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चंद्रमा पर भी कब्जा कर सकता है चीन, SCS को देख लो! NASA चीफ ने अमेरिका को दी ये चेतावनी

चीन की विस्तारवादी नीति की धमक चांद तक पहुंच चुकी है। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले समय में चीन पूरे चंद्रमा को अपना क्षेत्र घोषित कर सकता है। यह चेतावनी नासा चीफ ने अमेरिका को दी है।

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चीन की विस्तारवादी नीति का खौफ ऐसा है कि अब उसकी बुरी नजर से चांद भी नहीं बच पा रहा है। खुद नासा के चीफ को यह आशंका है कि अगर चीन के अंतरिक्ष यात्रियों ने आर्टेमिस मिशन से पहले चंद्रमा पर कदम रख दिया तो हो सकता है कि अमेरिका को वहां घुसने पर भी पाबंदी लगा दे। उन्होंने अपनी आशंकाएं यूं ही नहीं जताई हैं। उनके पास चीन के मंसूबों से सतर्क रहने के पर्याप्त कारण हैं। उन्होंने दक्षिण चीन सागर (SCS) का उदाहरण दिया है कि कैसे अकेला चीन पूरी दुनिया को वहां पर आंख दिखाकर पूरे इलाके पर कब्जा करता जा रहा है।

चंद्रमा मिशन: चीन को लेकर नासा चीफ ने दी गंभीर चेतावनी

चंद्रमा मिशन: चीन को लेकर नासा चीफ ने दी गंभीर चेतावनी

1969 में अमेरिका नेअपोलो 11 मिशन के माध्यम से दुनिया के पहले इंसान को चंद्रमा की सतह पर उतारकर इतिहास रच दिया था। 2025 तक अमेरिका वापस अपने अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर उतारने की तैयारी में है। 55-56 साल पहले अमेरिका को अपने मिशन में किसी देश से भी चुनौती नहीं मिली थी। लेकिन, आने वाले दो वर्षों में उसके सामने एक बहुत बड़ा प्रतियोगी बनकर खड़ा है। यह प्रतियोगी है चीन। चीन की वजह से एक नई अंतरिक्ष रेस शुरू हो चुकी है। Politico को दिए एक इंटरव्यू में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के प्रमुख बिल नेल्सन ने चीन के मंसूबों को लेकर अमेरिका को बहुत ही गंभीर चेतावनी दी है।

चांद पर फिर अंतरिक्ष यात्री उतारने की तैयारी में है अमेरिका

चांद पर फिर अंतरिक्ष यात्री उतारने की तैयारी में है अमेरिका

नासा प्रमुख बिल नेल्सन ने अमेरिका को आगाह किया है कि अगर चीन चंद्रमा की सतह पर अमेरिका को पछाड़ देता है, तो यह चांद को अपने इलाके के रूप में दावा कर सकता है। आर्टेमिस 1 मिशन की कामयाबी के बाद निल्सन चीन के मंसूबों को लेकर सोच में पड़ गए हैं। 2022 के नवंबर में 26 दिनों के आर्टेमिस 1 मिशन को चांद पर भेजकर नासा ने अपने अंतिरक्ष कार्यक्रम का नया अध्याय शुरू किया है। वैज्ञानिक इस मिशन को बड़ी कामयाबी के तौर पर देख रहे हैं। यह मिशन एक बार फिर से अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर उतारने की दिशा में बहुत ही अहम कदम था। यह मिशन चांद पर 'ज्यादा स्थायी मौजूदगी कायम करने की दिशा में' एक बहुत बड़ा अभियान साबित होने वाला है।

चंद्रमा पर भी कब्जा कर सकता है चीन-NASA चीफ

चंद्रमा पर भी कब्जा कर सकता है चीन-NASA चीफ

लेकिन, अमेरिकी वैज्ञानिकों की टेंशन यही है। चंद्रमा को लेकर मंसूबा पालने वालों में वह अकेला देश नहीं है। आर्टेमिस 1 मिशन की सफलता के बाद पॉलिटिको से बातचीत में नासा के प्रशासक ने अपनी आगे की चिंता खुलकर जाहिर की है। उन्होंने अपने इंटरव्यू में चीन के नापाक इरादों पर स्पष्ट बात की है। उन्हें इस बात का डर है कि यदि अबकी बार अमेरिका से पहले चीन ने चांद की सतह पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतार दिया तो क्या होगा ? उनके मुताबिक, यह 'पैर जमाने और संसाधनों से भरपूर ज्यादा स्थानों पर प्रभुत्म कायम करने की कोशिश करेगा। ' इतना ही नहीं, वह 'अमेरिका को बाहर रखने' की कोशिश कर सकता है।

'चीन यह न कह दे कि यह हमारा इलाका है'

'चीन यह न कह दे कि यह हमारा इलाका है'

नासा के वैज्ञानिक ने अपनी आशंकाएं यूं ही नहीं जाहिर की हैं। उन्होंने पहले तथ्यों की पड़ताल की है और फिर अपना नजरिए को पेश किया है। उन्होंने कहा, 'यह एक तथ्य है- हम एक अंतरिक्ष की दौड़ में हैं। और यह सच्चाई है कि हमें यह नजर रखना होगा कि वैज्ञानिक शोध की आड़ में वह चंद्रमा पर जगह न हासिल कर लें। और ये संभावनाओं के दायरे से बाहर नहीं है कि वे कह दें, 'बाहर रहो, यहां पर हम हैं, यह हमारा इलाका है।'

दक्षिण चीन सागर में चीन के अवैध कब्जे का दिया हवाला

दक्षिण चीन सागर में चीन के अवैध कब्जे का दिया हवाला

अमेरिकी वैज्ञानिक ने चीन को लेकर यह आशंका यूं ही नहीं जाहिर की है। उन्होंने दक्षिण चीन सागर (South China Sea) का उदाहरण सामने रखा है, जहां चीन की सेना पिछले कुछ वर्षों से लगातार अपना अवैध कब्जा बढ़ाते जा रही है और यह भारत समेत कई देशों के लिए खतरा पैदा कर रही है। अंतरराष्ट्रीय कानूनों को ठेंगा दिखाकर चीन दक्षिण चीन सागर के बहुत बड़े इलाके पर अपना अधिकार जमा रहा है और इलाके में मनमर्जी कर रहा है। चीन इस इलाके के जिन क्षेत्रों को अपना बताने में लगा हुआ है, उसमें कई तो अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र हैं और कई क्षेत्र दूसरे देशों के हैं, जिसपर वह अवैध कब्जा करना चाहता है।

दक्षिण चीन सागर को ना भूलें- नासा चीफ

दक्षिण चीन सागर को ना भूलें- नासा चीफ

चीन की विस्तारवादी नीति से दुनिया भर के देश परेशान रहे हैं। दक्षिण चीन सागर में वह जो अवैध कब्जे में लगा हुआ है, उसके चलते उसके कई देशों के साथ विवाद चल रहे हैं, जिनमें फिलीपींस, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान शामिल हैं। जबकि, 2016 में द हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल कोर्ट ने फैसला दिया था कि दक्षिण चीन सागर के जलमार्ग पर चीन के अकेले अधिकार का कोई सबूत मौजूद नहीं है। लेकिन, चीन अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले को भी मानने को तैयार नहीं है और दक्षिण चीन सागर में स्थाई इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में लगातार जुटा हुआ है। वह यहां मिलिट्री बेस भी बनाए जा रहा है। नेल्सन ने कहा है, 'अगर आपको संदेह (चीन के चंद्रमा पर कब्जा करने को लेकर) है तो देख लीजिए कि उसने स्प्रैटली द्वीपसमूह में क्या किया है'

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अंतरिक्ष में काफी तेजी से बढ़ रहा है चीन

अंतरिक्ष में काफी तेजी से बढ़ रहा है चीन

नासा के वैज्ञानिक की चिंता बेवजह नहीं है। चीन ने पिछले कुछ समय में अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों को काफी मजबूत किया है। नासा ही नहीं, अमेरिका के रक्षा विभाग भी इसको लेकर चिंतित है। वह पहले से ही आशंका जता रहा है कि चाइनीज स्पेस सिस्टम अमेरिकी सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसमें उसका चंद्रमा मिशन बहुत बड़ा चिंता का कारण रहा है। पिछले दो वर्षों में चीन चांद की सतह से सैंपल लाने के लिए रोबोटिक लैंडर और रोवर्स भेज चुका है। चंद्रमा के दूर वाले इलाके में ऐसा करने वाला ड्रैगन पहला देश है। हाल ही में चीन ने एक नया स्पेस स्टेशन भी खोला है। अमेरिकी स्पेस फोर्स के लेफ्टिनेंट जनरल नीना आरमांगो ने कहा है कि 'यह पूरी तरह से संभव है कि वह हमें पकड़ ले या पीछे छोड़ दे, निश्चित तौर पर संभव है। उन्होंने जो प्रगति की है, वह आश्चर्यजनक है, आश्चर्यजनक रूप से तेज।'


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English summary
It will not be surprising if China captures the Moon as well. This apprehension has been expressed by NASA Chief Bill Nelson. They cited his actions in the South China Sea for this
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