क्या जनसंख्या नियंत्रण के लिए मुस्लिम महिलाओं का जबरन गर्भपात करवा रहा है चीन
नई दिल्ली- चीन अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों की आबादी नियंत्रित करने के लिए बेहद कठोर और अमानवीय व्यवहार कर रहा है। जर्मन स्कॉलर एड्रियन जेंज की एक रिसर्च से ये खुलासा हुआ है। इसमें कहा गया है कि अगर मुस्लिम महिलाएं गर्भधारण की सीमाएं पार कर देती हैं तो उनका जबरन गर्भपात तक करा दिया जाता है। इसके बाद चीन में अल्पसंख्यों (उइगर और दूसरे मुसलमानों) के साथ हो रही क्रूरता के खिलाफ एकबार फिर से संयुक्त राष्ट्र से जांच की मांग जोड़ पकड़ने लगी है। अमेरिकी ने चीन से फौरन इस तरह के अमानवीय व्यवहार रोकने की मांग की है और इस मामले में विश्व समुदाय को अमेरिका के साथ एकजुट होने का आह्वान किया है। हालांकि, चीन ने हमेशा की तरह अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है।
चीन कर रहा है 'डेमोग्रैफिक जीनोसाइड'
मुस्लिमों की आबादी कम करने के लिए चीन अमानवीय तरीका अपनाना रहा है। चीन में अल्पसंख्यों के साथ हो रही इस दरिंदगी का नतीजा दिखने भी लगा है। जर्मन स्कॉलर एड्रियन जेंज की नई रिसर्च के मुताबिक मुस्लिम महिलाओं के साथ हो रही इस कठोरता की वजह से चीन के शिंजियांग इलाके में जहां आबादी देश में सबसे ज्यादा रफ्तार से बढ़ रही थी, वह अब घटकर सबसे कम रह गई है। यह रिपोर्ट जुटाए गए विभिन्न आंकड़ों, सरकारी दस्तावेजों और कई मुस्लिम महिलाओं के साथ साक्षात्कार के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट में इस बात की विस्तार से चर्चा की गई है कि चीन के सरकारी अधिकारी जनसंख्या नियंत्रित रखने के लिए उइगर मुस्लिम महिलाओं के शरीर पर किस तरह का जुल्म ढा रहे हैं। चीन में अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम महिलाओं के साथ किस तरह की बर्बरता की जा रही है यह आगे बताएंगे, लेकिन इन यातनाओं का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ विशेषज्ञों ने चीन के मुस्लिम महिलाओं के साथ अमानवीय बर्ताव को 'डेमोग्रैफिक जीनोसाइड' बतलाया है।
मुस्लिम महिलाओं का जबरन गर्भपात करवा रहा है चीन
रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि चीन की सरकार उइगर मुस्लमान महिलाओं समेत ज्यादातर अल्पसंख्यक महिलाओं (अधिकतर मुस्लिम) की लगातार गर्भावस्था की जांच करवाती है। उसके शरीर में जबरन गर्भनिरोधक उपकरण डाल देती है, नसबंदी कर देती है और यहां तक कि अगर देर हो जाती है तो जबरिया गर्भपात भी करवा दिया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 'कुल मिलाकर, ऐसा लगता है कि शिंजियांग के अधिकारी तीन या अधिक बच्चों वाली महिलाओं की सामूहिक नसबंदी में लगे हुए हैं।' पहले शिंजियांग नजरबंदी कैंप में रह चुकीं मुस्लिम महिलाओं ने बताया कि उन्हें इंजेक्शन दिया जाता था, जिससे पीरियड्स रुक जाता था या गर्भनिरोधक गोलियां खिलाए जाने के प्रभाव से असमान्य ब्लीडिंग शुरू हो जाती थी। सबसे बड़ी बात ये है कि मुस्लिम अल्पसंख्यकों के साथ ही ऐसा व्यवहार हो रहा है, जबकि हान चाइनीज (Han Chinese- अल्पसंख्यक) को इस तरह के व्यवहार से बख्श दिया जाता है। सोमवार को आई एक रिपोर्ट के मुताबिक शिंजियांग में जिन महिलाओं ने गर्भधारण की सीमा का उल्लंघन किया है उनसे बहुत ज्यादा जुर्माना भी वसूला गया है और धमकाया भी गया।
मुसलमानों की जन्मदर में नाटकीय गिरावट
एड्रियन की रिपोर्ट कहती है कि जिन महिलाओं के दो से कम बच्चे थे (जिसकी कानूनी इजाजत है) उनसे बिना पूछे ही उनके शरीर में इंट्रा-यूटरीन डिवाइस लगा दी गई है, जबकि बाकियों को नसंबदी के ऑपरेशन के लिए मजबूर किया गया। इसका असर ये हुआ कि शिंजियांग में आबादी की रफ्तार नाटकीय ढंग से कम हो गई है। उइगर मुसलमानों के दो सबसे बडे इलाकों में 2015 से 2018 के बीच जन्म दर में 84 फीसदी की कमी आई और 2019 में तो इसमें और गिरावट आ गई। एड्रियन ने मीडिया को बताया कि 'इस तरह की गिरावट अभूतपूर्व है, इसमें क्रूरता है।........यह उइगरों को काबू में करने के एक व्यापक नियंत्रण अभियान का हिस्सा है।' हालांकि, चीन ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को 'आधारहीन' और रिसर्च को 'गलत इरादे' से किया गया बताया है।
10 लाख मुसलमानों को बंदी बना रखा है
बता दें कि चीन अल्पसंख्यकों (अधिकतर मुसलमान) और उनमें से भी खासकर उइगर मुसलमानों को नजरबंदी कैंपों में जबरन रखने के लिए पहले से ही दुनिया के निशाने पर रहा है। ऐसे में जर्मन स्कॉलर के नए खुलासे के बाद संयुक्त राष्ट्र पर मुस्लिम महिलाओं पर वहां हो रहे अत्याचारों की स्वतंत्र जांच कराने की मांग को लेकर दबाव बढ़ने लगा है। बता दें कि ऐसा माना जा रहा है कि चीन में करीब 10 लाख उइगरों (ज्यादातर मुसलमान) को बंदी बनाकर रखा गया है। अलबत्ता चीन इन नजरबंदी कैंपों को 'री-एजुकेशन'कैंप बताकर अपना गुनाह छिपाता रहा है।
चीन की अमानवीयता के खिलाफ जागा अमेरिका
चीन में जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर मुस्लिम महिलाओं के साथ ज्यादती और गर्भपात करवाने की घटना सामने आने के बाद अमेरिका ने भी एक बार फिर से उसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अमेरिका के रक्षा मंत्री माइक पोंपियो ने चीन से 'तत्काल इन भयानक प्रथाओं' को रोकने को कहा है। एक बयान में उन्होंने कहा है, 'सभी देशों को इन अमानवीय दुर्व्यवहारों को समाप्त करने की मांग के लिए अमेरिका के साथ शामिल होना चाहिए।' बता दें कि चीन पर यह भी आरोप लगता रहा है कि वह बहुत ही व्यवस्थित तरीके से उइगर बच्चों को उनके परिवारों से दूर कर देता है, ताकि उन्हें मुस्लिम समुदायों से अलग-थलग किया जा सके। (कुछ तस्वीरें सौजन्य-सोशल मीडिया)
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