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पहले नफरत फिर प्‍यार में बदला पीएम मोदी के लिए अमेरिका का रवैया

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वाशिंगटन। सन 2005 में अमेरिका ने जब उस समय गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा देने से इंकार किया तो हर कोई हैरान था। लेकिन अब वही अमेरिका चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी करेगा।

पढ़ें- उस कानून के बारे में जिसकी वजह से पीएम मोदी मोदी को नहीं मिला अमेरिकी वीजा

आइए तस्वीरों के साथ एक नजर डालिए कि कैसे मोदी के पीएम बनने के बाद अमेरिका ने उनके लिए अपने नजरिए को बदला है।

2014 से शुरू हुई ‘लव स्‍टोरी’

2014 से शुरू हुई ‘लव स्‍टोरी’

सांतवीं बार राष्‍ट्रपति बराक ओबामा पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी के साथ अमेरिका के ‘रोमांस' की शुरुआत वर्ष 2014 में लोकसभा चुनावों में बीजेपी और मोदी की विशाल जीत के साथ शुरू हुई थी।

ओबामा ने सबसे पहले दी बधाई

ओबामा ने सबसे पहले दी बधाई

उस समय राष्‍ट्रपति बराक ओबामा दुनिया के पहले नेता थे जिन्‍होंने फोन करके मोदी को पीएम बनने की बधाईयां दी थीं।

2014 में ज्‍वाइंट सेशन की रिक्‍वेस्‍ट

2014 में ज्‍वाइंट सेशन की रिक्‍वेस्‍ट

जब पहली बार पीएम मोदी अमेरिका आए थे तब 100 सांसदों ने उस समय स्पीकर रहे जॉन बोहेनर को चिट्ठी लिखी थी और कहा था कि नरेंद्र मोदी से ज्‍वाइंट सेशन को संबोधित करवाया जाए।

दो वर्ष बाद आया मौका

दो वर्ष बाद आया मौका

वर्ष 2014 में भले ही पीएम मोदी अमेरिकी कांग्रेस के ज्‍वाइंट सेशन को एड्रेस न कर पाए हों लेकिन दो वर्ष बाद यह मौका आ ही गया है। इससे मोदी के लिए अमेरिकी कांग्रेस के बदले नजरिए का अंदाजा मिलता है।

पीएम मोदी बने एक अहम सहयोगी

पीएम मोदी बने एक अहम सहयोगी

सुनने में अजीब लगता है लेकिन आज पीएम मोदी को अगर राष्‍ट्रपति ओबामा ने अमेरिका आने का इनवाइट दिया है तो उसकी वजह है अमेरिका का भारत और मोदी को एक अहम सहयोगी के तौर पर देखना।

स्‍पीकर को मोदी को एतिहासिक इनविटेशन

स्‍पीकर को मोदी को एतिहासिक इनविटेशन

स्‍पीकर पॉल रयाॅॅन की ओर से पीएम मोदी को अमेरिकी कांग्रेस के ज्‍वाइंट सेशन को एड्रेस करने का इनवाइट दिया गया था। पीएम मोदी पांचवें भारतीय पीएम हैं जिन्‍हें यह मौका मिला है और वह आठ जून को अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे।

पीएम मोदी से पहले मनमोहन

पीएम मोदी से पहले मनमोहन

पीएम मोदी से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्ष 2005 में अमेरिकी कांग्रेस के ज्‍वाइंट सेशन को एड्रेस किया था।

हर पीएम ने किया अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित

हर पीएम ने किया अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित

वर्ष 1984 के बाद से जिन भारतीय प्रधानमंत्रियों ने अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है, उन सभी ने अमरीकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया है।

पीएम मोदी का इनविटेशन खास

पीएम मोदी का इनविटेशन खास

अगर हम पीएम मोदी के इस सेशन को एड्रेस करने के लिए मिले इनवाइट पर गौर करें तो यह खास है क्‍योंकि 2005 में अमेरिकी सीनेट में पास एक प्रस्‍ताव के बाद ही पीएम मोदी को अमेरिका का वीजा नहीं मिल सका था।

पीएम मोदी पर रोक आज सुनने को बेकरार

पीएम मोदी पर रोक आज सुनने को बेकरार

अमेरिकी कांग्रेस ने ही एक प्रस्‍ताव के तहत पीएम मोदी के वीजा पर रोक लगाई थी। आज अमेरिकी कांग्रेस पीएम मोदी को सुनने को बेकरार है।

शुरू हुआ रुख में बदलाव

शुरू हुआ रुख में बदलाव

वर्ष 2013 में जब मोदी गुजरात के सीएम थे उस समय उन्होंने गुजरात के सीएम के तौर पर एक ऐसे प्रभावी नेता की छवि बना ली थी, जिसने गुजरात की तस्‍वीर बदलकर रख दी थी। दुनिया के कई नेताओं ने उन्हें तब गंभीरता से लेना शुरू कर दिया था।

बदलनी होगी सोच

बदलनी होगी सोच

तब अमेरिका के भी कई सांसदों ने यह कहना शुरू कर दिया था कि अमेरिका को नरेंद्र मोदी के साथ अपने संबंध बेहतर करने चाहिए क्योंकि वह एक दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री बन सकते हैं।

और फिर बन गए भारत के पीएम

और फिर बन गए भारत के पीएम

2014 में नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बन ही गए और अमेरिकी संसद में माहौल उनके पक्ष मे होने लगा। ओबामा प्रशासन ने तुरंत उनके लिए अपनी बाहें फैला दी थी।

मोदी का पहला अमेरिकी दौरा

मोदी का पहला अमेरिकी दौरा

पीएम बनने के बाद मोदी सितंबर 2014 में पहली बार अमेरिका गए और उनका जोरदार स्वागत हुआ। राष्ट्रपति बराक ओबामा उन्हें खुद मार्टिन लूथर किंग जूनियर मेमोरियल लेकर गए, जोकि उनके शेड्यूल का हिस्‍सा ही नहीं था।

क्‍या सोचते हैं विशेषज्ञ

क्‍या सोचते हैं विशेषज्ञ

हावर्ड यूनिवर्सिटी के बेल्‍फर्स सेंटर्स इंडिया एंड साउथ प्रोग्राम से जुड़े और न्‍यू अमेरिका इंस्‍टीट्यूट में फेलो रौनक देसाई ने का मानना है कि पीएम मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच बदलते रिश्‍तों का उदाहरण है।

Comments
English summary
Any Indian will never forget how US denied visa to Indian Prime Minister Narendra Modi in the year 2005. The same US is ready to welcome Indian PM for the 4th times and not just this PM Modi will also address a joint session of US Congress.
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