
कंजरवेटिव पार्टी पार्टी में टेंशन! पीएम ऋषि सुनक के मंत्री पर लगा धमकाने का आरोप, विपक्ष ने घेरा
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) इन दिनों काफी परेशान हैं। अभी उन्हें पीएम बने ज्यादा वक्त भी नहीं हुआ है कि, उनके एक मंत्री गैविन विलियम्सन (Sir Gavin Williamson) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन पर सहयोगियों को धमकाने का आरोप लगा है। वहीं सुनक ने कहा है कि , उन्होंने विलियन्सन का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे समझ सकते हैं कि गैविन ने ऐसा फैसला क्यों लिया है।

सर गैविन विलियमसन का इस्तीफा
सर गैविन विलियमसन अभी तक बिना पोर्टफोलियो के राज्य मंत्री थे। उन पर कंजरवेटिव पार्टी के साथी सहयोगियों और सिविल सेवकों के प्रति अपमानजनक व्यवहार का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद उन्होंने ट्विटर पर अपना इस्तीफा पोस्ट कर दिया। इससे पहले भी गैविन विलियम्सन को पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों द्वारा कैबिनेट से बर्खास्त किया जा चुका है। उन्हें रक्षा मंत्री और शिक्षा मंत्री रहते हुए पद से हटाया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री टेरेसा मे के समय में विलियम्सन पर रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी को धमकाने का आरोप लगा था। तब विलियम्सन रक्षा सचिव थे। वहीं जब वह चीफ व्हिप थे तब उन पर भी कई आरोप लगे थे।

सुनक ने इस्तीफा स्वीकार किया
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के तौर पर ऋषि सुनक को सत्ता संभाले हुए अभी ज्याद समय भी नहीं हुआ है। पीएम बनने के बाद सुनक ने पहले कैबिनेट विस्तार में विलियम्सन को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। हालांकि, दो सप्ताह के अंदर ही उनका इस्तीफा हो गया। यह सुनक की कैबिनेट से पहला इस्तीफा है और यह एक तरह से उनके लिए पहला बड़ा झटका माना जा रहा है। अपने त्यागपत्र में विलियम्सन ने लिखा कि वह अपनी पिछली भूमिकाओं में अपने सहयोगियों को धमकाने के आरोपों की जांच के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के अनुपालन के लिए अपने पद को छोड़ रहे हैं।

ऋषि को विपक्ष ने घेरा
वहीं, विपक्ष ने सुनक के इस निर्णय के बाद उन्हें घेरने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष ने सुनक के इस कदम को उनका खराब निर्णय करार दिया है और उनके नेतृत्व पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं, लिबरल डेमोक्रेट के उप नेता डेजी कपूर ने सवाल किया कि ऋषि सुनक ने विलियमसन को क्यों नियुक्त किया। उन्हें बर्खास्त करने के बजाय उनके साथ खड़े रहे। उन्होंने कहा कि ऋषि सुनक का ईमानदारी की सरकार का नेतृत्व करने का वादा अब टूट गया है।