चीन की चाल: नए नक्शे में अरुणाचल प्रदेश को अपनी सीमा में दिखाया
बीजिंग। कोरोना वायरस महामारी के बीच ही चीन ने अपने नक्शे में बदलाव किया है। चीन ने अब इस नए नक्शे में भारत के नॉर्थ ईस्ट के बड़े राज्य को अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं में दिखाया है। चीन के इस नए नक्शे का अपडेटेड वर्जन स्काई मैप की तरह से जारी किया गया है। स्काई मैप, चीन की अथॉरिटी है जो डिजिटल मैप्स को तैयार करती है। इसकी तरफ से नया मैप तैयार किया गया है। स्कार्इ मैप को बीजिंग स्थित नेशनल सर्वेइंग एंड मैपिंग जियोग्राफिक इनफॉर्मेशन ब्यूरो की तरफ से संचालित किया जाता है।
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अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है चीन
अरुणाचल प्रदेश जो भारत के नॉर्थ ईस्ट में है तिब्बत से सटा है। तिब्बत साल 1913-15 तक ब्रिटिश शायन के अधीन था। फिर जब सन् 1938 में मैकमोहन रेखा निर्धारित हुई तो भारत और तिब्बत अलग हो गए। चीन ने सन् 1951 में तिब्बत पर कब्जा कर लिया था। वह आज भी अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है। चीन का नया मैप स्काई मैप के सन् 1989 वाले संस्करण पर आधारित है। चीन ने उसके बाद से रूस और मध्य एशिया के दूसरे देशों के साथ अपने सीमा विवाद को सुलझा लिया था। लेकिन नए नक्शे में किसी का भी जिक्र नहीं है।
अक्साई चिन पर भी कब्जा
चीन ने भारत के अक्साई चिन पर कब्जा किया हुआ जो करीब 37,000 स्क्वायर किलोमीटर के दायरे में है। यह हिस्सा जम्मू कश्मीर के तहत आता है और चीन के शिनजियांग प्रांत से इसकी सीमाएं लगी हुई हैं। तिब्बत की सीमाएं भारत और भूटान से लगी हुई हैं और चीन का कहना है कि यह उसकी सीमा में आता है। पिछले दिनों बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने लॉकडाउन के बाद भी सिर्फ 27 दिनों के अंदर अरुणाचल प्रदेश के के सुबनसिरी जिले में सुबनसिरी नदी के ऊपर दापोरिजो पुल का निर्माण पूरा कर लिया था। इस पुलिस के जरिए चीन की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तैनात लगभग 3,000 सैनिकों को तत्काल आपूर्ति मिल सकेगी।