सीडीएस रावत ने बताया था भारत की सुरक्षा का सबसे बड़ा खतरा, भड़के चीन ने जानिए क्या कहा
पिछले दो सालों से भारत और चीन के बीच का तनाव काफी बढ़ा हुआ है और पिछले साल 16 जून को दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़प भी हो चुकी है।
बीजिंग, नवंबर 26: चीन ने गुरुवार को भारत पर ''भू-राजनीतिक टकराव" के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। चीन ने भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के उस बयान पर नाराजगी जताई है, जिसमें उन्होंने चीन को भारत की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था।
सीडीएस के बायन पर भड़का चीन
चीन के रक्षा मंत्रालय ने सीडीएस जनरल विपिन रावत की टिप्पणी का विरोध किया है और कहा है कि, भारतीय सैन्य प्रमुख की चीन को लेकर टिप्पणी "उत्तेजक" है। चीन की रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा कि, "चीन के खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने से दोनों देशों के नेताओं द्वारा निर्धारित रणनीतिक दिशा-निर्देशों का गंभीर उल्लंघन हुआ है कि चीन और भारत एक-दूसरे के लिए कोई खतरा नहीं हैं।" समाचार एजेंसी सिन्हुआ के प्रवक्ता ने कहा, "भू-राजनीतिक टकराव को भड़काना गैर-जिम्मेदार और खतरनाक दोनों है।" चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, भारत संयुक्त रूप से चीन के साथ क्षेत्रीय शांति की रक्षा कर सकता है।
क्षेत्रीय शांति की उम्मीद
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि, "पड़ोसी देशों के रूप में हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में क्षेत्रीय शांति और शांति की रक्षा के लिए चीन के साथ मिलकर काम कर सकता है और साथ में द्विपक्षीय संबंधों के सकारात्मक विकास को बनाए रख सकता है।" चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता का ये बयान भारत, रूस और चीन के विदेश मंत्रियों की 18वीं बैठक से एक दिन पहले आया है। इस बैठक की अध्यक्षता भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर करने वाले हैं और तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की इस बैठक का आयोजन वर्चुअल होना है। पिछले हफ्ते भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ बाकी विवादित मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की थी, जबकि पूरी तरह से द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन किया था ताकि शांति बहाल हो सके।
भारत-चीन तनाव
आपको बता दें कि, पिछले दो सालों से भारत और चीन के बीच का तनाव काफी बढ़ा हुआ है और पिछले साल 16 जून को दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़प भी हो चुकी है। वहीं, भारत-चीन सीमा मामलों (डब्लूएमसीसी) पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्यतंत्र की 23 वीं बैठक में दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ स्थिति पर "स्पष्ट और गहन चर्चा" की है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन ने इस साल 10 अक्टूबर को हुई दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की पिछली बैठक के बाद के घटनाक्रम की भी समीक्षा की है।