समझौते के बिना ब्रेग्जिट को ब्रिटेन के सांसदों ने सिरे से खारिज किया
लंदन। ब्रिटेन के सांसदो ने प्रधानमंत्री टेरेसा को बड़ी राहत दी है। सांसदों ने बिना समझौते के अव्यवस्थित ब्रेग्जिट को खारिज कर दिया है, लेकिन यूरोपीय संघन में इस समझौते को बदलने की टेरेसा की कोशिश का समर्थन किया है। कजर्वेटिव पार्टी के सांसद कैरिलन स्पैलमैन और लेबर पार्टी के सांसद जैक ड्रोमे ने एक संशोधन पेश किया था, जिसमे कहा गया था कि ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन से बिना समझौते बाहर निकल जाना चाहिए। इस संशोधन को 318 सांसदों ने अपना समर्थन दिया। ऐसे में इस संशोधन को समर्थन मिलने से यह साफ हो गया है कि ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन से बाहर निकलना चाहता है।
गौर करने वाली बात यह है कि इस मतदान के परिणाम को कानूनी रूप से स्वीकार करने की बाध्यता नहीं है। लेकिन इससे हाउस ऑफ कॉमन्स की सोच साफ जाहिर होती है कि वह यूरोपीय यूनियन से बाहर आना चाहते हैं। इसके बाद सांसदों ने सरकार द्वारा संशोधन के प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है। इस संशोधन में आयरिश बैकस्टाप के वैकल्पिक समझौते की बात कही गई है। इसके तहत आयरिश बैकस्टाप में ब्रिटेन और आयरलैंड के बीच कड़े निंयंत्रण की बात कही गई है जिसके तहत यहां सुरक्षा बलों की तैनाती और सीमा की बात कही गई है। लेकिन इस संशोधन में सुरक्षाबलों की तैनाती और सीमा से दूरी बनाए जाने की वकालत की गई है।
आपको बता दें कि ब्रिटेन 29 मार्च को ब्रेग्जिट से बाहर हो जाएगा। इससे पहले यूनाइटेड किंगडम की संसद में ब्रेग्जिट पर एतिहासिक वोटिंग हुई थी। इस वोटिंग में प्रधानमंत्री थेरेसा मे के ब्रेग्जिट प्लान को करारा झटका लगा और उनके खिलाफ जमकर वोट डाले गए। ब्रिटेन की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में पीएम मे की ब्रेग्जिट डील को 230 वोट्स से खारिज कर दिया गया। 23 जून 2016 को यूके में एक जनमत संग्रह हुआ और यह इस बात से जुड़ा था कि इसे ईयू का हिस्सा रहना चाहिए या फिर इसे छोड़ देना चाहिए। इस जनमत संग्रह में 52 प्रतिशत लोगों ने वोट किया और कहा कि यूके को ईयू से बाहर आ जाना चाहिए। वहीं 48 प्रतिशत लोगों ने इसमें बने रहने के पक्ष में वोट किया। सुबह 4:45 मिनट तक लोगों ने वोट किया और इसे फाइनल माना गया।
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