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पृथ्वी की ओर बढ़ रहीं 'सौर ज्वालाएं'! हो सकता है 'घातक विस्फोट', साइंटिस्ट्स ने किया आगाह

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नई दिल्ली, 04 अक्टूबर। अंतरिक्ष में कई ऐसी घटनाएं हैं, स्पेस जगत के साइंटिस्ट्स के लिए नया विषय ला देती हैं। मंगलवार दोपहर कुछ ऐसे ही एक खास खगोलीय तथ्य का वैज्ञानिकों ने पता लगाया है। सौर मंडल से धरती की ओर हो रह इस मूवमेंट को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं वो बेहद अहम हैं। साइंटिस्ट्स ने एक सौर ज्वाला का पता लगाया है। जो पृथ्वी की ओर बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejection) की घटना के कारण पृथ्वी पर एक अगल तरीके का 'तूफान' आ सकता है।

पृथ्वी की ओर बढ़ रही 'सौर ज्वाला'

पृथ्वी की ओर बढ़ रही 'सौर ज्वाला'

सौर मंडल में तारों पर नजर रखने वाली सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने साइंटिस्ट्स ने एक बड़ी खगोलीय घटना की जानकारी साझा की है। मंगलवार दोपहर 1 बजकर 55 मिनट पर वैज्ञानिकों ने सूर्य से पृथ्वी की बढ़ सौर ज्वालाओं का पता लगाया है। ये ज्वालाएं जैसे- जैसे सौर्य चक्र के करीब पहुंच रही हैं इनकी सक्रियता भी बढ़ रही है।

CME की भविष्यवाणी

CME की भविष्यवाणी

नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के तहत अमेरिका स्थित स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर ने ये भविष्यवाणी की है। जिसमें कहा गया है कि सूर्य से पृथ्वी की ओर बढ़ने वाले कई कोरोनल मास इजेक्शन एक नरभक्षी विस्फोट की तरह होगा जो मंगलवार यानी 4 अक्टूबर को सूर्य से टकरा सकता है।

पृथ्वी पर क्या होगा असर?

पृथ्वी पर क्या होगा असर?

कोरोनल मास इजेक्शन यानी इस विस्फोट रेडियो तरंगों को बाधित कर सकता है। कई साइंटिस्ट्स इसको लेकर G2 भू-चुंबकीय तूफान की भी भविष्यवाणी भी कर रही है। भू चुंबकीय तूफान यानी पृथ्वी पर मौजूद मैग्नेटिक तरंगों में अप्रत्याशित परिवर्तन आ सकता है। जिससे पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर प्रभावित होगा।

क्या है कोरोनल मास इजेक्शन?

क्या है कोरोनल मास इजेक्शन?

कोरोनल मास इजेक्शन का मतलब किसी कोर से बड़ी मात्रा में प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का निकलना होता है। सीएमई में अरबों टन कोरोनल सामग्री को बाहर निकालने की क्षमता होती है। ये प्लाज्मा 250 किलोमीटर प्रति सेकंड से लेकर लगभग 3000 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से सूर्य से बाहर निकलती है।

क्या कहते हैं साइंटिस्ट्स?

क्या कहते हैं साइंटिस्ट्स?

नासा के अनुसार सौर ज्वालाएं शक्तिशाली विस्फोट से उपजी हैं। जो रेडियो संचार, विद्युत शक्ति ग्रिड और नेविगेशन संकेतों के साथ-साथ अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष यात्रियों को खतरे में डाल सकती हैं। भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (IISER) कोलकाता ने भी इस पर नजर रखी है। नासा के सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी के अनुसार मंगलवार को लगभग 1:55 बजे सौर मंडल में तेज चमक देखी गई। खगोलविदों ने अनुसार, सौर मंडल में एक दर्जन से अधिक डार्क कोर हैं जो सौर सतह के 130,000 किमी क्षेत्र में फैले हुए हैं। जबकि सनस्पॉट अस्थिर है, जो कि इस खगोलीय घटना का कारण हो सकता है।

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English summary
Danger moving from Earth to Sun Coronal Mass Ejection May be a deadly explosion warn scientists
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