कैसा है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का iphone, क्या हैं उसके सिक्योरिटी फीचर्स
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उस रिपोर्ट से साफ इनकार कर दिया है जिसमें कहा गया था कि वह असुरक्षित आईफोन का प्रयोग करते हैं। इसकी वजह से चीन और रूस के जासूस उनकी महत्वपूर्ण बातों को सुन लेते हैं और उन्हें इस बात की जानकारी मिलती है कि अमेरिकी सरकार किस तरह से काम करती है। ट्रंप ने गुरुवार को एक ट्वीट किया और लिखा, 'कुछ तथाकथित विशेषज्ञों ने न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लंबा आर्टिकल लिखा है जो मेरे सेलफोन के प्रयोग को लेकर है और यह गलत है। मेरे पास इसे सही करने का समय नहीं है।' ट्रंप ने आगे कहा कि वह सिर्फ सरकारी फोन का ही प्रयोग करते हैं और सरकार की तरफ से ही मिला हुआ फोन उनके पास है। इसके साथ ही उन्होंने रिपोर्ट को पूरी तरह से गलत करार दे डाला। यह भी पढ़ें-आईफोन के जरिए डोनाल्ड ट्रंप की पर्सनल बातें सुन रहे हैं जासूस
अमेरिकी अधिकारी चिंतित
अमेरिका के सर्विंग और रिटायर्ड इंटेलीजेंस ऑफिसर्स ने दावा किया था कि रूस और चीन के जासूस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पर्सनल फोन कॉल्स को सुनते हैं। ट्रंप के करीबियों को मानें तो उनकी पर्सनल फोन कॉल्स सुरक्षित नहीं हैं। इस वजह से ट्रंप को इन दिनों व्हाइट हाउस स्थित लैंडलाइन फोन का प्रयोग करना पड़ रहा है। ट्रंप ने अपने आईफोन का प्रयोग न करने से भी इनकार कर दिया है। अमेरिकी इंटेलीजेंस रिपोर्ट की मानें तो आईफोन पर जब कभी भी ट्रंप पुराने दोस्तों को कोई बात करते हैं तो रूस और चीन के कान उनकी हर बात पर रहते हैं। ट्रंप के करीबियों की ओर से अक्सर ही राष्ट्रपति को इस बात को लेकर चेतावनी दी जाती रही है। उन्होंने ट्रंप को बताया है कि रूस और चीन के जासूस उनकी फोन कॉल्स को नियमित तौर पर सुनते हैं। व्हाइट हाउस के अधिकारियों को उम्मीद है कि राष्ट्रपति ट्रंप जल्द ही अपने आईफोन का प्रयोग बंद करेंगे और लैंडलाइन का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करेंगे।
क्या सच बोल रहे हैं ट्रंप
ट्र्रंप भले ही इस बात से इनकार कर दें कि वह असुरक्षित आईफोन का प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन कई बार यह मुद्दा चर्चा का विषय बना है। मई में पॉलिटको की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि ट्रंप ने व्हाइट हाउस के कर्मियों की उन कोशिशों को मानने से इनकार कर दिया है जो उनके सेलफोन की सिक्योरिटी से जुड़ी थीं। रिपोर्ट में कहा गया था कि ट्रंप ने एक ऐसी डिवाइस के प्रयोग को चुना है जिसमें सिक्योरिटी फीचर्स कम हैं और इसे आसानी हैक किया जा सकता है। ट्रंप प्रशासन के दो अधिकारियों ने पॉलिटको को बताया था कि ट्रंप के पास दो आईफोन है जिसे व्हाइट हाउस की एजेंसियों की ओर से जारी किया गया था। एक आईफोन से वह कॉल करते हैं और दूसरे आईफोन से वह ट्विटर समेत कुछ न्यूज साइट्स की एप्स को ऑपरेट करते हैं। ट्रंप फोन बदलने की अपनी रिक्वेस्ट को बई बार असुविधाजनक बता चुके हैं।
हर 30 दिन बाद चेक होता था ओबामा का फोन
ट्रंप ने पांच माह तक एक ऐसे फोन का प्रयोग किया था जिसके सिक्योरिटी फीचर्स को चेक नहीं किया गया था। वह इस फोन से ट्विटर का प्रयोग कर रहे थे। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का फोन हर 30 दिन बाद चेक होता था। विशेषज्ञों की मानें तो ट्रंप एक ऐसे फोन का प्रयोग करते हैं जिसमें कैमरा और माइक्रोफोन है जिसे किसी भी डिवाइस से हैक किया जा सकता है। वहीं ट्रंप के फोन का जीपीसी डिएक्टिव रहता है। व्हाइट हाउस की ओर से पॉलिटको की इस रिपोर्ट पर कोई भी टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया गया था।