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गांव के बाद अरूणाचल प्रदेश में चीन ने बनाया बड़ा इन्क्लेव, भारत सरकार की चुप्पी पर उठे गंभीर सवाल

इसी महीने पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि, चीन ने अरूणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा के भीतर 100 घरों के एक गांव का निर्माण किया है, जिसकी पुष्टि अब भारत सरकार की तरफ से की गई है।

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नई दिल्ली, नवंबर 19: इसी महीने पेंटागन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि, चीन ने भारत में घुसकर अरूणाचल प्रदेश में 100 घरों वाले एक गांव का निर्माण कर लिया है और अब चीन भारत के क्षेत्र को विवादित बनाने और अरूणाचल प्रदेश पर अपना कब्जा दिखाने में कामयाब होने लगा है। वहीं एक और सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि, चीन ने अरूणाचल प्रदेश में घुसकर एक और इन्क्लेव का निर्माण किया है। सैटेलाइट तस्वीरों में साफ पता चल रहा है कि, भारतीय क्षेत्र में घुसकर चीन ने निर्माण कार्य किया है, जिसके बाद भारत सरकार पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

अरूणाचल में इन्क्लेव का निर्माण

अरूणाचल में इन्क्लेव का निर्माण

भारतीय न्यूज चैनल एनडीडीवी ने सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर दावा किया है कि, चीन ने अरुणाचल प्रदेश में कम से कम 60 इमारतों के दूसरे एन्क्लेव या क्लस्टर का निर्माण किया है। सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर एनडीटीवी ने दावा किया है कि, साल 2019 में अरूणाचल प्रदेश में भारतीय क्षेत्र में ये एन्क्लेव मौजूद नहीं था, लेकिन अब वहां पर काफी ज्यादा निर्माण देखा जा सकता है और चीन ने भारतीय क्षेत्र में निर्माण कार्य करते हुए इन्क्लेव का निर्माण किया है। एनडीटीवी ने दावा किया है कि, चीन ने जिस जगह पर गांव का निर्माण किया है, जिसको लेकर पेंटागन ने दावा किया है, उस जगह से 93 किलोमीटर पूर्व में चीन ने एक और इन्क्लेव का निर्माण किया है और चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र में किया गया ये बहुत बड़ा अतिक्रमण है। एनडीटीवी के इस दावे के बाद भारत सरकार पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और सबसे बड़ा सवाल ये है कि, पिछले एक महीने में भारतीय जमीन पर कब्जे की दो बड़ी रिपोर्ट आने के बाद भी भारत सरकार की तरफ से कदम क्यों नहीं उठाए गये हैं?

भारत की सिर्फ तीखी प्रतिक्रिया?

भारत की सिर्फ तीखी प्रतिक्रिया?

एनडीटीवी की सनसनीखेज रिपोर्ट के बाद भारत सरकार की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया दर्ज की गई है और रिपोर्ट पर कहा गया है कि, ''चीन ने पिछले कई वर्षों में सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ-साथ उन क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियां की हैं, जिन पर उसने दशकों से अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। भारत ने न तो चीन के इस तरह के अवैध कब्जों को स्वीकार किया है और ही चीन के अनुचित दावों को ही भारत सरकार ने स्वीकार किया है''।

कहां पर चीन का दूसरा इन्क्लेव?

कहां पर चीन का दूसरा इन्क्लेव?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरा एन्क्लेव भारतीय सीमा के अंदर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा के बीच के क्षेत्र में लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भारत ने हमेशा इसे अपने क्षेत्र के रूप में दावा किया है। हालांकि, सैटेलाइट तस्वीरों में ये पता नहीं चल रहा है कि, जिन इन्क्लेव का निर्माण किया गया है, उसपर कब्जा भी किया गया है, या लोग रहे हैं या नहीं। वहीं, एनडीवीटी की इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय सेना की तरफ से कहा गया है कि, ''जिन सैटेलाइट तस्वीरों का जिक्र एनडीटीवी की रिपोर्ट में किया गया है, वो चीनी क्षेत्र में एलएसी के उत्तर में स्थित है''।

भारतीय सेना ने नहीं किया खंडन

भारतीय सेना ने नहीं किया खंडन

भारतीय सेना का ये बयान, इस तथ्य का खंडन नहीं करता है कि, चीन ने इस इन्क्लेव का निर्माण एलएसी और इंटरनेशनल बॉर्डर के बीच में किया है, जिसपर भारत हमेशा से अपना दावा करता आया है, यानि दूसरे शब्दों में कहें तो, चीन ने भारतीय जमीन पर कब्जा कर निर्माण कार्य किा है। एनडीटीवी के इस सवाल पर इंडियन आर्मी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि, ''उनकी (चीन) प्रतिक्रिया में कोई बदलाव नहीं आया है और ये क्षेत्र एलएसी के उत्तर में स्थित है''। भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने भारतीय क्षेत्र पर निर्माण कार्य होने की बात से इनकार नहीं किया है।

अरूणाचल सरकार से प्रतिक्रिया नहीं

अरूणाचल सरकार से प्रतिक्रिया नहीं

एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है, जब उसने चीन के भारतीय क्षेत्र में कब्जे को लेकर अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री को सवालों की लिस्ट भेजी, तो उन्होंने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इमकापर कर दिया है। आपको बता दें कि, पिछले हफ्ते भारत सरकार की तरफ से पेंटागन की उस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी गई है, जिसमें दावा किया गया है कि, चीन ने भारतीय क्षेत्र में घुसकर अरूणाचल प्रदेश में 100 घरों वाले एक गांव का निर्माण किया है। जिसपर भारत सरकार की तरफ से कहा गया है कि ''चीन लगातार भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहा है और चीन ने कुछ भारतीय क्षत्रों को अपना बनाने की कोशिश की है''। वहीं, कुछ क्षेत्रों को भारतीय न्यूज एजेंसी एनएनआई से बात करते हुए इंडियन आर्मी के एक बड़े अधिकारी ने कहा था कि, 1959 में चीन ने उन क्षेत्रों पर कब्जा किया था और अब उन क्षेत्रों में निर्माण कार्य किया जा रहा है।

बीजेपी सांसद ने उठाया था सवाल

बीजेपी सांसद ने उठाया था सवाल

आपको बता दें कि, एक साल पहले अरूणाचल प्रदेश के एक बीजेपी सांसद ने चीन भारतीय संसद में बयान देते हुए अरूणाचल प्रदेश में चीन के अतिक्रमण का जिक्र किया था। बीजेपी सांसद तपीर गाओ ने लोकसभा में बयान देते हुए कहा था कि, "मैं देश के मीडिया घरानों को बताना चाहता हूं कि चीन ने भारतीय क्षेत्र (अरुणाचल प्रदेश में) पर किस हद तक कब्जा किया है, इसकी कोई कवरेज नहीं है।" 2017 में डोकलाम में भारत-चीन गतिरोध का उल्लेख करते हुए, जो कई महीनों तक चला था, बीजेपी सांसद गाओ ने चेतावनी दी थी कि, "यदि कोई दूसरा डोकलाम है, तो वह अरुणाचल प्रदेश में होगा।"

कैसा है चीन का नया इन्क्लेव?

कैसा है चीन का नया इन्क्लेव?

भारतीय क्षेत्र में चीन का ये निर्माण कार्य दुनिया के दो प्रमुख सैटेलाइट एजेंसी मैक्सार टेक्नोलॉजी औऱ प्लैनेट लैब्स की तरफ से पुष्टि की गई हैं। चीन ने ये निर्माण कार्य भारत के अरुणाचल प्रदेश के शि-योमी जिले में की हैं और सैटेलाइट तस्वीरों में पता चल रहा है कि, चीन की तरफ से दर्जनों इमारतों को तैयार किया गया है और एक बड़े इमारत की छत पर चीन का विशालकाय झंजा लगा हुआ है। इस तस्वीर से साफ साफ पता चल रहा है कि, चीन अपने झंडे के जरिए इस क्षेत्र पर अपना दावा कर रहा है। वहीं, भारत सरकार के ऑनलाइन मैप्स सेवा 'भारत मैप्स' पर नये निर्माण कार्य को देखा जा सकता है। 'भारत मैप्स' भारत का एक डिजिटल मानचित्र है, जिसे भारत के महासर्वेक्षक द्वारा सावधानीपूर्वक बनाया जाता है, जिसमें भी यह पुष्टि की गई है कि, जिस स्थान पर चीन ने निर्माण कार्य किया है, वो भारतीय जमीन के अंदर है।

भारतीय क्षेत्र में एक-एक कदम बढ़ाता चीन

भारतीय क्षेत्र में एक-एक कदम बढ़ाता चीन

भारतीय एक्सपर्ट अरूप दासगुप्ता ने एनडीटीवी की इस रिपोर्ट पर कहा कि, ''भारतमैप्स की तस्वीरों को देखने पर पता चलता है कि, जिस जगह पर चीन ने निर्माण किया है, वो जगह अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 7 किलोमीटर अंदर है। जैसा कि भारत के सर्वे जनरल द्वारा परिभाषित किया गया है, जिसके अधिकार क्षेत्र में भारत की सीमाओं को सभी आधिकारिक मानचित्रों में दर्शाया गया है।'' उन्होंने कहा कि, ''नए गांव से पता चलता है कि किस तरह चीन भारत की हिमालयी सीमा को काट कर खा रहा है। चीन पर भारत के प्रमुख रणनीतिक विश्लेषकों में से एक, रणनीतिक विश्लेषक ब्रह्म चेलानी कहते हैं कि, ''नए गांव की चमकदार तस्वीरें इसकी कृत्रिम प्रकृति को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं।'' वे कहते हैं, ''चीन ने उस गांव के लिए चीनी नाम भी गढ़ा है, जो उस इलाके में स्थित है जहां परंपरागत रूप से कोई चीनी नहीं बोलता था''

कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस ने उठाए सवाल

अरूणाचल प्रदेश में चीन के अतिक्रमण को लेकर कांग्रेस ने सरकार की खामोशी पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीव सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ''चीन बार-बार हमारी सरजमीं पर कब्जा कर रहा है। चीन हमारी संप्रभुता और भूभागीय अखंडता को चुनौती दे रहा है। चीन आए दिन LAC के पार हमारी सीमा में जबरन नए निर्माण कर रहा है। पर '56 इंच'56' और सरकार चुप रह कर देश की सुरक्षा से अपराधिक खिलवाड़ कर रहे हैं।'' कांग्रेस प्रवक्ता ने पीएम मोदी को निशाने पर लिया है और उनकी खामोशी पर सवाल उठाए हैं।

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English summary
After creating the village, China has built an enclave in Arunachal Pradesh, which is being detected by satellite images. But, the Indian government is still silent.
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