चीन ने नागरिकों के देश छोड़ने पर लगाई रोक, आर्थिक संकट में फंसने के बाद शी जिनपिंग का बड़ा फैसला
बीजिंग, मई 15: भीषण कोविड संकट और आर्थिक संकट में फंसे चीन ने अपने नागरिकों के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने फैसला देश से पैसों को बाहर निकलने से रोकने से बचाने के लिए उठाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, चीन के नागरिक अत्यंत जरूरी होने पर ही विदेश की यात्रा कर सकते हैं और देश के सभी नागरिकों के गैर-जरूरी विदेश यात्रा पर रोक लगा दी गई है।

12 मई को जारी हुआ आदेश
चीन के नेशनल इमिग्रेशन एडमिनिस्ट्रेशन ने 12 मई को इस बाबत आदेश जारी किया है और कहा गया है कि, चीन के हर नागरिक अत्यंत सख्ती के साथ इस आदेश का पालन करेंगे और अगले आदेश तक चीन के लोग अत्यंत जरूरी होने पर ही विदेश की यात्रा कर सकते हैं और गैर-जरूरी लोगों को फिलहाल देश से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हालांकि, इस आदेश में कहा गया है कि, सरकार के इस फैसले का मकसद चीन के लोगों को विदेशों से चीन में कोविड -19 वायरस वापस लाने से रोकना है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सरकार ने ये आधिकारिक घोषणा उस वक्त की है, जब चीन के ही कुछ लोगों ने शिकायत की थी, कि विदेश से चीन लौटने पर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर अधिकारी कई घंटों तक उनकी जांच करते रहते हैं। कुछ लोगों ने कथित तौर पर कहा कि, चीनी अधिकारियों ने लोगों के पासपोर्ट और यहां तक कि संयुक्त राज्य के स्थायी निवासियों के ग्रीन कार्ड भी काट दिए।

एयरपोर्ट पर ही पासपोर्ट रद्द
हालांकि, अमेरिकी ग्रीन कार्ड को काटने के आरोप का चीन के अधिकारियों ने खंडन किया है, लेकिन अधिकारियों ने कहा है कि, उनके पास कानून के मुताबिक, चीन के नागरिकों के पासपोर्ट को एयरपोर्ट पर ही रद्द करने की शक्ति है। आपको बता दें कि, 2020 के आखिर में चीन के वुहान में वैश्विक महामारी कोरोना के शुरू होने के बाद, चीनी सरकार ने अपनी यात्रा नीतियों को सख्त करने के लिए, न केवल सख्त क्वारंटाइन नियम को काफी सख्त किया हुआ है, बल्कि चीनी पासपोर्ट या संबंधित यात्रा दस्तावेजों को जारी करने में भी कफी कमी की है। लेकिन, इसके साथ ही चीन का ये फैसला देश की करेंसी को बाहर जाने से रोकना है, क्योंकि चीन इस वक्त आर्थिक सुस्ती से गुजर रहा है और कई शहरों में लॉकडाउन से चीन की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।

‘ताकि देश का पैसा बाहर ना जाए’
चीन का ये फैसला कोविड नियंत्रण को लेकर तो है ही, इसके साथ ही साथ स्वदेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्येश्य से भी ये कदम उठाया गया है, ताकि लोग स्थानीय स्तर पर ही पैसा खर्च करेंगे। पिछले जुलाई में, राष्ट्रीय आप्रवासन प्रशासन ने पहली बार घोषणा की कि "गैर-आपातकालीन और गैर-आवश्यक" लोगों की सीमा पार आवाजाही सीमित होगी। राष्ट्रीय आव्रजन प्रशासन (एनआईए) के प्रवक्ता चेन जी ने पहली बार 30 जुलाई, 2021 को एक समाचार ब्रीफिंग में कहा था कि, चीन कोविड -19 मामलों के आयात को रोकने के लिए सीमा प्रवेश और निकास नियंत्रण को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा था कि, एनआईए गैर-जरूरी कारणों से पासपोर्ट या प्रवेश-निकास दस्तावेज जारी नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि पढ़ाई, काम करने या विदेश में व्यापार करने जैसी वास्तविक जरूरतों वाले आवेदन ही समय पर स्वीकार किए जाएंगे।

चीन से तेजी से बाहर निकलते लोग
27 अप्रैल को, चेन जी ने कहा था कि, एनआईए कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपनी सख्त प्रवेश और निकास नीतियों को बनाए रखेगी। उन्होंने कहा कि इस साल की पहली तिमाही में कुल एक करोड़ 62 लाख लोगों ने देश छोड़ दिया है, जो एक साल पहले की तुलना में 5.9% कम है। चेन की टिप्पणियों को चीनी मीडिया द्वारा व्यापक रूप से तब तक रिपोर्ट नहीं किया गया, जब तक कि एनआईए ने 12 मई को आदेश जारी नहीं कर दिया। जिसमें कहा गया था कि, एनआईए ने 10 मई को एक आंतरिक बैठक का आयोजन किया था, जिसमें फैसला लिया गया कि, अगरे आदेश तक चीन के लोग बिना वजह देश नहीं छोड़ पाएंगे और सभी सीमा शुल्क अधिकारियों को देश की प्रवेश और निकास नीतियों को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया था। इस बीच, सैकड़ों यात्रियों की तरफ से शिकायत की जा रही थी, कि उन्हें हवाई अड्डों पर अतिरिक्त जांच का सामना करना पड़ा।

एयरपोर्ट पर काटे जा रहे हैं पासपोर्ट
आपको बता दें कि, चीनी एयरपोर्ट अधिकारियों पर नागरिको के पासपोर्ट को काटने के आरोप लगे हैं। चीन के एक छात्र ने सोशल मीडिया पर अपने पासपोर्ट का फोटो डाला था और लिखा था कि, एयरपोर्ट पर उसके पासपोर्ट का एक कोना अधिकारियों ने इसलिए काट दिया, क्योंकि वो कनाडा पढ़ने के लिए जा रहा था और उसने ऑनलाइन कोर्स चुना था। वहीं, एक अन्य चीनी व्यक्ति ने दावा किया कि शंघाई पुडोंग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क अधिकारियों ने बाहर जाने वाले यात्रियों की जांच को काफी सख्त कर दिया है और विदेशी निवास परमिट या बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा वाले लोगों को एयरपोर्ट से निकलने से रोक दिया गया।
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