B.1.617 को कोरोना का इंडियन वैरिएंट कहने पर भारत ने कहा,डब्ल्यूएचओ ने ऐसा कहीं नहीं कहा
B.1.617 को कोरोना का इंडियन वैरिएंट कहने पर भारत ने कहा,डब्ल्यूएचओ ने ऐसा कहीं नहीं कहा
नई दिल्ली, 12 मई। भारत सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट पर अपना पक्ष रखा है जिनमें का गया है कि 44 देशों में भारत का कोरोना का B.1.617 वेरिएंट पहुंच गया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस पर चिंता जताई है। भारत सरकार की ओर से कहा गया है, कई मीडिया रिपोर्टों कह रही हैं कि WHO ने B.1.617 को लेकर चिंता जताई है। इनमें से कुछ रिपोर्ट में कोरोना वायरस के B.1.617 संस्करण को "भारतीय वैरिएंट" कहा गया है। ये मीडिया रिपोर्ट बिना किसी आधार के की गई हैं, ये बेबुनियाद हैं।
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भारत की ओर से कहा गया है कि डब्लूएचओ ने अपने 32 पेज के दस्तावेज़ में कहीं भी 'भारतीय वैरिएंट' शब्द को कोरोनोवायरस के B.1.617 प्रकार के साथ नहीं जोड़ा है। ऐसे में इस वेरिएंट भारतीय वेरिएंट लिखना ठीक नहीं है।
क्या कहा गया है रिपोर्ट में?
ऐसी खबरें आई हैं कि कोरोना महामारी को लेकर हर सप्ताह जारी की जाने वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि 44 देशों के अलावा 5 अन्य देशों में भी इसके मिलने की खबर मिली है। संगठन के मुताबिक भारत के अतिरिक्त इस वेरिएंट के सर्वाधिक मामले ब्रिटेन में मिले हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में WHO ने B.1.617 अलग विशेषताओं और थोड़ा अलग म्यूटेशन के कारण इस पर चिंता व्यक्त की थी।
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कोरोना के इस वेरिएंट को WHO ने उन तीन खतरनाक कोरोना के प्रकारों की श्रेणी में डाल दिया है तो सर्वप्रथम ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में मिले थे। इन वेरिएंट्स को मूल कोरोना वायरस की तुलना में ज्यादा खरतनाक माना गया था क्योंकि ये अत्यधिक तेजी से फैलते हैं, और वैक्सीन के असर को भी कम करने में समर्थ हैं और जानलेवा हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि भारत में मिला कोरोना का यह वेरिएंट अन्य देशों में तेजी से फैल रहा है।
डब्लूएचओ ने आगे कहा कि यह इस वेरिएंट से संक्रमित मरीज को ठीक होने में ज्यादा समय लगता है और यह एंटीबॉडी के न्यूट्रलाइजेशन को भी घटा देता है। संगठन ने कहा कि भारत में कोरोना के अत्यधिक मामलों और इससे होने वाली मौतों के पीछे सबसे ज्यादा जिम्मेदार यही वेरिएंट है।
कोरोना ने अमेरिका के बाद भारत को सबसे अधिक प्रभावित किया है। वर्तमान में भारत में प्रतिदिन 30 हजार कोरोना के नए मामले सामने आ रहे है, वहीं प्रतिदिन 4 हजार लोगों की मौत हो रही है। डब्लूएचओ ने आगे कहा कि भारत में अब तक केवल 0.1 प्रतिशत कोरोना के पॉजिटिव टेस्टों को आनुवांशिक रूप से अनुक्रमित किया गया है। डब्लूएचओ ने आगे कहा कि अप्रैल के अंत तक आनुवांशिक रूप से अनुक्रमित किए गए सैंपलों में 21 प्रतिशत मामले B.1.617.1 के थे जबकि 7 प्रतिशत मामले B.1.617.2 वेरिएंट के थे। संगठन ने आगे कहा कि इसके अलावा अधिक संक्रामक वेरिएंट भी देश में फैल रहे हैं जिनमें B.1.1.7 भी शामिल है जो पहली बार ब्रिटेन में पाया गया था।