रोहिंग्या मुस्लिमों से परेशान हुआ बांग्लादेश, बांटे जा रहे कंडोम
नई दिल्लीः म्यांमार में हिंसा हुई तो बांग्लादेश ने करीब सात रोहिंग्या मुस्लिमों को शरण दी लेकिन अब ये उनकी लिए मुश्किल की वजह बनती जा रही है। रोहिंग्या मुस्लिमों की जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए म्यांमार से आए रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए बांग्लादेश की सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण के उपाय खोजने शुरू कर दिए हैं। पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश को इस बात का डर सता रहा है कि शरणार्थी कैंपों में रह रहे रोहिंग्या मुस्लिमों की जनसंख्या अगर तेजी से बढ़ी तो मानवीय त्रासदी का रूप न ले ले।
सात लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी हैं बांग्लादेश में
बांग्लादेश द्वारा जारी किए गए आकंड़ों के अनुसार अभी तक चार लाख बीस हजार के करीब रोहिंग्या शरणार्थी आ चुके हैं। इनमें से करीब 70 हजार के करीब महिलाएं गर्भवती हैं। बांग्लादेश की सरकार को इस बात का डर सता रहा है कि अगर इस मामले में जल्द हस्तक्षेप नहीं किया तो रोहिंग्या शरणार्थियों की जनसंख्या बहुत ज्यादा हो जाएगी।
हर परिवार में हैं 6 से 10 बच्चे
बांग्लादेश के परिवार नियोजन विभाग के हेड पिंटू कांति भट्टाचार्य ने इस मामले पर कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थियों के 6, 7, 8, 9, 10-10 बच्चे हैं और ये कम होने का नाम नहीं ले रही है। जनसंख्या पर चिंता जताता हुए उन्होंने कहा कि अगर इस पर रोक नहीं लगाई गई तो ये 20 हजार नए बच्चे पैदा हो जाएंगे।
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नहीं है आसान
बांग्लादेश के परिवार नियोजन विभाग के अधिकारी के मुताबिक ये काम इतना आसान भी नहीं है। कुछ रोहिंग्या शरणार्थी इस विरोध कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसके समर्थन में उतर आए हैं। कुछ शरणार्थियों का कहना है कि बच्चों को पैदा होने से रोकना पाप है।