सिर्फ 7 मिनट में चीन ने ढूंढ निकाला बीबीसी का रिपोर्टर, इतनी तेज हैं ड्रैगन की 'आंखें'
चीनी सरकार देश की निगरानी में कितनी आगे है ये तो सभी जानते हैं। तानाशाह की तरह चीन में इंटरनेट सेंसरशिप तो पहले से ही है। अब चीन ने पूरे देश में सीसीटीवी कैमरों को मकड़ी के जाल क तरह बिछा दिया है। शायद ही कोई सड़क या कोना ऐसा हो जहां सीसीटीवी कैमरा न हो।
बीजिंग। चीनी सरकार देश की निगरानी में कितनी आगे है ये तो सभी जानते हैं। तानाशाह की तरह चीन में इंटरनेट सेंसरशिप तो पहले से ही है। अब चीन ने पूरे देश में सीसीटीवी कैमरों को मकड़ी के जाल क तरह बिछा दिया है। शायद ही कोई सड़क या कोना ऐसा हो जहां सीसीटीवी कैमरा न हो। चीन के ये कैमरे कितने तेज हैं, ये हाल ही में देखने को मिला जब एक बीबीसी रिपोर्टर को चीन के पुलिस अधिकारियों ने चंद मिनटों में ढूंढ निकाला।
चीन का सबसे बड़ा सर्विलांस नेटवर्क
चीन का सीसीटीवी सर्विलांस दुनिया में सबसे बड़ा और सबसे तगड़ा है। ड्रैगन की इन आंखों से देश में कोई नहीं बच पाता। हर गली, हर मोहल्ले में हजारों कैमरे लगे हुई हैं जो 24 घंटे निगरानी करते हैं। इतने सीसीटीवी कैमरे अपराधों को रोकने और लोगों पर निगरानी के लिए लगाए गए हैं।
40 करोड़ और कैमरे लगवाने की तैयारी में चीन
आंकड़ों पर नजर डालें तो चीन में फिलहाल 17 करोड़ सीसीटीवी कैमरे हैं। चीनी सरकार साल 2020 तक 40 करोड़ और कैमरे लगाने की तैयारी में है। चीन के इतने तगड़ी निगरानी का बीबीसी के एक संवेदाता ने टेस्ट लिया। संवादाता ने ये देखना चाहा कि कैमरा उन्हें कितनी जल्दी पकड़ता है। इसकी जानकारी कुछ अधिकारियों को थी।
केवल 7 मिनट में पकड़े गए बीबीसी संवादाता
अधिकारियों ने उनकी तस्वीर को संदिग्ध के रूप में डाल दी और कंट्रोल रूम में अलर्ट भेज दिया। इसके बाद सभी कंट्रोल रूम हरकत में आ गए। ये जानकर आपको यकीन नहीं होगा कि बीबीसी संवादाता को केवल 7 मिनट में पकड़ लिया गया। चीन की पुलिस को सीसीटीवी कैमरों और हरफनमौला टीम की मदद से संवादाता को पकड़ने में केवल 7 मिनट लगे।
फेस आईडी से लोगों को करता है कनेक्ट
चीन अपने सीसीटीवी सर्विलांस के लिए सबसे आधुनिक चीजों का इस्तेमाल करता है। इसके लिए सिर्फ कैमरे नहीं लगाए जाते, बल्कि उनमें चेहरे पढ़ने की भी क्षमता होती है। फेस आईडी की मदद से लोगों को पकड़ना काफी आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, चीन चेहरे को पहचान कर रिश्तेदारों, कौन कहां कितना जाता है, इन सब चीजों से जोड़ता है।
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कई लोगों को नहीं पसंद सरकार की निगरानी
चीन इसकी मदद से अपराधों को होने से पहले ही रोक देना चाहता है। हालांकि देश में हर कोई इन कैमरों से खुश नहीं है। काफी लोगों का ये मानना है कि इससे उनकी प्राइवेसी में खलल पड़ता है। एक शख्स ने बीबीसी संवादाता को कहा, 'हर वक्त ऐसा लगता है कोई आपका पीछा कर रहा है। कोई काम करने में अजीब लगता है।' देखिये वीडियो। (साभार : बीबीसी वर्ल्ड)