दुनिया के इस हिस्से में गर्मी ने बनाया नया रिकॉर्ड, तापमान 45 पार, सरकार को जारी करना पड़ा रेड अलर्ट
पेरिस। भारत और दुनिया के तमाम देशों से लोग गर्मी के मौसम में यूरोप की सैर पर निकलते हैं ताकि गर्मी से थोड़ी राहत मिल सके। और फ्रांस उनकी फेवरिट डेस्टिनेशिन होता है। मगर अफसोस की बात है कि दुनिया का यह हिस्सा भी गर्मी से महफूज नहीं है। फ्रांस के इतिहास में गर्मी के मौसम में तापमान के नए आंकड़े ने एंट्री कर ली है। फ्रांस में मौसम की वजह से रेड अलर्ट जारी करना पड़ गया है। शुक्रवार को फ्रांस में 45.1 सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड हुआ है और इतनी गर्मी यहां के लोगों ने पहली बार महसूस की है।
4,000 स्कूलों में छुट्टी
दक्षिणी फ्रांस के विलवाइले में तापमान की वजह रेड अलर्ट जारी किया गया है। देश के दूसरे हिस्सों जैसे पेरिस में भी यही हालात हैं। बेघर लोगों को पानी मुहैया कराया जा रहा है ताकि उन्हें प्यास की वजह से मरने से बचाया जा सके। प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए पेरिस में पुरानी कारों को बैन कर दिया गया है। वहीं करीब 4,000 स्कूलों को भी बंद करने के निर्देश दिया गया है। पेरिस के करीब कोलंबस में विक्टर ह्यूगो स्कूल में गर्मी की वजह से बच्चों का दम तक घुटने लगा था। बच्चों को पूरे दिन बाहर रखना पड़ा और समय-समय पर सभी बच्चे खुद पर पानी छिड़क रहे थे। छायादार जगह पर कुछ देर तक क्लासेज लगाई गईं।
साल 2003 में हुई थीं 15,000 मौतें
स्कूल की एक टीचर ने बताया कि उन्होंने बच्चों को किताबों के साथ स्कूल के ही मैदान में जाने को कहा। यहां पर बच्चों को छायादार जगह पर बैठाया गया। इसके अलावा बच्चों को टोपी गिली रखने को कहा जा रहा है और उन्हें हर कुछ मिनट बाद पानी पीने के लिए भी कहा गया है। फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि तापमान बढ़ने की वजह से चार लोगों की मौत भी हो गई है। लोगों ने सरकार पर आरोप लगाए हैं कि वह कुछ भी प्रयास नहीं कर रही है। लेकिन फ्रेंच प्राइम मिनिस्टर ने अथॉरिटीज की ओर से लोगों की रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है। साल 2003 में गर्मी की वजह से 15,000 लोगों की मौत हो गई थी।
स्पेन में भी गर्मी की मार
28 जून से पहले साल 2003 में फ्रांस में गर्मी ने प्रचंड रूप दिखाया था। 12 अगस्त 2003 को फ्रांस में तापमान 44.1 सेल्सियस तक पहुंच गया था। जून माह के दौरान पूरा यूरोप गर्मी की मार झेल रहा है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यूरोप में गर्मी की वजह सहारा रेगिस्तान से आने वाली हवाओं की वजह से है। इन हवाओं की वजह से पूरे यूरोप में दबाव बना हुआ है और तूफान अब अटलांटिक के ऊपर से गुजर रहा है। फ्रांस के अलावा स्पेन में भी भयंकर गर्मी पड़ रही है। यहां पर गर्मी ने एक 17 साल के किसान की जान उस समय चली गई जब वह स्विमिंग पूल में था। एक 80 साल के वृद्ध की मौत भी गर्मी की वजह से हो गई है।
अभी और सताएगी गर्मी
इटली के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भी एक दर्जन शहरों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। यहां के मिलान शहर में एक बेघर व्यक्ति की हीट स्ट्रोक की वजह से जान चली गई। जर्मनी में गर्मी की वजह से एक आदमी बिना कपड़ों के स्कूटर चला रहा था और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बेल्जियम का भी यही हाल है। ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी में विज्ञान के प्रोफेसर डैन मिचेल ने बताया कि क्लाइमेट चेंज की वजह से गर्मी के हालात बद से बदतर होंगे, यह बात तय थी।