इस देश में अब पिता इस शर्त पर कर सकेंगे अपनी बेटी से शादी, संसद में पास हुआ बिल
तेहरान: ईरान की संसद में एक बिल पास हुआ है, जिसे लेकर हर कोई हैरानी जता रहा है। इस बिल के अनुसार पिता अपनी ही बेटी से शादी कर सकता है। ईरान में अब अपनी गोद ली हुई बेटी से पिता शादी कर सकता है, ये बिल उसे ये हक देता है। लेकिन इसके लिए एक शर्त भी रखी गई है। इसके लिए शर्त ये है कि बेटी की उम्र 13 साल से ज्यादा हो।
पिता कर सकता है बेटी से शादी
इस बिल के मुताबिक अब ईरान में कोई भी शख्स 13 साल से ज्यादा उम्र की गोद ली हुई बेटी से शादी कर सकता है। मीडिया रिपोट्स के मुताबिक ईरान में यह बिल 22 सितंबर को पास किया गया। यहां के कई एक्टिविट्स ने इस बिल का काफी विरोध किया। वहीं, लंदन बेस्ड जस्टीन फॉर ईरान नाम के एक ग्रुप की मानव अधिकार वकील शदी सदर ने द गार्डियन को बताया कि यह बिल पेडोफिलिया (बाल शोषण गैरकानूनी) को लीगल कर रहा है। अपनी गोद ली हुई बेटी से शादी करना ईरानी संस्कृति का हिस्सा नही है।
क्राइम को बढ़ाएगा
शदी सदर ने कहा कि दुनिया में मौजूद बाकी देशों की ही तरह ईरान में भी अनाचार मौजूद हैं, लेकिन यह बिल ईरान में बच्चों के प्रति क्राइम को और बढ़ाना है। अगर पिता ही अपनी गोद ली हुई नाबालिक बेटी के साथ शादी कर सेक्स करेगा, तो यह रेप है। उनके मुताबिक ईरान के कुछ अधिकारियों का मानना है कि इस बिल को पास करने का मकसद हिजाब की परेशानी को सुधारना है। क्योंकि गोद ली हुई बेटी को पिता के सामने हिजाब पहनना होता है और गोद लिए हुए बेटे के सामने मां को हिजाब पहनना पड़ता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि नया बिल इस्लामी मान्यताओं का विरोध करता है और अभिभावक परिषद (गार्जियन काउंसिल) इसे पारित नहीं करेगा।
इस्लाम के देशों में है कानून
इस्लाम देश में 13 साल की उम्र से ऊपर वाली लड़कियां की उनके पिता की मंजूरी से शादी हो रही है। वहीं लड़कों की शादी 15 साल की उम्र में हो सकती है। गौरतलब है कि ईरान में 13 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी जज की रजामंदी से ही होती है। एक आंकड़े के मुताबिक ईरान में साल 2010 में 10 से 14 साल के बीच के 42 हज़ार बच्चों की शादी हुई। ईरान की वेबसाइट तबनक के मुताबिक सिर्फ तेहरान में ही 75 बच्चों, जिनकी उम्र 10 साल से कम थी, की शादी हुई। वहीं ईरान में बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने वाली संस्था की हेड शिवा डोलाताबादी ने इस बिल को लेकर आगाह किया है कि इससे बच्चों के प्रति अपराध बढ़ेंगे। ऐसे परिवारों में बच्चे सुरक्षित महसूस नहीं कर पाएंगे।