फिनलैंड के राष्ट्रपति ने पुतिन को डायरेक्ट फोन पर कहा, हम NATO में होंगे शामिल... अब क्या करेगा रूस?
फिनलैंड के राष्ट्रपति शाऊली निनिस्टो ने रूसी राष्ट्रपति को उस वक्त फोन की है, जब दोनों देशों के बीच का तनाव काफी बढ़ चुका है और रूस ने फिनलैंड की बिजली आपूर्ति रोक दी है।
हेल्सिंकी, मई 15: युद्ध की आशंका के बीच फिनलैंड के राष्ट्रपति ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सीधा फोन कॉल किया है और कहा है, कि फिनलैंड नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन करेगा और नाटो में शामिल होगा। फिनलैंड के राष्ट्रपति शाऊली निनिस्टो ने कहा कि ये बातचीत 'बिना किसी परेशानी के आयोजित' की गई क्योंकि दोनों पक्षों ने 'तनाव से बचने' के लिए काम करने की कोशिश की है। लेकिन, माना जा रहा है, कि फिनलैंड के राष्ट्रपति के इस कदम के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और भड़क सकता है, क्योंकि रूस एक दिन पहले ही फिनलैंड को बिजली की सप्लाई रोक चुका है।
रूसी धमकी के बाद फोन
फिनलैंड के राष्ट्रपति शाऊली निनिस्टो ने रूसी राष्ट्रपति को उस वक्त फोन की है, जब दोनों देशों के बीच का तनाव काफी बढ़ चुका है और रूस ने फिनलैंड की बिजली आपूर्ति रोक दी है, वहीं, राष्ट्रपति पुतिन के एक करीबी ने धमकी दी है, कि क्रिमलिन फिनलैंड को सिर्फ 10 सेकंड में नष्ट कर सकता है। फिनिश राष्ट्रपति कार्यालय से एक रीडआउट में कहा है कि, 'राष्ट्रपति निनिस्टो ने घोषणा की कि फ़िनलैंड अगले कुछ दिनों में नाटो की सदस्यता लेने का फैसला करेगा।' रूस के यूक्रेन पर आक्रमण और फिनलैंड और स्वीडन पर साइबर हमलों ने फिनलैंड में 'सुरक्षा माहौल को बदल दिया है'। ये बात फिनलैंड के राष्ट्रपति ने पुतिन को बताया है। हालांकि, यह खुलासा नहीं किया गया है कि कॉल कितने समय तक चली या क्या नीनिस्टो ने पुतिन से बात करने से पहले अन्य विश्व नेताओं से परामर्श किया था। लेकिन, फिनलैंड के राष्ट्रपति निनिस्टो ने कथित तौर पर क्रेमलिन नेता को याद दिलाया, कि वे सहमत थे कि प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र 2012 में अपनी पहली बैठक के दौरान फैसला किया था, कि वो अपनी सुरक्षा को अधिकतम करेंगे। और फिनलैंड के राष्ट्रपति ने कहा कि, 'अब भी यही हो रहा है'।
सुरक्षा के लिए नाटो का सहारा
रिपोर्ट के मुताबिक, फोन कॉल की शुरूआत फिनलैंड की तरफ से की गई थी और फिनलैंज के राष्ट्रपति ने कहा कि, 'नाटो में शामिल होने से फिनलैंड अपनी सुरक्षा को मजबूत करता है और अपनी जिम्मेदारी लेता है। यह किसी और से दूर नहीं है। फिनलैंड रूस का पड़ोसी होने से उत्पन्न होने वाले व्यावहारिक प्रश्नों का सही और पेशेवर तरीके से ध्यान रखना चाहता है।' राष्ट्रपति निनिस्टो ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, 'बातचीत सीधी थी और यह बिना किसी उत्तेजना के आयोजित की गई थी। जिसे तनाव से बचने के लिए जरूरी समझा गया' उन्होंने यूक्रेन में युद्ध की मानवीय लागत के बारे में अपनी चिंता दोहराई और शांति समझौते के महत्व पर जोर दिया।
’10 सेकंड में फिनलैंड नष्ट’
आपको बता दें कि, इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सहयोगी और सांसद अलेक्सी ज़ुरावलेव ने चेतावनी दी थी, कि रूस का Satan -2 परमाणु हथियार महज 'दस सेकंड' में फ़िनलैंड को नष्ट कर देगा, और केवल तीन मिनट में बर्बाद कर देगा। ड्यूमा रक्षा समिति के उपाध्यक्ष ने गुस्से में कहा कि, 'अगर फिनलैंड इस ब्लॉक में शामिल होना चाहता है, तो हमारा लक्ष्य बिल्कुल वैध है और फिर ये राज्य अपने अस्तित्व पर सवाल उठा रहा है। आपको बता दें कि, रूस ने फिनलैंड के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है और फिनलैंड को बिजली सप्लाई बंद कर दी गई है। अधिकारियों ने कहा कि फिनलैंड को रूस की तरफ से 10 प्रतिशत बिजली आपूर्ति की जाती थी, हालांकि फिनलैंड ने कहा है कि, उसे बिजली की कमी नहीं होगी।
क्या फिनलैंड पर हमला करेगा रूस?
रूस काफी आक्रामक है और रूस बिल्कुल नहीं चाहता है, कि अमेरिकी सैनिक रूस की सीमा रेखा पर मौजूद हों। रूस इसे अपनी सुरक्ष के लिए खतरा मानता है। वहीं, पुतिन के करीबी सांसद से पूछा गया, कि क्या वो अब फिनलैंड के साथ लगती अपनी सीमा पर परमाणु हथियारों को तैनात करेंगे, तो ज़ुरावलेव ने कहा कि, 'किस लिए? हम ऐसा नहीं करेंगे'। लेकिन आगे उन्होंने कहा कि, 'हम साइबेरिया से सरमत मार सकते हैं और यहां तक कि ब्रिटेन को भी ध्वस्त कर सकते हैं, और अगर हम कैलिनिनग्राद से हमला करते हैं, तो हम सिर्फ 200 सेकंड में अपने हाइपरसोनिक मिसाइल से ब्रिटेन को बर्बाद कर सकते हैं'। उन्होंने कहा कि, 'फिनिश सीमा पर हमारे पास रणनीतिक हथियार नहीं होंगे, लेकिन किंजल-क्लास होगा, जो 20 सेकंड या 10 सेकंड में फिनलैंड पहुंच जाएगा।'
फिनलैंड की सैन्य क्षमता
अपने यूरोपीय पड़ोसियों के विपरीत, जो स्थायी पेशेवर सेनाओं की ओर बढ़ गए हैं, फिनलैंड के पास करीब 2 लाख 80 हजार सैनिक हैं। हालांकि, फिनलैंड के पास रिजर्व सैनिक भी हैं, लेकिन रिजर्व सैनिकों को एकसाथ करने के लिए फिनलैंड को काफी वक्त की जरूरत होगी। फिनलैंड की सेना पारंपरिक युद्ध लड़ने में तो सक्षम है, लेकिन हाइब्रिड युद्ध लड़ने की क्षमता नहीं है। फिनलैंड रूस के साथ करीब 800 मील की सीमा को साझा करता है, लिहाजा, अगर रूस फिनलैंड पर अगर हमला कर दे, तो फिनलैंड के लिए रूसी सेना को रोकना काफी मुश्किल साबित होगा
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