अफगानिस्तान संकट: ब्रिटेन के पीएम ने G7 की अर्जेंट बैठक बुलाई, 24 अगस्त को इन मुद्दों पर होगी चर्चा
लंदन, 22 अगस्त: 15 अगस्त को तालाबिन ने अफगानिस्तान की सत्ता पर अपना कब्जा जमा लिया, जिसके बाद लगातार वहां से अफगान लोग देश छोड़ने का जतन कर रहे है। इस घटनाक्रम पर पूरी दुनिया की नजर हैं। वहीं ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने भी अफगानिस्तान में जारी संकट पर जी-7 की एक तत्काल बैठक बुलाई है, जिसके तहत जी 7 नेता मंगलवार (24 अगस्त) को एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करेंगे, ब्रिटेन के पीएम ने रविवार को तालिबान के सत्ता में आने के एक हफ्ते बाद इसकी जानकारी दी है।
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रविवार को जॉनसन ने ट्वीट लिखा कि,
मैं अफगानिस्तान की स्थिति पर तत्काल बातचीत के लिए मंगलवार को जी-7 नेताओं को बुलाऊंगा। यह महत्वपूर्ण है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने, मानवीय संकट को रोकने और पिछले 20 सालों से जो लाभ लाभ अफगानिस्तान को मिले हैं। उन्हें बनाए रखने के लिए जरूरी है कि हम अफगान लोगों का समर्थन करने के लिए मिलकर काम करें।
I will convene G7 leaders on Tuesday for urgent talks on the situation in Afghanistan. It is vital that the international community works together to ensure safe evacuations, prevent a humanitarian crisis and support the Afghan people to secure the gains of the last 20 years.
— Boris Johnson (@BorisJohnson) August 22, 2021
बता दें कि यूनाइटेड किंगडम वर्तमान में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के धनी देशों के समूह की कुर्सी पर काबिज है और जॉनसन पिछले एक हफ्ते से बैठक के लिए जोर दे रहा हैं। इधर, काबुल में अराजक तस्वीरों के बीच अफगानिस्तान में संकट से निपटने के लिए पश्चिमी सहयोगियों को बढ़ती आलोचना का सामना करना पड़ा है, क्योंकि तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद हजारों अफगान और विदेशी काबुल से भागने की कोशिश कर रहे हैं।
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वहीं अमेरिका जिसने हवाई अड्डे को सुरक्षित करने और अपने नागरिकों और उनकी मदद करने वाले अफगानों को निकालने के लिए अस्थायी रूप से हजारों सैनिकों को भेजा हैं, उसने 31 अगस्त तक एयरलिफ्ट को पूरा करने की समय सीमा निर्धारित की है। हालांकि, यूके सहित सहयोगियों ने सुझाव दिया है कि वे समय सीमा बढ़ाने का समर्थन करेंगे, एक ऐसा मुद्दा जो मंगलवार की चर्चा में प्रमुखता से शामिल हो सकता है।