डोनाल्ड ट्रंप को पता था कोरोना वायरस जानलेवा है फिर भी जानबूझकर छिपाया, जानिए क्यों
नई दिल्ली- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कोविड-19 के बारे में जनवरी में सबकुछ पता चल गया था। लेकिन, फिर भी उन्होंने शुरू में उसे काफी हल्के में लिया और अमेरिकी जनता को सच्चाई नहीं बताई। एक अमेरिकी पत्रकार बॉब वूडवर्ड ने उनसे हुई बातचीत के आधार पर एक किताब लिखी है, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है। जाहिर है कि इस खुलासे के बाद अमेरिका में राजनीति बहुत ही गर्मा गई है और उनके विरोधी उम्मीदवार जो बाइडेन ने इसे मुद्दा बना लिया है। हालांकि, व्हाइट हाउस की ओर से यह सफाई देने की कोशिश की जा रही है कि राष्ट्रपति ने कुछ भी नहीं छिपाया है।
ट्रंप को पहले से पूरी जानकारी थी- रिपोर्ट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को यह जनवरी में ही पता चल गया था कि कोरोना वायरस बीमारी बहुत ही जानलेवा साबित होने वाली है, फिर भी उन्होंने फरवरी और मार्च तक अमेरिकी नागरिकों को इसके बारे में सही जानकारी नहीं दी थी। यह खुलासा एक अमेरिकी पत्रकार बॉब वूडवर्ड की आने वाली किताब में हुआ है। वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वूडवर्ड से रिकॉर्डेड बातचीत में ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने यह जानकारी जानबूझकर छिपाई, ताकि लोगों में घबराहट ना मच जाए। 7 फरवरी को फोन पर हुई बातचीत में ट्रंप ने वूडवर्ड से कहा था,'और वह बहुत ही मुश्किल भी है। वह बहुत नाजुक है, यह आपके घातक फ्लू से भी ज्यादा घातक है।' रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने बार-बार दोहराया कि 'यह जानलेवा चीज है।'
28 फरवरी को ट्रंप कोरोना के बारे में सब जान गए थे-रिपोर्ट
किताब में दावा किया गया है कि ट्रंप को 28 जनवरी को ही उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने बता दिया था कि वायरस ने बहुत ही गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। वूडवर्ड के मुताबिक, ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने उनसे कहा था कि, 'आपके राष्ट्रपति के कार्यकाल में यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा होगा।' उन्होंने ट्रंप को बताया कि 'आप सबसे बड़ी कठिनाइयों का सामना करने जा रहे हैं।' बार-बार आगाह किए जाने के बावजूद ट्रंप ने लोगों को इसके जोखिम के प्रति सचेत नहीं किया। बल्कि, 2 फरवरी को उन्होंने फॉक्स न्यूज से कहा था, 'मैंने इसे चीन से आना बंद कर दिया है।'
बाइडेन ने बोला ट्रंप पर हमला
गौरतलब है कि अब ट्रंप कोविड-19 से निपटने में नाकाम रहने के आरोपों में आलोचनाओं के शिकार हो रहे हैं। उनपर आरोप लग रह हैं कि अगर समय रहते रणनीति तैयार होती तो इतनी ज्यादा लोगों की मौत नहीं होती और ना ही अर्थव्यवस्था को इसके चलते इतना नुकसान उठाना पड़ता। जॉन हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक अमेरिका में कोरोना से अब तक 1,90,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 63 लाख से ज्यादा संक्रमित हो चुके हैं। इसके चलते उन्हें आने वाले चुनाव में राजनीतिक नुकसान होने की भी आशंका बढ़ गई है। उनके डेमोक्रैटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन उनपर यह आरोप लगाते हैं कि उन्हें सब पता था, फिर भी जानबूझकर दबाने की कोशिश की। उन्होंने अमेरिकी जनता से सबसे बड़ा झूठ बोला।
मैं जनता मैं पैनिक नहीं चाहता था- ट्रंप
अब अमेरिका में वूडवर्ड के साथ उनकी वह बातचीत की रिकॉर्डिंग खूब वायरल हो रही है। हालांकि, व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने मंगलवार को सफाई दी थी कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कभी भी इसे डाउनप्ले करने की कोशिश नहीं की और ना ही कभी कोविड को लेकर जनता से झूठ बोला। लेकिन, वॉशिंगटन पोस्ट ने उनकी 19 मार्च को वूडवर्ड से हुई बातचीत भी बताई है, जिसमें वो कह रहे हैं, 'मैं हमेशा इसे कम करके बताना चाहता था......मैं अभी भी इसे कम करके बताना चाहता हूं, क्योंकि मैं पैनिक नहीं क्रिएट करना चाहता। '
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