हांगकांग में शुरू चीन की तानाशाही, नए कानून के तहत चार लोगों को किया गया गिरफ्तार
हांगकांग। चीन ने हांगकांग में जो नया सुरक्षा कानून लागू किया है, उसने अब अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। हांगकांग पुलिस ने एक ऑनलाइन पोस्ट की वजह से चार लोगों को गिरफ्तार कर इशारा कर दिया है कि वह चीन के विवादित कानून को सख्ती से पालन करने के लिए तैयार है। बुधवार को जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया उन पर शक है कि उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए लोगों को हांगकांग से अलग होने के लिए उकसाया है।
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सबकी उम्र 16 से 21 वर्ष के बीच
हांगकांग पुलिस की तरफ से एक कॉन्फ्रेंस में बताया गया है कि 16 से 21 वर्ष की उम्र के तीन लड़कों और एक लड़की को रात 11 बजे पुलिस ने हिरासत में लिया है। माना जा रहा है कि ये सभी छात्र हैं। नए सुरक्षा कानून के बाद एक नई लॉ एजेंसी की शुरुआत की गई है। इस एजेंसी की यूनिट के सीनियर सुपरीटेंडेंट ली वाई वा ने कहा, 'हमारी जांच में यह बात सामने आई है कि हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ग्रुप बनाया गया है जिसके जरिए हांगकांग की आजादी के लिए एक संगठन की शुरुआत हुई है।' इस कानून को लागू हुए एक माह हुए हैं और पूरे देश में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। पुलिस ने अभी तक मुख्य संदिग्ध की पहचान नहीं की है। स्टूडेंटलोकल्जिम नामक इस संगठन को कानून लागू होने के एक हफ्ते पहले ही बनाया गया था। फेसबुक पर बने इस संगठन के चार सदस्यों पर अपगमन का केस दर्ज किया गया है। फेसबुक पेज के मुताबिक इस ग्रुप के गिरफ्तार सदस्यों ने विदेश में अपनी पढ़ाई पूरी की है।
'चीन के रहते नहीं मिलेगी आजादी'
संगठन की तरफ से लिखा गया है कि चीन के नए नियम के तहत हांगकांग के पूर्ण लोकतंत्र की कल्पना करना बेईमानी है। एक्टिविस्ट्स के अलावा शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोग भी प्रदर्शनों में शामिल हैं। अब हांगकांग के दूसरे लोगों को भी डर सता रहा है कि उन्हें भी निशाना बनाया जा सकता है। चीन की सरकार की तरफ से इस लागू इस कानून का विरोध अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देश कर रहे हैं। ब्रिटेन ने हांगकांग के नागरिकों को सिटीजनशिप का ऑफर भी दिया है। हांगकांग में लोगों का मानना है कि इस कदम से उनकी आजादी और स्थानीय स्वायत्ता खतरे में डाला जा रहा है। ब्रिटेन ने सन् 1997 में चीन को हांगकांग का शासन सौंपा था। उस समय चीन की सरकार की तरफ से 'वन कंट्री, टू सिस्टम्स' सिद्धांत के तहत साल 2047 तक हांगकांग को प्रशासित करने का वादा किया गया था।