तनाव के बीच ही चीन के राजनयिक का निक्सन स्टाइल का अमेरिकी दौरा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'वन चाइना पॉलिसी' पर गोलमोल नीति के बाद चीन के राजनयिक ने शुरू की अमेरिकी यात्रा। दक्षिण चीन सागर पर पर तनाव और कई मुद्दों पर हो सकती है बातचीत।
बीजिंग। अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते आजकल जिस तरह से हैं, वे छिपे नहीं हैं। इस तनाव के बीच ही चीन के राजनयिक दो दिनों के दौरे पर अमेरिका पहुंचे हैं। दोनों देशों के बीच डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से कई मुद्दों पर तनाव बढ़ चुका है। वन चाइना पॉलिसी और साउथ चाइना सी के अलावा कोरियन प्रायद्वीप की वजह से भी दोनों देश टकराव की भूमिका में हैं।
1972 में निक्सन ने गए थे चीन
चीन के विदेश मामलों के सलाहकार यांग जिएछी पहले ऐसे चीनी अधिकारी हैं डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति पद संभालने के बाद अमेरिका पहुंचेगे। वह यहां पर ट्रंप के प्रशासन से बात करेंगे। यांग, अमेरिका के साथ तनाव के बीच ही चीन के काफी अहम साबित हो सकते हैं। उनके पास अमेरिका का काफी अच्छा-खासा अनुभव है और वह अमेरिका में चीन के राजदूत रहे चुके हैं। इसके अलावा अपने विदेश मंत्री के कार्यकाल में उन्होंने कई अमेरिकी राजनयिकों के साथ बातचीत की है। यांग का अमेरिका दौरा उस समय हो रहा है जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के अमेरिकी दौरे को 45 वर्ष पूरे होने वाले हैं। निक्सन वर्ष 1972 में अमेरिकी दौरे पर गए थे और उस दौरे को दो आर्थिक ताकतों के बीच कड़वाहट को खत्म करने वाला दौरा माना गया था। इस दौरे के सात वर्ष बाद अमेरिका और चीन के बीच आधिकारिक तौर पर डिप्लोमैटिक संबंधों की शुरुआत हुई थी। चीन की न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की ओर से कहा गया है, 'यांग का दौरा निक्सन के वर्ष 1972 वाले एतिहासिक दौरे के 45 वर्ष पूरे होने के मौके पर यांग अमेरिका जा रहे हैं जिसने बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच वर्ष 1979 में राजनयिक संबंधों को स्थापित करने में बड़ी भूमिका अदा की थी।'
फोन पर हुई जिनपिंग और ट्रंप की बातचीत
चीन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के जिया शियूडोंग ने शिन्हुआ की ओर से जानकारी दी गई है कि यांग, अमेरिकी अधिकारियों के साथ कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे लेकिन उनकी पहली कोशिश द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूत करने की होगी जिसका जिक्र दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने फोन पर बातचीत के दौरान किया था। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्तों के बीच पिछले चार दशकों में काफी उतार-चढ़ाव आए हैं। लेकिन इन सबके बावजूद दोनों देशों के रिश्तों ने काफी तरक्की की। इसकी वजह है कि रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों ने दोनों देशों के बीच रिश्तों की अहमियत को समझा है। यांग के दौरे पर अमेरिका और चीन के बीच व्यापार, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होगा। हो सकता है कि ट्रंप प्रशासन की नीतियां पूर्व ओबामा प्रशासन की नीतियों से अलग हों। इस माह की शुरुआत में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर बात हुई थी। इस बातचीत के बाद जी20 में दोनों देशों के विदेश मंत्री वांग याई और अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलीरसन की मुलाकात पर भी चर्चा हुई।