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यूरोप के डबल गेम की खुली पोल: भारत पर बनाता रहा प्रेशर, खुद खूब खरीदता रहा रूसी गैस

भारतीय विदेश मंत्री और पेट्रोलियम मंत्री अलग अलग मीडिया और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कहते रहे हैं, कि यूरोप एक शाम में जितना रूसी तेल खरीदता है, भारत उतना तेल महीनों में भी नहीं खरीदता है।

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Europe Russia Gas: रूस से तेल और गैस खरीदने को लेकर भारत पर लगातार प्रेशर बनाने वाले यूरोप के डबल गेम की पोल खुल गई है और यूरोप एक बार फिर से बनकाब हो गया है। यूक्रेन युद्ध के बाद से भी पूरी दुनिया में रूसी तेल खरीदने को लेकर भारत से सवाल पूछे जा रहे थे और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और भारतीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी लगातार पश्चिमी देशों की मीडिया को मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे, लेकिन अब जो नई रिपोर्ट आई है, उसने यूरोप के शातिर खेल की पोल खोलकर रख दी है।

रूसी गैस पर यूरोप बेनकाब

रूसी गैस पर यूरोप बेनकाब

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय संघ ने इस साल जनवरी महीने से अक्टूबर महीने के बीच रूसी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 42 प्रतिशत की वृद्धि देखी है। यानि, पिछसे साल के मुकाबले यूरोप ने इस साल रूस से 42 प्रतिशत ज्यादा एलएनजी गैस खरीदा है, खासकर उस वक्त भी, जब अमेरिका और उसके सहयोगी रूस के खिलाफ एक के बाद एक प्रतिबंधों का ऐलान कर रहे थे। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि, यूरोपीय संघ ने पिछले साल 17.8 अरब घन मीटर की तुलना में इस साल 62.1 अरब घन मीटर प्राकृतिक गैस का आयात किया है।

किन देशों ने खरीदा रूसी गैस

किन देशों ने खरीदा रूसी गैस

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि, नीदरलैंड, बेल्जियम, फ्रांस और स्पेन रूसी गैस खरीदने वाले शीर्ष आयातकों की लिस्ट में शीर्ष पर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर रूसी एलएनजी की आपूर्ति यमल एलएनजी ज्वाइंट वेन्चर से की जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी गैस कंपनी नोवाटोक में फ्रांस के ज्यादाशेयर हैं, जबकि रूसी गैस कंपनी में चीन की CNPC और चीन की सरकार की भी हिस्सेदारी है। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से यूरोपीय संघ बार बार बयान दे रहा था, कि वो रूस पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है, लेकिन दावे के विपरीत यूरोपीय संघ ने रूस तेल की खरीदादारी काफी पढ़ा दी है और यूरोप ने दुनिया से जो वादा किया था, उसे निभाने में वो नाकाम रहा है।

यूक्रेन पर यूरोप का डंवाडोल रूख

यूक्रेन पर यूरोप का डंवाडोल रूख

लिथुआनियाई विदेश मंत्री गैब्रियलियस लैंड्सबर्गिस ने कहा है कि, नाटो सहयोगियों को जल्द से जल्द यूक्रेन में मुख्य युद्धक टैंक भेजना चाहिए, क्योंकि यूक्रेनी सेना अब जमीन पर "स्थिति को वापस लाने" के लिए उनका इस्तेमाल कर सकती है। हालांकि, इस बीच, यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस के शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेताओं को यूक्रेन के आक्रमण के लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए एक विशेष न्यायाधिकरण स्थापित करने का आह्वान करते हुए कहा कि यूक्रेन और उसके सहयोगियों को "इस युद्ध के बाद उसी तरह से न्याय सुनिश्चित करना होगा, जैसा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किया गया था। वहीं, जेलेंस्की ने रूसी नेताओं और सेना को युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने का आह्वान किया है

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English summary
Europe bought 42 percent more gas from Russia than in the previous year after the Ukraine war began.
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