Coronavirus: क्यों, चीन नहीं इटली में जा रही है इतने लोगों की जान, आखिर कहां हुई सरकार और नागरिकों से गलती
रोम। फैशन के मशहूर ब्रांड जॉजियो अरमानी का शहर इटली वर्ल्ड वॉर टू के बाद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। शनिवार को यहां पर कोरोना वायरस की वजह से 24 घंटे में 727 लोगों मौत हो गई और इसके साथ इस महामारी की वजह से यूरोप के खूबसूरत देश में मरने वालों का आंकड़ा 4800 को पार कर गया। चीन से निकले जानलेवा वायरस का केंद्र इटली बन चुका है। कहीं न कहीं इटली के लोग अपनी ही एक गलती की सजा भुगतने को मजबूर हैं।
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वॉर्निंग के बाद भी चीनी मेहमानों को पार्टी
इटली में कोरोना वायरस का पहला केस 31 जनवरी को सामने आया था। 21 जनवरी को चीनी अधिकारियों की तरफ से वॉर्निंग दी गई थी कि कोरोना वायरस के लिए 10 दिन किसी वरदान से कम नहीं हैं। ये दिन ही तय कर सकते हैं कि देश में महामारी का क्या स्वरूप होगा। लेकिन इस बात को नजरअंदाज करते हुए 10 दिन बाद यानी 31 जनवरी को देश के कल्चर एंड टूरिज्म मिनिस्टर चीनी प्रतिनिधिदल के लिए नेशनल एकेडमी ऑफ सैंटा सेसिलिया में पार्टी होस्ट कर रहे थे। इस पार्टी का मकसदद इटली-चाइना कल्चर एंड टूरिज्म के साल का उद्घाटन करना था। पार्टी में मौजूद पूर्व आर्थिक सचिव ने सवाल भी किया कि क्या यह सही समय है चीनी मेहमानों की मेजबानी का। इटली की स्वास्थ्य मंत्री सैंड्रा झाम्पा ने न तो सरकार को कोई वॉर्निंग दी और न ही अथॉरिटीज से तैयारी के लिए कहा

शुरुआत से ही लापरवाह रहीं सरकार
इटली की अथॉरिटीज अब जागी हैं और अब इस देश में लॉकडाउन के सबसे कड़े नियम लागू कर दिए गए हैं। अब बहुत देर हो चुकी है और 60 लाख की आबादी वाले इटली में मौत का आंकड़ा करीब 5000 पहुंचने वाला है।इटली में इस समय 53,000 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और करीब 4800 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इटली से निकला वायरस पूरे यूरोप को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। फ्रांस और स्पेन भी बुरी तरह प्रभावित हैं। यहां पर मौतों का सिलसिला थम ही नहीं रहा है और शनिवार को 727 मौतें महामारी का सर्वोच्च आंकड़ा बन गईं। इटली में अथॉरिटीज पहला केस सामने आने के बाद से ही लापरवाह बनी रहीं। यहां पर सबसे पहले मिलान में कोरोना का केस मिला था।

मिलान से वुहान जाती रहीं फ्लाइट्स
मिलान वह शहर है जहां से चीन के शहर वुहान के लिए फ्लाइट्स जाती हैं। वुहान समेत चीन के दूसरे देशों से लाखों पर्यटक और बिजनेस उस समय मिलान आ रहे थे जब वहां कोरोना अपने पैर पसारने शुरू कर रहा था। अथॉरिटीज ने न तो फ्लाइट्स को बंद करने का कोई फैसला लिया और न ही बिजनेस बंद किया। अथॉरिटीज हाथ पर हाथ रखे बैठे रहीं और संक्रमित चीनी पर्यटक आसानी से मिलान के पब्स, कैफे और डिस्कोथेक में जाते रहे। बात यहीं तक होती तो भी ठीक थी, मिलान में जब कोरोना वायरस का पहला मरीज मिला तो उसके बाद भी अथॉरिटीज नहीं जागी। बुखार और जुकाम की शिकायत लेकर मरीज डॉक्टर के पास जा रहे थे और डॉक्टरों को लग रहा था कि यह साधारण वायरल है। इन मरीजों को चेकअप के लिए नहीं कहा गया और चीनी पर्यटकों से संक्रमित कोरोना के इटैलियन मरीज आसानी से बाजारों में घूमते रहे।

नेता बोले अपनी आदतें मत बदलिए
न तो उन्हें आइसोलेशन में भेजा गया और न ही कोई और जरूरी एक्शन लिए गए। स्वास्थ्य मंत्री झाम्पा ने दावा किया था कि इटली के पास जो जानकारी थी, उसके बाद उसने अपना सर्वश्रेष्ठ काम किया है, अब कह रही हैं कि सरकार समझ नहीं पा रही है कि आखिर गलती कहां हुई। इटली की सरकार और यहां की अथॉरिटीज किस कदर लापरवाह रहीं इसका नजारा 27 फरवरी को देखने को मिला। 27 फरवरी तक इटली में 233 लोगों की मौत हो चुकी थी। इसी दिन डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता निकोला जिंगरेट्टी ने हाथ में वाइन का ग्लास लिए फोटो पोस्ट की और कैप्शन में लिखा, 'अपनी आदतें हमें नहीं बदलनी चाहिए।' इसके बाद 10 दिन भी नहीं हुए थ कि निकोला ने खुद के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी एक नई फेसबुक पोस्ट में दी।यह देश अब दुनिया के लिए सबक बन गया है और कई देश अब उन गलतियों से बचने की कोशिश कर रहे हैं जो इटली ने की हैं।