Coronavirus: चीन ने किया कोरोना पर काबू का ऐलान, लैब में बनाने को लेकर दुनियाभर में अब भी उठ रहे सवाल
बीजिंग। चीन ने ऐलान कर दिया है कि उसने कोरोना वायरस पर जीत हासिल कर ली है। पिछले तीन माह से जो लोग ऑफिस नहीं जा पा रहे थे और घरों में कैद हो गए थे, अब वे वापस ऑफिस की तरफ चल दिए हैं। चीन में आम जन-जीवन पटरी पर लौटता नजर आ रहा है। दूसरी ओर चीन से निकलकर अब यह वायरस दुनियाभर में तबाही मचा रहा है। ब्रिटेन की मीडिया की तरफ से आई एक रिपोर्ट में जो दावा किया गया है, उससे लगता है कि दुनिया को चीन की कारस्तानी का बड़ा नतीजा भुगतना होगा। ब्रिटिश अखबार द टाइम्स के मुताबिक चीन के वैज्ञानिकों ने दिसंबर 2019 में उस सुबूत को नष्ट कर दिया था जो इस बात को बताने के लिए काफी था कि वायरस को लैब में बनाया गया था।
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चीनी मीडिया का दावा
द टाइम्स ने चीन की मीडिया में आई रिपोर्ट के हवाले से एक मार्च को आई रिपोर्ट में दावा किया था। अखबार ने चीन से पब्लिश होने वाले स्वतंत्र अखबार कालशिन ग्लोबल की रिपोर्ट के हवाले से लिखा था कि चीनी लैबोरेट्रीज को सर्वोच्च स्तर का संक्रमण फैलाने वाले रहस्यमय वायरस के बारे दिसंबर 2019 में ही ही पता चल गया था। लेकिन यहां पर साइंटिस्ट्स ने टेस्ट रोक दिए, सैंपल्स खत्म कर दिए और खबर को पूरी तरह से दबा दिया। कालशिन ग्लोबल के मुताबिक वुहान में एक हेल्थ ऑफिशियल्स ने लैब सैंपल्स को नष्ट करने के लिए कहा था।
लैब में सैंपल्स को नष्ट करने के आदेश
वुहान से ही कोरोना वायरस निकला था और आज पूरी दुनिया में इसने हाहाकार मचा दिया है। जिन सैंपल्स को नष्ट करने का आदेश दिए गए थे वे सभी उसी वायरल न्यूमोनिया से जुड़े थे जिसके बारे में एक जनवरी से तेजी से खबरें आनी शुरू हो गई थीं। चीन ने शुरुआत में इस बात को मानने से ही इनकार कर दिया था कि वायरस इंसानों से इंसानों में फैल सकता है। कालशिन ग्लोबल के मुताबिक चीन ने शुरुआती हफ्तों में ही उन मौकों को खत्म कर दिया जिनसे इस वायरस को नियंत्रित किया जा सकता था। उसने इस महामारी को दो माह तक छिपाने की पूरी कोशिश की थी।
सार्स में भी किया कवर अप
सिर्फ इतना ही नहीं अब चीन के इंटरनेट से इस तरह की रिपोर्ट्स को भी डिलीट किया जा रहा है जिसमें वायरस को साजिश की आशंका के तहत बताया गया है। कलशिन के मुताबिक कई जेनोमिक्स कंपनियों को 27 दिसंबर तक वुहान में मरीजों से कई सैंपल्स हासिल हुए थे। कोरोना वायरस के बारे में उसी तरह की बातें फिर से हो रही हैं जो साल 2002-2003 मे हुई थीं जब चीन में सार्स वायरस फैला था। इस वायरस की वजह से 800 लोगों की मौत हो गई थी। चीन ने उस समय भी इस वायरस के कारणों को छिपाने में कामयाबी हासिल कर ली।
23 जनवरी को दिए लॉकडाउन के आदेश
वुहान मे आठ जनवरी के बाद लॉकडाउन के ऑर्ड्स दिए गए। ऑर्डर उस समय दिए गए जब 40,000 परिवार ल्यूनर न्यू ईयर मनोन के लिए एक विशाल डिनर इवेंट में शामिल होने वाले थे। 20 जनवरी को चीन के डॉक्टर झोंग नानशान ने इस बात की जानकारी दी कि वायरस इंसानी संपर्क की वजह से फैल रहा है। इसके बाद 23 जनवरी को 11 मिलियन की आबादी वाले वुहान में पूरी तरह से लॉकडाउन किया गया।