
चीन तेजी से बढ़ा रहा अपने परमाणु हथियार, पेंटागन का खुलासा- 2030 तक हो जाएंगे 1 हजार से ज्यादा
वॉशिंगटन डीसी। दुनिया में नई महाशक्ति के तौर पर उभरता चीन अपने परमाणु हथियारों का जखीरा भी बढ़ा रहा है। अपनी न्यूक्लियर फोर्स को ज्यादा शक्तिशाली बनाने के लिए वह अरबों डॉलर खर्च रहा है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की रिपोर्ट में बताया गया है कि, चीन परमाणु हथियारों का जखीरा तेजी से बढ़ा रहा है। पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल पहले अमेरिकी अधिकारियों ने जो अनुमान लगाया था, चीन उसकी तुलना में बहुत तेजी से अपने परमाणु भंडार बढ़ा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, 6 साल के भीतर चीनी परमाणु हथियारों की संख्या बढ़कर 700 हो सकती है, जो 2030 तक 1 हजार से भी ऊपर पहुंच जाएगी।
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चीन के पास परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ी
हालांकि, चीन के पास फिलहाल कितने परमाणु हथियार मौजूद हैं...ये जानकारी पेंटागन ने नहीं दी। पेंटागन के अलावा भी दुनिया की कई एजेंसियां दुनिया में मौजूद परमाणु हथियारों की संख्या को लेकर रिसर्च करती रही हैं, जिनमें अमेरिका-रूस और फ्रांस के बाद सबसे ज्यादा हथियार चीन के पास ही बताए जाते हैं। पेंटागन की जो ताजा रिपोर्ट आई है, उसमें ये नहीं बताया गया है कि आज चीन के पास कितने परमाणु हथियार हैं। हालांकि, तकरीबन एक साल पहले पेंटागन ने कहा था कि यह संख्या 200 के करीब हो सकती है, जिसके इस दशक के अंत तक दोगुना होने की संभावना है। पेंटागन की रिपोर्ट यूं तो चीन के साथ खुले तौर पर अमेरिका से टकराव की आशंका नहीं जताती, लेकिन यह चीनी सेना को लेकर अमेरिका की चिंताओं को उजागर करती है।

सभी तरह से अमेरिका की बराबरी करने में लगा
चीन सभी तरह के क्षेत्रों में अमेरिका को टक्कर देने में लगा है। अब चीनी सेना लड़ाई के सभी क्षेत्रों (हवा, जमीन, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबरस्पेस) में अमेरिका को चुनौती देने की इच्छा रखती है। संख्या के लिहाज से फिलहाल दुनिया में सबसे बड़ी सेना चीन की ही है। उसके पास 20 लाख से ज्यादा सैनिक हैं, वहीं अमेरिका के पास कुल सैनिकों की संख्या लगभग 14 लाख है। भारत की बात करें तो हमारे पास थलसेना में 13 लाख जवान हैं। वहीं, पेंटागन की रिपोर्ट देखें तो अमेरिकी अधिकारियों ने ताइवान को लेकर भी चीन के रवैये पर चिंता जताई है। चीन ताईवान को अपना हिस्सा बताता है और उसे अपने में मिलाने का मंसूब पाल रखा है।

हाइपरसोनिक मिसाइल का किया था टेस्ट
पिछले 16 अक्टूबर को चीन के हाइपरसोनिक मिसाइल टेस्ट करने की खबर मीडिया में आई। ब्रिटिश न्यूजपेपर फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना की तरफ से दागा गया लॉन्ग मार्च रॉकेट एक हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल लिए हुए था, जो अंतरिक्ष की निचली कक्षा में पहुंचने के बाद धरती का चक्कर लगाकर तेजी से अपने टारगेट की तरफ बढ़ा। यह चीन की हाईपरसोनिक मिसाइल ही बताई गई, जिसके टेस्ट को चीन ने पूरी तरह गोपनीय रखा। चीन की इस कोशिश से अमेरिकी खुफिया एजेंसियां दंग रह गईं। पेंटागन की नई रिपोर्ट में चीन की DF-17 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का जिक्र है, जो कि हाइपरसोनिक ग्लाइड ह्वीकल से लैस थी।