देश है, जो सऊदी अरब से सबसे ज्यादा कच्चा तेल खरीदता है लेकिन पिछले कुछ समये से दोनों देशों के बीच तेल के लेकर जमकर खटपट हो रही है। भारतीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने सऊदी अरब से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने की अपील की थी, ताकि भारत में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत कम की जा सके लेकिन सऊदी अरब ने प्रोडक्शन बढ़ाने के बजाए क्रूड ऑयल की कीमत में और इजाफा ही कर दिया है, जिसका असर भारत पर काफी ज्यादा होने वाला है। और अगले चंद दिनों में भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत काफी ज्यादा बढ़ने की आशंका है। लिहाजा, भारत सरकार ने अब सऊदी अरब को उसी की भाषा में जवाब देने का मन बना लिया है।

मई में सऊदी अरब पर वार

मई में सऊदी अरब पर वार

भारतीय तेल कंपनियों ने फैसला किया है कि वो मई महीने में सऊदी अरब से 36 प्रतिशत कम क्रूड ऑयल खरीदेंगीं। यानि, भारत सीधे सीधे 36 प्रतिशत तेल का कम आयात सऊदी अरब से करेगा। जो सऊदी अरब के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा। भारत अपनी जरूरत का बाकी तेल वियतनाम, इराक और अमेरिका से खरीदेगा। भारत ने फैसला किया है कि वो ओपेक प्लस देशों पर तेल की निर्भरता कम से कम कर दे ताकि ये देश भारत को कभी भी किसी भी मुद्दे को लेकर ब्लैकमेल नहीं कर सके। दरअसल, भारतीय पेट्रोलियम मिनिस्ट्री ने कई बार सऊदी अरब से कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ाने की मांग की थी, ताकि भारत की जरूरतें पूरी हो सकें और भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमत कम हो सके, लेकिन सऊदी अरब ने भारत सरकार की मांग को सिरे से खारिज कर दिया। जिसके बाद भारत ने सऊदी अरब से तेल आयात कम करने का फैसला कर लिया है।

सऊदी से कम तेल खरीदेगा भारत

सऊदी से कम तेल खरीदेगा भारत

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि भारत की सरकारी तेल कंपनियों ने सऊदी अरब को मई महीने में 9.5 मिलियल बैरल तेल ही खरीदने के ऑर्डर दिए हैं। पहले भारतीय तेल कंपनियों की 10.8 मिलियन बैरल तेल खरीदने की योजना थी लेकिन सऊदी अरब के रूख को देखते हुए भारतीय तेल कंपनियों ने अपने फैसले में बदलाव कर दिया। इससे पहले भारत ने पिछले 2 महीने से सऊदी अरब से 25 फीसदी तेल कम खरीदना शुरू कर दिया था। भारत की तेल कंपनियां भारत पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियन कॉर्पोरेशन और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड पहले औसतन सऊदी अरब से 14.8 मिलियन बैरल कच्चा तेल खरीदा करती थी और मई महीने में अब सिर्फ 9.5 मिलियन बैरल कच्चे तेल का ही आयात सऊदी अरब से होगा।

धर्मेन्द्र प्रधान ने की थी बात

धर्मेन्द्र प्रधान ने की थी बात

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कहा है कि भारत के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुल अजीज बिन सलमान से क्रूड ऑयल को लेकर बात की थी, जिसके बाद भारतीय तेल कंपनियों ने सऊदी अरब से कम तेल करने का फैसला किया है। हालांकि, दोनों मंत्रियों के बीच क्या बातचीत हुई है, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। लेकिन, इतना तय हो गया है कि दोनों देशों के बीच कच्चे तेल को लेकर संबंध ठीक नहीं हैं। वहीं, भारत ने क्रूड ऑयल की कीमत कम करने की अपील सऊदी अरब से की थी, जिसे सऊदी अरब ने खारिज कर दिया था, जिसको लेकर धर्मेन्द्र प्रधान ने निराशा जताई थी। और अब भारत ने सऊदी अरब से कम तेल खरीदना शुरू कर दिया है।

सऊदी पर असर

सऊदी पर असर

अगर भारत सरकार सऊदी से 50 फीसदी से कम तेल खरीदता है तो सऊदी अरब को ना सिर्फ आर्थिक नुकसान होगा। भारत जैसे ग्राहक को खोना सऊदी अरब के लिए काफी घाटे का सौदा होगा। क्योंकि, भारत सऊदी से सबसे ज्यादा कच्चा तेल खरीदने वाला तीसरा देश है। वहीं, भारत के इस कदम से सऊदी अरब को कच्चा तेल रखने के लिए जगह भी बचेगा, लिहाजा उसे अपना प्रोडक्शन और कम करना पड़ेगा जो उसके लिए काफी ज्यादा नुकसानदेह साबित होगा। आपको याद होगा, पिछले साल जब भारत में लॉकडाउन लगा था और भारत ने तेल का आयात कम कर दिया था तो सऊदी अरब में कच्चे तेल की प्राइस काफी ज्यादा गिर गई थी। वहीं, अगर भारत जैसा देश सऊदी अरब को भाव नहीं देता है तो तेल मार्केट में सऊदी अरब का मोनोपॉली भी टूटेगा।

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English summary
In May, India has decided to import and reduce oil from Saudi Arabia. According to the report, India will buy 36% less oil from Saudi Arabia.
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