अमेरिका के सैन्य प्रयोगशाला फोर्ट डेट्रिक में बना जैविक हथियार? चीन ने लगाए सनसनीखेज आरोप
कोरोना वायरस पर दोबारा जांच की मांग से चीन भड़क गया है और उसने अमेरिकी लैब की जांच की मांग डब्ल्यूएचओ से की है।
बीजिंग, जुलाई 27: कोरोना वायरस की उत्पति को लेकर बुरी तरह से घिरे चीन के खिलाफ दूसरे राउंड की जांच की मांग की जा रही है और विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ ने इस मांग का समर्थन करते हुए चीन को सहयोग करने की अपील की है, जिससे चीन बुरी तरह से बौखला गया है और चीन के अधिकारी डब्ल्यूएचओ पर जमकर भड़ास निकाल रहे हैं। चीन ने कहा है कि अगर डब्ल्यूएचओ को जांच करनी ही है तो चीन के प्रयोगशाला की नहीं, बल्कि अमेरिकी प्रयोगशाला की जांच करनी चाहिए।
डब्ल्यूएचओ पर भड़का चीन
जैसे ही चीन में कोरोनोवायरस की उत्पत्ति की जांच के दूसरे दौर की मांग तेज हुई, बीजिंग ने अमेरिका पर अपना हमला और तेज कर दिया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से चीन के बजाय अमेरिका में एक सैन्य अड्डे की जांच करने की मांग की है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि, 'अगर लैब की जांच करनी है तो डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों को फोर्ट डेट्रिक जाना चाहिए।'' झाओ लिजियन ने बयान उस थ्योरी का जवाब देते हुए दिया है, जिसमें कहा गया है कि कोरोनावायरस एक प्रयोगशाला से लीक हुआ है और एक व्यक्ति में फैल गया और फिर पूरी दुनिया में फैल गया। चूंकि वुहान में कोविड -19 के पहले मामले सामने आए थे, इसलिए चीनी शहर की एक प्रयोगशाला को प्रमुख संदिग्ध माना जाता है। इस थ्योरी का चीन ने कड़ा विरोध किया है और अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कहा कि अफवाह तो ये भी है कि अमेरिका के सैन्य ठिकाने फोर्ट डेट्रिक में जैविक प्रयोगशाला है, जहां ऐसे वायरस तैयार किए जाते हैं।
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अमेरिका पर चीन का आरोप
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि ''अमेरिका को जल्द से जल्द पारदर्शी और जिम्मेदारी से काम करना चाहिए और फोर्ट डेट्रिक लैब की जांच के लिए डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों को आमंत्रित करना चाहिए और उसी के बाद दुनिया के सामने सच्चाई आ सकती है''। दरअसल, चीन इसलिए बौखलाया हुआ है, क्योंकि दुनियाभर के कई वैज्ञानिकों ने चीन पर सीधे तौर पर उंगली उठा दी है और डब्ल्यूएचओ ने भी फिर से जांच की बात कहकर चीन को साथ देने की मांग की है, जिससे बौखलाया चीन लगातार उल्टे-सीधे आरोप लगा रहा है।
पहले फेज की हो चुकी है जांच
आपको बता दें कि पहले फेज की जांच में डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व वाली टीम ने चीनी रिसर्चर्स के साथ इस साल जनवरी में वुहान का दौरा किया और बाद में एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया था कि वायरस संभवतः चमगादड़ से मनुष्यों में किसी अन्य जानवर के जरिए आया है। डब्ल्यूएचओ की टीम ने आगे कहा कि यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है कि SARS-CoV-2 या Sars-2 वुहान लैब से लीक हुआ है।
चीन से निकलते ही पलटा डब्ल्यूएचओ
चीन से डब्ल्यूएचओ की टीम के लौटने के कुछ हफ्ते बाद डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहानॉम ने कहा था कि कोविड-19 महामारी और वायरस के प्रयोगशाला से लीक होने की थ्योरी को अभी खारिज नहीं किया जा सकता है और इस थ्योरी को खारिज करना अभी जल्दबाजी होगी। उन्होंने यह भी दावा किया, कि चीन की सरकार ने संक्रमण फैलने के शुरूआती दिनों का जरूरी डेटा देने से इनकार कर दिया, जिससे कई बातों का पता नहीं लग पा रहा है। अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों के प्रमुख वैज्ञानिकों ने, विशेष तौर पर वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में और जांच की मांग की है, जो चमगादड़ों पर शोध कर रहा था।
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