शादी क्यों नहीं की? संतुष्ट कैसे होती हो? पाक उच्चायोग में वीजा के लिए गई महिला से पूछे गंदे सवाल
प्रोफेसर ने एनएनआई को बताया कि कर्मचारी ने उनसे पूछा, "मेरी शादी क्यों नहीं हुई? मैं बिना शादी के कैसे रह सकता हूँ? मैं अपनी यौन इच्छा के लिए क्या करती हैं?"
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पंजाब की एक महिला प्रोफेसर ने दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के कुछ वरिष्ठ कर्मचारियों पर अभद्र व्यवहार और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिला प्रोफेसर ने पाकिस्तान जाने के लिए वीजा आवेदन किया था और पाकिस्तान उच्चायोग के साथ ऑनलाइन वीजा अप्वाइंटमेंट बुक किया था। महिला प्रोफेसर का आरोप है कि इसी दौरान एक अन्य कर्मचारी आया और उनसे निजी सवाल पूछने लगा, जिससे वह असहज हो गईं। महिला प्रोफेसर ने कहा कि उनसे ऐसे निजी सवाल पूछे गए जिनका वीजा से कोई भी लेना-देना नहीं था।
प्रोफेसर से पूछे निजी सवाल
प्रोफेसर ने एनएनआई को बताया कि कर्मचारी ने उनसे पूछा, "मेरी शादी क्यों नहीं हुई? मैं बिना शादी के कैसे रह सकता हूँ? मैं अपनी यौन इच्छा के लिए क्या करती हैं?" इसके साथ ही महिला से सवाल पूछा गया कि क्या वह खलिस्थान का समर्थन करती हैं? या फिर कश्मीर मुद्दे पर वह क्या लिखती हैं? महिला प्रोफेसर ने आगे बताया कि उनके असहज महसूस करने के बाद भी उनसे लगातार ऐसे ही सवाल किए गए। प्रोफेसर ने कहा कि उन्होंने विषय को भटकाने की कोशिश की लेकिन पाक कर्मचारियों ने अपने बुरे सवाल पूछना बंद नहीं किया।
पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारियों ने महिला प्रोफेसर से कहा कि उनके धर्म में कुछ घंटों के लिए भी शादी किया जा सकता है। यह शादी मूल रूप से एक ही उद्देश्य के लिए की जाती है। पाक कर्मचारी ने प्रोफेसर से कहा कि मुस्लिम धर्म में शादी करना आसान होता है क्योंकि हम चार शादी कर सकते हैं। यहां तक कि अगर हम एक से ऊब जाते हैं, तो हम दूसरी शादी कर सकते हैं। क्या आपका धर्म इसकी अनुमति देता है? क्या आपका धर्म विवाहेत्तर संबंधों की अनुमति देता है?"
प्रोफेसर ने बताया कि कर्मचारी यहीं नहीं रुके। उन्होंने इसके आगे पूछा कि आपके पास यौन इच्छाओं को पूरा करने के लिए पार्टनर है? आप बिना पार्टनर के कैसे रह रही हैं? शिक्षाविद् ने कहा कि वह इस तरह की भद्दी बातों को सुनकर भौचक्की रह गईं और बहुत असहज महसूस करने लगीं। इस दौरान वह अपनी घड़ी की ओर देखने लगीं। इसके बाद उन्हें वीजा अधिकारी के पास जाने को कहा गया। अधिकारी ने मीटिंग चलने का हवाला देते हुए उन्हें कुछ इंतजार करने को कहा।
प्रोफेसर ने कहा कि इसके बाद भी वह विनम्र बनी रहीं और पाक कर्मचारी की बातें सुनती रहीं। 45 मिनट तक वह यातना जारी रही क्योंकि उन्हें वीजा का काफी जरूरत थी। कर्मचारी ने उसे युद्ध के किस्से सुनाए और बताया कि कैसे लंबे अंतराल के बाद वापस आने वाले पुरुषों को सेक्स आदि की जरूरत होती है। पीड़िता ने एएनआई को जो व्हाट्सएप चैट स्क्रीनशॉट भेजा है, उसके अनुसार, यह आरोप लगाया गया है कि उसने (पाक राजनयिकों ने) उसे भारत सरकार के खिलाफ लिखने के लिए कहा और उसे अच्छे पारिश्रमिक की पेशकश की गई। हालांकि उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
पाकिस्तान ने दिया जवाब
पीड़िता ने न्याय की मांग को लेकर विदेश मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा है, उचित जवाब नहीं मिलने पर उसने मीडिया घरानों से संपर्क किया। प्रोफेसर ने कहा कि उसने पाक उच्चायोग के कर्मचारी के साथ व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट भी विदेश मंत्री को भेजे हैं। उन्होंने बताया कि पूरा मामला 15 मार्च 2022 का है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि वो पूरे मामले को देख रही हैं, लेकिन जिस तरीके से इसे उठाया गया और समय को देखकर वो हैरान हैं। ऐसी शिकायतों के निवारण के लिए मजबूत तंत्र मौजूद है, उन्होंने इसके अलावा कहा कि सभी कर्मचारियों को पेशेवर तरीके से व्यवहार करने के सख्त निर्देश दिए हुए हैं।
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