कतर में बंद 8 पूर्व नौसैनिकों को दूसरी बार मिला कॉन्सुलर एक्सेस
8 पूर्व भारतीय नौसैनिक कतर में गिरफ्तार किए गए थे। उनको दूसरी बार कॉन्सुलर एक्सेस मिला।
कुछ महीनों पहले भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को कतर में हिरासत में लिया गया था। तब से उनके परिवार उनकी रिहाई के लिए भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं। गुरुवार को भारतीय दूतावास के अधिकारियों को दूसरी बार 8 पूर्व सैनिकों के लिए कॉन्सुलर एक्सेस मिला। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए आधिकारिक बयान जारी किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा कि आज (गुरुवार) हमें हमारी दूसरी कॉन्सुलर एक्सेस मिली। हमारे दूतावास के अधिकारियों ने आठों भारतीय नागरिकों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। हम इस मामले में हर संभव कॉन्सुलर सहायता देना जारी रखेंगे। साथ ही उनकी रिहाई के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कॉन्सुलर एक्सेस भारतीय अधिकारियों के लिए ये पता लगाने का एक अवसर था कि हिरासत में लिए गए लोगों को और किस तरह की सहायता की जरूरत है। हालांकि जब उनके ऊपर लगे आरोपों को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया।
बागची के मुताबिक हमारा दूतावास सक्रिय रूप से इस मामले को आगे बढ़ा रहा है। गिरफ्तार लोगों के कुछ परिजन दोहा में है, जो उनसे मिलने में सक्षम थे। बाकी लोगों के परिवार वालों की मुलाकात के लिए उनकी व्यवस्था की जा रही है। अभी 8 नौसैनिकों के परिवारों को साप्ताहिक आधार पर मिलने की अनुमति कतर से मिली है।
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30
अगस्त
से
जेल
में
हैं
बंद
आपको
बता
दें
कि
आठों
पूर्व
नौसैनिक
'दाहरा
ग्लोबल
टेक्नोलॉजीज
एंड
कंसल्टेंसी
सर्विसेज'
के
लिए
काम
कर
रहे
थे।
ये
कंपनी
कतर
नौसेना
को
अपनी
सर्विस
दे
रही
थी,
जिसमें
ट्रेनिंग
देना,
उपकरणों
का
रखरखाव
आदि
शामिल
है।
30
अगस्त
को
कतर
की
पुलिस
ने
उनको
गिरफ्तार
किया,
लेकिन
उन
पर
क्या
आरोप
हैं,
ये
ठीक
ढंग
से
नहीं
बताया
जा
रहा।
कतर
की
अदालत
लगातार
उनकी
कैद
को
बढ़ा
रही।
हाल
ही
में
खबर
आई
थी
कि
उन्हें
एकांत
कारावास
में
रखा
गया
है।
नौसेना
प्रमुख
का
भी
बयान
इस
मामले
में
आया
था।
उन्होंने
कहा
था
कि
भारत
सरकार
हाईलेवल
पर
इस
मुद्दे
को
सुलझाने
की
कोशिश
कर
रही
है।
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