Hong Kong: चीन की संसद में पास हुआ विवादित हांगकांग राष्ट्रीय सुरक्षा कानून
बीजिंग। चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस ने हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा बिल को मंजूरी दे दी है। गुरुवार को इस बिल के पक्ष में 2,878 वोट पड़े जबकि सिर्फ एक वोट ही इसके विरोध में पड़ा। इस नए बिल पर आलोचकों का मानना है कि यह हांगकांग की आजादी को कमजोर करेगा। जिस समय वोट पड़ रहे थे उस समय छह सांसद ऐसे थे जो संसद से अनुपस्थित थे। बिल के पास होते ही ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल तालियों की गड़गड़ाहट के साथ गूंज उठा।
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हांगकांग की अथॉरिटीज से कोई चर्चा नहीं
चीन का कहना है कि यह नया बिल हांगकांग शहर में अपगमनए विध्वंस और आतंकवाद के अलावा विदेशी हस्तक्षेप को नियंत्रित करेगा। लेकिन पिछले हफ्ते जैसे ही यह बिल सदन में आया हांगकांग में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इस नए बिल के बाद शहर के छोटे संविधान जिसे बेसिक लॉ में बदलाव किया जाएगा ताकि हांगकांग की सरकार चीनी नेताओं के फैसले को लागू कर सके। इस बिल के बाद चीन के रिश्ते अमेरिका और ब्रिटेन से बिगड़ने की तरफ बढ़ चुके हैं। अल जजीरा की कैटरीना यू ने ट्विटर पर जानकारी दी कि चीन ने यह फैसला हांगकांग की अथॉरिटीज से बिना सलाह-मशविरा किए और यहां के नेताओं से बहस किए बिना ही उठा लिया है। उन्होंने कहा है कि चीन कानून में खामियों का फायदा उठाया है।
ब्रिटेन की नागरिकता की पेशकश
इस बीच ब्रिटेन ने हांगकांग के ऐसे नागरिकों को नागरिकता की पेशकश की है जिनके पास ब्रिटिश नेशनल (ओवरसीज) पासपोर्ट है। यूके के विदेश मंत्री डॉमनिक राब ने यह बात कही है। हांगकांग में करीब तीन लाख लोग ऐसे हैं जिनके पास इस तरह के पासपोर्ट हैं। इन लोगों के पास बिना वीजा के छह माह तक यूके जाने की सुविधा है। राब का यह बयान तब आया है जब यूके, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा की तरफ से चीन के सुरक्षा कानून की आलोचना वाला एक साझा बयान जारी किया गया है। इन चार देशों का कहना है कि सुरक्षा कानून 'वन कंट्री, टू सिस्टम्स' को कमजोर करने वाला है, जिसके तहत ही ब्रिटेन ने सन् 1997 में हांगकांग को चीनी शासन के हाथों सौंपा था।